स्वतंत्रता दिवस: ध्वज संहिता के नियमों का करें पालन, तिरंगे का न हो अपमान , ध्वजारोहण के महत्वपूर्ण नियम , ध्वज को उतारने और सुरक्षित रखने के नियम , कानूनी प्रावधान और दंड
Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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कटनी (14 अगस्त)
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त और "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत घर-घर, गलियों और सरकारी-ग़ैर सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। लेकिन तिरंगा केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है—यह हमारी आज़ादी का प्रतीक, हमारे शहीदों के बलिदान की निशानी और भारत की एकता का संदेश है। इसलिए भारतीय ध्वज संहिता (Indian Flag Code) के नियमों का पालन करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
कई बार अनजाने में लोग ऐसे कार्य कर बैठते हैं, जिससे तिरंगे का अपमान हो जाता है। जैसे—फटे झंडे का उपयोग करना, जमीन पर गिरा देना या ध्वज पर कुछ लिखना। ये सब कानूनी अपराध हैं और देश की गरिमा के खिलाफ हैं।
ध्वज संहिता का महत्व
भारतीय ध्वज संहिता 2002 में लागू की गई थी, ताकि देशभर में तिरंगे के सही इस्तेमाल और उसके सम्मान को लेकर स्पष्ट नियम हों। इस संहिता में बताया गया है कि झंडा कैसे फहराया जाए, कब उतारा जाए और कैसे सुरक्षित रखा जाए।
राष्ट्रीय ध्वज हमारी पहचान है। यह केसरिया, सफेद और हरे रंग के तीन बराबर हिस्सों से बना है—
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केसरिया रंग: साहस और बलिदान का प्रतीक
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सफेद रंग: शांति और सत्य का प्रतीक, जिसके बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है
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हरा रंग: समृद्धि और विकास का प्रतीक
अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं, जो समय, प्रगति और न्याय का संदेश देती हैं।
ध्वजारोहण के महत्वपूर्ण नियम
1. झंडे की स्थिति और आकार
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तिरंगा हमेशा आयताकार होना चाहिए।
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इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
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अशोक चक्र सफेद पट्टी के बीच में होना चाहिए और साफ, स्पष्ट दिखना चाहिए।
2. झंडे की साफ-सफाई
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ध्वज फटा, गंदा या किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए।
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उस पर कुछ भी लिखा हुआ नहीं होना चाहिए।
3. फहराने का तरीका
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झंडा हमेशा सम्मानपूर्वक फहराया जाए।
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यह कभी भी ज़मीन को नहीं छूना चाहिए।
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अगर किसी मंच पर ध्वज फहराया जा रहा है, तो वक्ता के दाहिनी ओर होना चाहिए।
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यदि तिरंगे के साथ कोई और झंडा है, तो वह तिरंगे के नीचे लगाया जाए।
ध्वज को उतारने और सुरक्षित रखने के नियम
तिरंगे को केवल फहराने में ही नहीं, उतारते समय भी सावधानी बरतनी जरूरी है।
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झंडे को उतारते समय वह न गिरे और न ही ज़मीन छुए।
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सबसे पहले ध्वज को क्षैतिज रूप में फैलाएं।
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केसरिया और हरे हिस्से को सफेद पट्टी की ओर मोड़ें, ताकि केवल अशोक चक्र दिखे।
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मोड़े गए झंडे को साफ कपड़े या डिब्बे में सुरक्षित रखें।
क्या न करें (Do’s & Don’ts)
❌ न करें
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झंडे को कपड़ों, टेबलक्लॉथ या किसी सजावटी वस्तु के रूप में इस्तेमाल न करें।
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ध्वज को किसी भी विज्ञापन, पोस्टर या प्रिंट में अपमानजनक तरीके से न छापें।
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तिरंगे को वाहन के बोनट, छत या किसी और जगह पर इस तरह न लगाएं, जिससे वह फट जाए या गंदा हो जाए।
✅ करें
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झंडे को केवल स्वीकृत सामग्री से बनवाएं—कपड़ा, कागज आदि।
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फहराने से पहले झंडे की साफ-सफाई और स्थिति की जांच करें।
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ध्वज को सम्मानपूर्वक संभालकर रखें।
कानूनी प्रावधान और दंड
भारतीय ध्वज संहिता का उल्लंघन करने पर 1950 के राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम के तहत सख्त सजा हो सकती है—
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3 साल तक की सजा
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जुर्माना
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या दोनों
इसलिए, तिरंगे का गलत इस्तेमाल करने से बचें, चाहे वह सोशल मीडिया पोस्ट हो, किसी इवेंट का पोस्टर हो या घर की सजावट।
हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य
सरकार ने “हर घर तिरंगा” अभियान की शुरुआत की, ताकि लोगों में राष्ट्रध्वज के प्रति गौरव और अपनापन बढ़े।
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इस अभियान में लोग अपने घर, दुकान, ऑफिस या वाहन पर तिरंगा लगाते हैं।
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इससे राष्ट्रीय एकता का संदेश पूरे देश में फैलता है।
लेकिन इस जोश में हमें नियमों को नहीं भूलना चाहिए। राष्ट्रप्रेम का असली रूप तभी है, जब हम उसके प्रतीकों का सम्मान करें।
स्वतंत्रता दिवस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि देशभक्ति का पर्व है। तिरंगे का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। यह सिर्फ कपड़ा नहीं—यह उन करोड़ों देशवासियों की भावनाओं का प्रतीक है, जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष किया।
इसलिए, 15 अगस्त को जब आप तिरंगा फहराएं, तो ध्वज संहिता के हर नियम का पालन करें। ऐसा करके न केवल आप कानून का पालन करेंगे, बल्कि अपने दिल में तिरंगे के लिए सच्चा सम्मान भी दिखाएंगे।
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Written & Edited By : ADIL AZIZ
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