भोपाल नगर निगम का वायरल वीडियो: बारिश में पेड़ों को पानी क्यों? उठे सवाल, जनता हैरान
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
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बारिश के बीच टैंकर से पेड़ों को सींचता नजर आया नगर निगम
भोपाल (मध्यप्रदेश), 30 जुलाई 2025 –
भोपाल नगर निगम का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसने आमजन में कौतूहल और सवालों की बौछार कर दी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बड़ा टैंकर बारिश के दौरान सड़कों पर लगे पेड़ों को पानी दे रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि जब आकाश से स्वयं वर्षा हो रही है, तो फिर यह जल-छिड़काव क्यों? क्या यह सरकारी संसाधनों की बर्बादी नहीं है? या इसके पीछे कोई विशेष कारण छिपा है?
लोगों ने वीडियो पर जताई हैरानी, सरकार से मांगा जवाब
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने सवालों की बौछार कर दी।
एक यूज़र ने कमेंट किया - "बारिश हो रही है और टैंकर से पानी डाला जा रहा है? ये कैसा प्रशासन है?"
दूसरे यूज़र ने लिखा - "सरकारी पैसे की ऐसी बर्बादी देखकर दुख होता है, जिम्मेदारों को जवाब देना चाहिए।"
यह वीडियो ना केवल हैरान करता है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है।
नगर निगम की सफाई: रूटीन शेड्यूल का हिस्सा
जब वायरल वीडियो पर नगर निगम के एक अधिकारी से मीडिया ने सवाल किया तो उनका जवाब था,
"यह कार्य नियमित शेड्यूल का हिस्सा था, बारिश के बावजूद टैंकर से पानी देना आवश्यक था क्योंकि कई जगहों पर पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता है और कभी-कभी ऊपर से बारिश दिखती है लेकिन जमीन सूखी रह जाती है।"
हालाँकि यह जवाब जनता को संतुष्ट नहीं कर पाया, और यह सवाल अब और ज़्यादा गर्माया हुआ है कि क्या यह सही प्रक्रिया है?
क्या यह संसाधनों की बर्बादी है?
सरकारी टैंकर, ईंधन, पानी – सब कुछ टैक्सपेयर के पैसों से आता है। ऐसे में यदि मानसून की झमाझम बारिश के बीच भी टैंकर से पेड़ों को पानी दिया जा रहा है, तो क्या यह एक गैर-जिम्मेदाराना कदम नहीं है?
विशेषज्ञों का कहना है कि पेड़-पौधों को ज्यादा पानी देना भी नुकसानदायक हो सकता है। "ओवर वॉटरिंग" से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं।
पिछले विवादों की भी आई याद
भोपाल नगर निगम पहले भी कई ऐसे मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा है। कभी सड़कों की सफाई में लापरवाही, कभी कचरा वाहन की गलत तैनाती और अब यह "बारिश में टैंकर से पानी" वाला मामला।
यह वायरल वीडियो उन सभी मुद्दों की एक नई कड़ी जोड़ता है, जहाँ जनता की नजर में प्रशासन की जवाबदेही कम होती नजर आती है।
सोशल मीडिया पर मीम्स और प्रतिक्रियाओं की बाढ़
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स और वीडियो तेजी से बन रहे हैं। एक वीडियो में एक यूज़र ने लिखा -
"भोपाल में बारिश अलग और टैंकर की बारिश अलग चलती है। दोहरी जल व्यवस्था का अद्भुत उदाहरण!"
यह कटाक्ष यह बताने के लिए काफी है कि आमजन इस कार्यवाही से कितना नाराज़ है और इसे किस दृष्टिकोण से देख रहा है।
जनता चाहती है पारदर्शिता और उत्तरदायित्व
भोपाल की जनता अब यह चाहती है कि नगर निगम केवल सफाई अभियान या पौधारोपण तक सीमित न रहे, बल्कि कार्यों में पारदर्शिता और विवेक का प्रयोग करे।
बारिश के समय जल छिड़काव करना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि इससे प्रशासन की निर्णय क्षमता पर भी सवाल उठते हैं।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
यदि यह कार्य मानवीय भूल थी, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही ना हो।
यदि यह नीति के तहत किया गया कार्य है, तो उसे सार्वजनिक रूप से स्पष्ट किया जाना चाहिए, ताकि लोगों में भ्रम की स्थिति न रहे।
जनता के सवालों का इंतजार
यह मामला भले ही कुछ लोगों को सामान्य लगे, लेकिन यह प्रशासनिक जवाबदेही और संसाधनों के उपयोग की गंभीरता को दर्शाता है।
भोपाल जैसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल शहर से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वह मूलभूत समझदारी की ऐसी अनदेखी करेगा।
अब देखना यह है कि नगर निगम या राज्य सरकार इस वायरल वीडियो को लेकर क्या स्पष्टीकरण देती है और क्या कोई कार्रवाई होती है या नहीं।
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अगर आप भी इस वीडियो के बारे में अपनी राय देना चाहते हैं या आपके पास ऐसी ही कोई घटना की जानकारी है, तो हमें कमेंट में जरूर बताएं।
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
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