मध्यप्रदेश में 99 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिली ‘अपार आईडी’ – शिक्षा में क्रांति की ओर एक बड़ा कदम , ‘अपार आईडी’ क्या है और क्यों है खास?
Written & Edited By : ADIL AZIZ
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मध्यप्रदेश में ‘अपार आईडी’ से शिक्षा में डिजिटल क्रांति
कटनी (13 अगस्त) – शिक्षा के क्षेत्र में एक नई और ऐतिहासिक पहल के तहत केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘अपार’ (Automated Permanent Academic Account Registry) आईडी को लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य है ‘वन नेशन – वन स्टूडेंट आईडी’ की अवधारणा को साकार करना, ताकि हर विद्यार्थी को उसकी शिक्षा से जुड़ी एक स्थायी और अद्वितीय पहचान मिल सके।
प्रदेश में अब तक 99 लाख 41 हजार विद्यार्थियों की अपार आईडी तैयार की जा चुकी है, जो एक बड़ा आंकड़ा है। यह आईडी जीवनभर मान्य रहेगी और विद्यार्थी की शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगी।
‘अपार आईडी’ क्या है और क्यों है खास?
‘अपार’ आईडी एक डिजिटल पहचान है जो विद्यार्थी के शैक्षणिक करियर का स्थायी रिकॉर्ड बनाती है। यह शैक्षणिक क्रेडिट बैंक की तरह काम करेगी, जहां विद्यार्थी की सारी शैक्षणिक जानकारी डिजिटल रूप में सुरक्षित होगी।
इस आईडी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि
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विद्यार्थी के स्कूल बदलने पर सभी दस्तावेज अपने आप नये स्कूल में पहुंच जाएंगे।
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एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी पूरी जानकारी स्थानांतरित हो जाएगी।
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अब ट्रांसफर सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रदेश में अब तक की प्रगति
मध्यप्रदेश में अब तक 65% विद्यार्थियों की ‘अपार’ आईडी बन चुकी है, जो राष्ट्रीय औसत 56% से अधिक है।
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कुल तैयार आईडी: 99,41,000
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शेष आईडी: 50,00,000
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प्रत्येक जिले में जिला शिक्षा अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त हैं।
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हर विद्यालय में एक शिक्षक को प्रभारी नोडल अधिकारी बनाया गया है।
अभिभावकों की सहमति और जागरूकता अभियान
स्कूल शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की सहमति के लिए विशेष मीटिंग आयोजित की। इस दौरान ‘अपार आईडी’ के लाभ और प्रक्रिया को समझाया गया, जिससे अधिक से अधिक अभिभावक इस योजना में सहयोग करें।
‘अपार आईडी’ के मुख्य फायदे
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डिजिटल स्टोरहाउस – विद्यार्थी के सभी शैक्षणिक और कौशल से जुड़े रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
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ड्रॉपआउट पर नज़र – पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की पहचान आसानी से होगी और उन्हें मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी।
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डिजिलॉकर से लिंक – परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, कौशल प्रशिक्षण आदि की आसान उपलब्धता।
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राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता – एनटीए की प्रवेश परीक्षाओं, छात्रवृत्तियों, सरकारी लाभ और पुरस्कार वितरण में मान्य।
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कैरियर में मदद – भविष्य में उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए क्रेडिट स्कोर का उपयोग संभव।
शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में मील का पत्थर
‘अपार आईडी’ केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह भारतीय शिक्षा प्रणाली को डिजिटल युग में ले जाने का एक बड़ा कदम है। इससे शिक्षा में पारदर्शिता, सुगमता और निरंतरता बढ़ेगी।
भविष्य की संभावनाएं
इस योजना के पूरी तरह लागू होने के बाद विद्यार्थी के लिए देशभर में कहीं भी शिक्षा जारी रखना आसान होगा। चाहे वह गांव में हो या शहर में, उसकी शैक्षणिक पहचान और रिकॉर्ड हमेशा उसके साथ रहेगा।
Written & Edited By : ADIL AZIZ
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