कटनी जिले में अब तक 1096.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज, पिछले साल से 2.3% अधिक
Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ) PUBLIC SAB JANTI HAI
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कटनी – इस साल मॉनसून ने कटनी जिले में अपनी पूरी मेहरबानी बरसाई है। 1 जून से 27 सितम्बर 2025 तक जिले में कुल 1096.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह आंकड़ा न केवल किसानों के लिए राहत भरा है बल्कि पिछले वर्ष की तुलना में 2.3 प्रतिशत अधिक भी है। बीते वर्ष इसी अवधि में जिले में 1071.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
रीठी तहसील में सबसे ज्यादा बारिश
जिले में सर्वाधिक औसत वर्षा रीठी तहसील में रिकॉर्ड की गई है। यहां अब तक 1441.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। लगातार हो रही अच्छी वर्षा से यहां के किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। धान, सोयाबीन, मूंगफली और दलहन जैसी खरीफ फसलों के लिए यह बारिश बेहद फायदेमंद साबित हो रही है।
कटनी तहसील में 1155.2 मिलीमीटर बारिश
भू-अभिलेख अधीक्षक अमृता गर्ग ने जानकारी दी कि कटनी तहसील में अब तक 1155.2 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह पिछले साल के मुकाबले अच्छी वृद्धि है और फसलों की बुवाई, सिंचाई व जलस्तर सुधार में सहायक होगी।
स्लीमनाबाद और ढीमरखेड़ा भी आगे
स्लीमनाबाद तहसील में भी इस बार बारिश ने उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया है। यहां 1291.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो जिले में दूसरे स्थान पर है। वहीं ढीमरखेड़ा तहसील में 1026.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इन दोनों क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा से जल स्रोतों के पुनर्भरण और भूजल स्तर में सुधार की संभावना मजबूत हुई है।
अन्य तहसीलों में भी संतोषजनक बारिश
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बड़वारा तहसील – 1001 मिलीमीटर
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बरही तहसील – 951 मिलीमीटर
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विजयराघवगढ़ तहसील – 940.4 मिलीमीटर
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बहोरीबंद तहसील – 959.8 मिलीमीटर
ये आंकड़े बताते हैं कि जिले के लगभग सभी हिस्सों में संतुलित बारिश हुई है। हालांकि कुछ तहसीलों में अभी और बारिश की आवश्यकता महसूस की जा रही है ताकि रबी फसलों के लिए पर्याप्त नमी बनी रहे।
किसानों के लिए राहत और उम्मीद
लगातार हो रही अच्छी बारिश से किसानों में खुशी का माहौल है। खरीफ फसलें जैसे धान, मक्का, सोयाबीन और दलहन बेहतर स्थिति में हैं। खेतों में पर्याप्त पानी जमा होने से न केवल वर्तमान फसल बल्कि आगामी रबी सीजन के लिए भी मिट्टी की नमी बनी रहेगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अक्टूबर तक बारिश का यह क्रम जारी रहा तो जिले में पैदावार औसत से अधिक होने की संभावना है।
जलस्तर में सुधार की संभावना
इस साल की 2.3 प्रतिशत अतिरिक्त वर्षा से जिले के जलस्रोतों और भूजल स्तर में भी सुधार होगा। तालाबों, नहरों और कुओं में पर्याप्त पानी जमा होने से सिंचाई की व्यवस्था बेहतर होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट कम होने की उम्मीद है।
पिछले साल की तुलना
पिछले वर्ष 1 जून से 27 सितम्बर तक जिले में 1071.4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस बार का आंकड़ा इससे लगभग 25 मिलीमीटर अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतर छोटा जरूर है, लेकिन कृषि उत्पादन और जल प्रबंधन पर बड़ा असर डाल सकता है।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है तो कटनी जिला इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा दर्ज कर सकता है।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने वर्षा के आंकड़ों को देखते हुए किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों की देखभाल में सावधानी बरतें। खेतों में अधिक पानी जमा होने पर समय-समय पर निकासी की व्यवस्था करें ताकि फसलों को नुकसान न हो। साथ ही तालाबों और बांधों की सुरक्षा को लेकर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
जनजीवन पर असर
लगातार अच्छी बारिश से जहां किसान खुश हैं, वहीं शहरवासियों को भी राहत मिली है। भूजल स्तर बढ़ने से पीने के पानी की समस्या कम होगी। साथ ही हरियाली बढ़ने से वातावरण शुद्ध और ठंडा महसूस हो रहा है।
कटनी जिले में इस साल की वर्षा न केवल कृषि के लिए वरदान है, बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरण सुधार के लिए भी सकारात्मक संकेत है। 1096.3 मिलीमीटर औसत वर्षा का यह आंकड़ा बताता है कि मॉनसून ने जिले पर अपनी कृपा बरसाई है। आने वाले समय में यदि बारिश का यह सिलसिला थोड़ा और जारी रहा तो यह वर्ष कटनी के लिए जल और फसल दोनों के लिहाज से ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
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