मध्यप्रदेश बना देश का पहला राज्य जिसने बनाई इलेक्ट्रिक वाहन नीति, ईवी हब बनने की ओर बढ़ा कदम
कटनी (08 सितम्बर) –
मध्यप्रदेश ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया है, जिसने इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्व ईवी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने का आह्वान किया।
यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मध्यप्रदेश को आने वाले समय में ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
इलेक्ट्रिक वाहन नीति : जलवायु परिवर्तन से निपटने का उपाय
विश्वभर में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती बन चुका है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने का सबसे कारगर समाधान माने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तय किए गए राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में मददगार साबित होगी।
इस नीति के अंतर्गत रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी, जिससे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित करने के प्रयास होंगे।
इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का होगा गठन
नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोर्ड विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करेगा और ईवी सेक्टर से जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार होगा।
ईवी शिक्षा और कौशल विकास पर जोर
मध्यप्रदेश सरकार ने ईवी सेक्टर के लिए आवश्यक मानव संसाधन तैयार करने का भी खाका तैयार किया है। इंजीनियरिंग कॉलेजों और आईटीआई में ईवी एवं संबंधित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इससे छात्रों और युवाओं को नई तकनीकों की जानकारी मिलेगी और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
ईवी मॉडल सिटी : भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन
राज्य सरकार ने पांच बड़े शहरों को ईवी मॉडल सिटी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इन शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों, स्वैपिंग सुविधाओं और अन्य आधारभूत संरचनाओं का तेजी से विस्तार किया जाएगा।
2030 तक का लक्ष्य
मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक स्पष्ट लक्ष्य तय किए गए हैं:
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2 पहिया वाहनों का 40% पंजीकरण इलेक्ट्रिक होना
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3 पहिया वाहनों का 80% पंजीकरण इलेक्ट्रिक होना
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4 पहिया वाहनों का 15% पंजीकरण इलेक्ट्रिक होना
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बसों का 40% पंजीकरण इलेक्ट्रिक होना
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मध्यप्रदेश आने वाले समय में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन मिशन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वित्तीय प्रोत्साहन और चार्जिंग स्टेशन
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के वित्तीय प्रोत्साहन का प्रावधान किया है:
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छोटे, मीडियम और बड़े चार्जिंग स्टेशनों के लिए 10 लाख रुपये तक की सहायता
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अनुसंधान, नवाचार एवं कौशल विकास के लिए 2 करोड़ रुपये तक का प्रावधान
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बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिए 5 लाख रुपये तक का प्रावधान
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रेट्रोफिटिंग (2 पहिया, 3 पहिया और कार) के लिए 25 हजार रुपये तक का प्रोत्साहन
इन प्रावधानों से न केवल ईवी उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उत्पन्न होंगे।
ईवी कार्यशालाएं और एक्सपो
जनजागरूकता के लिए विश्व ईवी दिवस (9 सितम्बर) पर मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल में ईवी कार्यशाला और ऑटो एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के फायदों और सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देना है।
ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की क्षमता
मध्यप्रदेश के पास इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है। राज्य में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रतिभा और संसाधन मौजूद हैं।
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बैटरी निर्माण सुविधाएं
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असेंबली प्लांट
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मजबूत सप्लाई चैन नेटवर्क
इसके अलावा, भारत में हाल ही में खोजे गए लिथियम भंडार से मध्यप्रदेश को विशेष लाभ मिलेगा। यह बैटरियों का सबसे महत्वपूर्ण घटक है और अब देश की आयात पर निर्भरता घटेगी।
स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर
ईवी का उपयोग न केवल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है, बल्कि लागत भी घटाता है। यह प्रदूषण कम करने और स्वच्छ वातावरण बनाने में अहम योगदान देगा।
प्रदेश में वायु गुणवत्ता सुधार, पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में यह नीति मील का पत्थर साबित होगी।
मध्यप्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाकर एक दूरदर्शी पहल की है। यह कदम न केवल प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा। आने वाले समय में मध्यप्रदेश का सपना है कि वह ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बने और 2070 तक भारत को शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करे।
जनता में इस पहल को लेकर उत्साह है और विशेषज्ञ मानते हैं कि यह नीति भारत को हरित ऊर्जा क्रांति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाएगी।
✍️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बना। ईवी संवर्धन बोर्ड का गठन, चार्जिंग स्टेशन प्रोत्साहन, मॉडल सिटी और रोजगार सृजन के साथ ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तैयारी।

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