दशहरा पर्व पर प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां तेज, निगम ने बनाई विशेष कार्य योजना
दशहरा पर्व पर प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां तेज, निगम ने बनाई विशेष कार्य योजना
Written & Edited By : आदिल अज़ीज़
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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कटनी में दशहरा पर्व की भव्य तैयारियां
कटनी (29 सितंबर) – शारदीय नवरात्रि के समापन पर दशहरा पर्व हर वर्ष की तरह इस बार भी आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। शहर में 1 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दशहरा चल समारोह एवं दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। पर्यावरण संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निगम ने इस वर्ष भी कृत्रिम कुंडों के निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था और सफाई कार्य को लेकर व्यापक तैयारियां की हैं।
निगमायुक्त तपस्या परिहार ने आदेश जारी कर प्रतिमा विसर्जन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को समय पर पूर्ण कराने के लिए निगम अमले को निर्देशित किया है। इसके तहत घाटों की साफ-सफाई, जल संरक्षण और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
तीन शिफ्टों में ड्यूटी, 120 से अधिक कर्मचारी तैनात
निगम प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए तीन शिफ्टों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। कुल 11 चिन्हित घाटों और तालाबों में कृत्रिम कुंड तैयार किए जा रहे हैं, जहां दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। उपायुक्त शैलेश गुप्ता को संपूर्ण कार्यवाही का प्रभारी बनाया गया है, जबकि सहायक प्रभारी के रूप में कार्यपालन यंत्री सुधीर मिश्रा और राजस्व अधिकारी जागेश्वर पाठक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
120 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी तीनों शिफ्टों में प्रतिमा विसर्जन कार्य को संपन्न कराएंगे। निगमायुक्त तपस्या परिहार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी कर्मचारियों को स्पष्ट जिम्मेदारियां दी जाएं ताकि किसी भी स्थल पर भीड़भाड़ या अव्यवस्था न हो।
कृत्रिम कुंडों का निर्माण तेज
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय हरित अधिकरण की गाइडलाइन के अनुरूप नगर निगम ने शहर के प्रमुख घाटों पर कृत्रिम कुंड तैयार करवाए हैं। इन कुंडों का उद्देश्य प्रतिमा विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण को रोकना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है।
मोहन घाट, माई नदी, बाबा घाट, छपरवाह घाट, बिलगवां घाट, सिमरार नदी रपटा जुहला, बजरंग कॉलोनी तट और ट्रांसपोर्ट नगर तालाब सहित 11 स्थानों पर कुंड तैयार किए जा रहे हैं। गाटर घाट की जिम्मेदारी सहायक यंत्री असित खरे और सुनील सिंह को दी गई है, जबकि पीरबाबा निवार नदी और हनुमान घाट के दोनों ओर सहायक यंत्री अंशुमान सिंह और अनिल जायसवाल के नेतृत्व में टीम काम कर रही है।
प्रतिबंधित घाटों पर कड़ी निगरानी
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मसुरहा घाट, कटाये घाट और अमीरगंज तालाब में प्रतिमा विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। निगमायुक्त तपस्या परिहार ने इन स्थलों पर सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए हैं। तीनों घाटों पर शिफ्टवार कुल 22 सहायक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी स्थिति में इन प्रतिबंधित स्थलों पर विसर्जन न हो।
यह कदम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय हरित अधिकरण की गाइडलाइन का पालन करने और जलस्रोतों को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
प्रकाश और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
नगर निगम ने प्रतिमा विसर्जन मार्ग और घाटों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की है। हाई मास्ट लाइट्स और एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं ताकि रात में भी श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विद्युत विभाग ने समय रहते सभी तारों और कनेक्शनों की जांच पूरी कर ली है।
साथ ही, पुलिस विभाग और निगम सुरक्षा दल को भीड़ प्रबंधन के लिए तैनात किया जाएगा। आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घाटों पर मौजूद रहेगी।
नागरिकों से अपील
महापौर प्रीति संजीव सूरी, निगमाध्यक्ष मनीष पाठक और निगमायुक्त तपस्या परिहार ने नगर की दुर्गा समितियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे प्रतिमा विसर्जन केवल चिन्हित घाटों के कृत्रिम कुंडों में ही करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रशासनिक व्यवस्था का सम्मान है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में हर नागरिक का योगदान भी है।
निगम प्रशासन ने श्रद्धालुओं से प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न करने और विसर्जन के बाद बची पूजन सामग्री को निर्धारित स्थानों पर डालने की अपील की है।
दशहरा पर्व का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
दशहरा केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। नवरात्रि के नौ दिनों की साधना के बाद दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन और रावण दहन समाज को सकारात्मक संदेश देता है। यह पर्व स्वच्छता, अनुशासन और एकता का प्रतीक है।
नगर निगम प्रशासन का यह प्रयास न केवल धार्मिक आयोजन को सुव्यवस्थित बनाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा।
कटनी में इस वर्ष दशहरा पर्व के दौरान प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां प्रशासनिक दक्षता और पर्यावरण संरक्षण के साथ की जा रही हैं। कृत्रिम कुंडों का निर्माण, सफाई व्यवस्था, प्रकाश प्रबंधन और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम से यह पर्व श्रद्धा और अनुशासन का आदर्श प्रस्तुत करेगा। नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और इस पर्व को स्वच्छ और सुरक्षित बनाएं।
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