कटनी में बिना अनुमति स्मार्ट मीटर बदलने पर उपभोक्ताओं का आक्रोश, डीई के विरुद्ध शिकायत
कटनी (08 सितम्बर) – जिले में स्मार्ट मीटर बदलने को लेकर उपभोक्ताओं का आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। कुठला क्षेत्र में समाजसेवी प्रभात पांडे के घर पर विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने उनकी बिना अनुमति और सहमति के स्मार्ट मीटर बदल दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने पहले बिजली विभाग से संपर्क किया। लेकिन जब वहां से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने सीधे जिला पुलिस अधीक्षक कटनी को लिखित शिकायत देकर बिजली विभाग के डीई के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
🖋️ Written & Edited By : आदिल अज़ीज़
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
PUBLIC SAB JANTI HAI
Email : publicnewsviews1@gmail.com
🔹 स्मार्ट मीटर विवाद का मामला
कुठला क्षेत्र में हुआ यह मामला अब पूरे कटनी शहर में चर्चा का विषय बन गया है। समाजसेवी प्रभात पांडे का कहना है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की सहमति और अनुमति के बिना लगाया जाना विधि विरुद्ध कार्य है। इसके कारण उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिजली बिल का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि इन स्मार्ट मीटरों से जुड़ी उपभोक्ताओं की निजी और गोपनीय जानकारी कहीं विदेशों तक लीक तो नहीं हो रही। इस आशंका ने जनता की चिंता और भी बढ़ा दी है।
🔹 उपभोक्ताओं का गुस्सा क्यों?
कटनी और आसपास के क्षेत्रों में कई उपभोक्ता शिकायत कर चुके हैं कि :
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स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिल अचानक बहुत अधिक आने लगे हैं।
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बिना जानकारी और अनुमति के रातों-रात मीटर बदल दिए जाते हैं।
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उपभोक्ताओं की सहमति की कोई आवश्यकता नहीं समझी जाती।
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बिजली विभाग शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
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मीटर में तकनीकी गड़बड़ी के बाद उपभोक्ता को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।
इन्हीं कारणों से शहर में बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
🔹 पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत
जब प्रभात पांडे ने बिजली विभाग से कोई समाधान न मिलने पर पुलिस अधीक्षक कटनी को आवेदन दिया, तो उन्होंने मांग की कि बिजली विभाग के डीई के विरुद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
यह कदम न सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल है। उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी और विभागीय मनमानी के खिलाफ यह शिकायत अब अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी प्रेरणा बन रही है।
🔹 बिजली कांग्रेस करेगी विभाग का घेराव
सूत्रों के अनुसार, बिजली कांग्रेस कटनी 12 सितम्बर को बिजली विभाग का घेराव करेगी। उनका कहना है कि जब तक विभाग उपभोक्ताओं की सहमति और अनुमति का सम्मान नहीं करेगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
बिजली कांग्रेस के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि विभाग जानबूझकर लोगों पर स्मार्ट मीटर थोप रहा है। इस मीटर की स्थापना में न केवल पारदर्शिता का अभाव है बल्कि यह जनहित के विपरीत कार्य भी है।
🔹 स्मार्ट मीटर के फायदे या नुकसान?
स्मार्ट मीटर को बिजली विभाग भविष्य की जरूरत बता रहा है। विभाग का कहना है कि इससे बिजली की खपत का सही डेटा मिलता है और चोरी पर नियंत्रण होता है।
लेकिन कटनी के उपभोक्ता इन मीटरों को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं:
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बिजली बिल ज्यादा क्यों आ रहा है?
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बिना अनुमति और सहमति के मीटर क्यों बदले जा रहे हैं?
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डेटा सुरक्षा को लेकर ठोस गारंटी क्यों नहीं दी जाती?
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गड़बड़ी होने पर उपभोक्ता को ही क्यों दोषी ठहराया जाता है?
🔹 उपभोक्ता अधिकार बनाम विभागीय मनमानी
भारत के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार, किसी भी सेवा प्रदाता संस्था को उपभोक्ता की सहमति लेना अनिवार्य है। यदि बिना सहमति कोई बदलाव या दबाव डाला जाता है तो यह उपभोक्ता अधिकारों का हनन माना जाता है।
कटनी में हो रही घटनाओं से यह साफ झलकता है कि विभाग उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी कर रहा है। यदि यह सिलसिला जारी रहा तो उपभोक्ता संगठन और अधिक सख्त कदम उठा सकते हैं।
🔹 जनता में बढ़ रहा असंतोष
कटनी शहर में कई उपभोक्ता खुलेआम कह रहे हैं कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं। कुछ उपभोक्ताओं ने तो यह तक आरोप लगाया कि विभाग कर्मचारियों द्वारा मीटर लगाने के समय दबाव और धमकी भी दी जाती है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि जनता को लगातार नजरअंदाज किया गया तो आने वाले समय में जन आंदोलन खड़ा हो सकता है।
🔹 सोशल मीडिया पर गर्म मुद्दा
यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। लोग अपने बिजली बिल की तस्वीरें और स्मार्ट मीटर से जुड़ी शिकायतें लगातार साझा कर रहे हैं। हैशटैग #SmartMeterScam और #ConsumerRights ट्रेंड कर रहे हैं।
कटनी में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर उपभोक्ताओं का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। बिना अनुमति और सहमति के मीटर बदलना न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि यह उपभोक्ता अधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।
समाजसेवी प्रभात पांडे द्वारा पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत और बिजली कांग्रेस द्वारा विभाग का घेराव इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और भी बड़ा रूप ले सकता है।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और बिजली विभाग इस मामले पर क्या ठोस कदम उठाते हैं। जनता की मांग है – अनुमति और सहमति के बिना किसी भी उपभोक्ता के घर स्मार्ट मीटर न लगाया जाए।
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