कटनी में कलेक्टर ने की सख्त कार्यवाही: आदतन अपराधी विनय वीरवानी को किया जिला बदर
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
📅 12 जुलाई
3 माह के लिए जिले व आसपास के जिलों की सीमाओं से निष्कासित किया गया आरोपी
कटनी – जिले में आपराधिक तत्वों पर नकेल कसते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी दिलीप कुमार यादव ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। माधवनगर थाना अंतर्गत कैरिन लाईन निवासी विनय वीरवानी को जिला बदर करते हुए 24 घंटे के भीतर कटनी सहित जबलपुर, मैहर, दमोह, पन्ना और उमरिया जिलों की सीमाओं से बाहर जाने का आदेश दिया गया है।
आपराधिक गतिविधियों से बना था आतंक का पर्याय
30 वर्षीय विनय वीरवानी, पुत्र दिलीप वीरवानी, लंबे समय से जिले में अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहा है। उस पर लगातार मारपीट, धमकी देना, अवैध वसूली, सट्टा-पट्टी और जुआ खिलाने, यहाँ तक कि जानलेवा हमले जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। विनय के विरुद्ध कई आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं।
पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्यवाही
कलेक्टर को पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में बताया गया कि विनय के विरुद्ध कई बार कानूनी और प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियाँ की जा चुकी हैं, लेकिन उसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। उसने कानून व्यवस्था के लिए निरंतर खतरा बना हुआ है और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
सार्वजनिक सुरक्षा को देखते हुए लिया गया कठोर निर्णय
जिले में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बनाए रखने हेतु कलेक्टर यादव ने मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह निर्णय लिया। इसके अनुसार, विनय को अगले 3 माह तक न केवल कटनी जिले, बल्कि समीपवर्ती जिलों की राजस्व सीमाओं से भी दूर रहना होगा।
📌 मुख्य बिंदु (Highlights)
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आरोपी विनय वीरवानी पर दर्ज हैं गंभीर आपराधिक मामले
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पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया निर्णय
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जिला बदर आदेश में शामिल जिले: कटनी, जबलपुर, मैहर, दमोह, पन्ना, उमरिया
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आदेश के अनुसार 24 घंटे के भीतर जिले की सीमाएं छोड़नी होंगी
🔍 क्यों की गई यह कार्यवाही?
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क्षेत्र में लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता
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सामाजिक ताना-बाना और कानून व्यवस्था पर पड़ रहा था प्रतिकूल प्रभाव
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आम जनता में भय का माहौल बना रहा था आरोपी
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पूर्व में की गई कार्यवाहियाँ बेअसर रहीं
✅ प्रशासन का स्पष्ट संदेश: अपराध बर्दाश्त नहीं
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव की यह कार्यवाही यह स्पष्ट करती है कि प्रशासन किसी भी हाल में अपराध और असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। जिला प्रशासन की प्राथमिकता जन सुरक्षा, कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखना है।
इस तरह के कठोर निर्णयों से न केवल अपराधियों में भय उत्पन्न होता है, बल्कि आमजन में भी विश्वास बहाल होता है कि प्रशासन उनके हितों की रक्षा में तत्पर है।
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