रतलाम में जीतू पटवारी पर हमला: कटनी कांग्रेस का आक्रोश, पुलिस महानिदेशक के नाम सौंपा ज्ञापन
Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
PUBLIC SAB JANTI HAI
रतलाम में हुई घटना पर कटनी कांग्रेस में गुस्सा
रतलाम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर हुए प्राणघातक हमले ने पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस हमले को लेकर कटनी जिला शहर कांग्रेस ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया। कांग्रेसजनों ने जिला शहर अध्यक्ष अमित शुक्ला के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया को पुलिस महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपकर हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
कांग्रेस ने जताई कड़ी नाराजगी
कांग्रेस जिला शहर अध्यक्ष अमित शुक्ला ने कहा कि 31 अगस्त को रतलाम में प्रदेश अध्यक्ष पटवारी पर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया। यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि पहले भी पटवारी पर इस तरह के हमले हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता लगातार प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और इसी कारण वे नशे के कारोबारियों के निशाने पर हैं।
नशे के खिलाफ पटवारी का अभियान
जीतू पटवारी लंबे समय से प्रदेश में चल रहे नशे के कारोबार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनका यह अभियान नशे की जड़ों को खत्म करने और युवाओं को नशे के जाल से बचाने का है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि नशे के कारोबारियों और भाजपा नेताओं के बीच संबंध उजागर हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कई तस्वीरें सामने आई हैं जो इस रिश्ते को दिखाती हैं। इसी कारण पटवारी पर बार-बार हमले हो रहे हैं।
राजनीतिक संरक्षण का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि नशे के कारोबारियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। अगर ऐसा न होता तो अब तक कई बड़े माफिया जेल के पीछे होते। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर हमलावरों पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रदेशभर में कांग्रेसजन सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
कटनी में बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों की मौजूदगी
ज्ञापन सौंपने के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद रही। इसमें पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रियदर्शन गौर, ग्रामीण अध्यक्ष विजय पटेल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर रजनी वर्मा, राजा जगवानी, मौसूफ अहमद बिट्टू, ईश्वर वहरानी, विवेक गोल्डन पांडे, आनंद पटेल, कमल पांडेय, राजेश जाटव, अजय गोटिया, माया चौधरी, सुमन रजक, मुमताज बानो, विनीत जयसवाल, दिग्विजय सिंह, अजय खटीक, श्याम यादव, अजय आहूजा, सुरेंद्र राणा, विवेक विरहा, अभय खरे, राजू कुदरहा, आदित्य कटारे, सुनील कुशवाहा, शाशक गुप्ता, रमेश अहिरवार, शेख सिकंदर, सुरेंद्र कुमार राणा, विजय पटेल, निर्मल गौतम, मनीष चौबे, नमन विश्वकर्मा, हर्षित मिश्रा, रामचन्द्र मूलचंदनानी, विज्जु सोलंकी, मधु नायक, रमाकांत दुबे सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन एवं महिलाएं मौजूद थीं।
जनता से जुड़ा मुद्दा बना आंदोलन
कटनी कांग्रेस का यह विरोध केवल जीतू पटवारी पर हुए हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी सवाल खड़ा करता है। नशे के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन को जनता का भी समर्थन मिल रहा है, क्योंकि हर वर्ग नशे की समस्या से प्रभावित है। कांग्रेस का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार सच में युवाओं का भविष्य सुरक्षित बनाना चाहती है तो नशे के कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई करे।
कांग्रेस का संदेश: अब बर्दाश्त नहीं होगा
कटनी कांग्रेस के नेताओं ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब इस तरह के हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया गया तो प्रदेशभर में बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी। यह लड़ाई केवल एक नेता पर हुए हमले की नहीं है, बल्कि प्रदेश को नशामुक्त बनाने की लड़ाई है।
नतीजा और सवाल
रतलाम की घटना ने जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश भर दिया है, वहीं प्रदेश सरकार पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर बार-बार क्यों कांग्रेस नेताओं पर हमले हो रहे हैं? क्या वाकई नशे के कारोबारियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है? और क्या प्रदेश सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएगी?
इन सवालों का जवाब समय देगा, लेकिन इतना तय है कि जीतू पटवारी पर हुए इस हमले ने प्रदेश की राजनीति को और गरमा दिया है।
कटनी कांग्रेस द्वारा पुलिस महानिदेशक के नाम सौंपा गया ज्ञापन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता की आवाज भी है। कांग्रेस का यह कहना सही है कि अगर आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण न मिला होता, तो वे अब तक जेल की सलाखों के पीछे होते। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर कैसी कार्रवाई करती है और प्रदेश की जनता किस हद तक इस आंदोलन के साथ खड़ी होती है।
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