कटनी प्रशासन का सख्त रुख: आदतन अपराधी अंकित बाल्मीकि पर तीन माह की निगरानी
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
कटनी में आदतन अपराधी अंकित बाल्मीकि पर सख्त कार्रवाई, तीन माह तक प्रतिमाह थाने में होना होगा हाजिर
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कटनी, 20 जुलाई – जिला प्रशासन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि कानून व्यवस्था को भंग करने वालों के लिए जिले में कोई जगह नहीं है। हरिजन बस्ती बस स्टैंड, कटनी निवासी अंकित बाल्मीकि पिता शंकर बाल्मीकि, उम्र 28 वर्ष, को जिला दण्डाधिकारी दिलीप कुमार यादव द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम (MP Rajya Suraksha Adhiniyam) के अंतर्गत सख्त निगरानी में रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इस आदेश के अनुसार, अंकित बाल्मीकि को आगामी तीन महीनों तक प्रत्येक माह की 1 से 16 तारीख के मध्य थाना कोतवाली, कटनी में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। यह आदेश पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है जिसमें अंकित की आपराधिक प्रवृत्तियों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया।
7 मामलों में नाम दर्ज, सुधार के प्रयास निष्फल
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2015 से लेकर अब तक अंकित बाल्मीकि के खिलाफ सात से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इन अपराधों में—
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आम लोगों से झगड़ा करना
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अवैध रूप से धन की मांग करना
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सार्वजनिक स्थलों पर गाली-गलौज
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शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाना
जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
प्रशासन द्वारा पूर्व में भी अंकित पर कई बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई थी, लेकिन इसके बावजूद उसके आचरण में कोई सुधार नहीं हुआ।
शांति व्यवस्था के लिए खतरा बना अपराधी
अंकित बाल्मीकि की लगातार आपराधिक गतिविधियों ने क्षेत्र में आम नागरिकों के मन में भय का वातावरण बना दिया था। इस कारण वह स्थानीय शांति और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन गया था।
पुलिस विभाग के अनुसार, उसकी गतिविधियां अन्य युवाओं को भी गलत दिशा में ले जा सकती थीं और सामाजिक वातावरण पर विपरीत असर डाल रही थीं।
कलेक्टर की निर्णायक कार्रवाई
जिला दण्डाधिकारी दिलीप कुमार यादव ने, मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह फैसला लेते हुए यह स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति यदि लगातार समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहता है, तो प्रशासन उसे खुली छूट नहीं देगा।
यह आदेश न सिर्फ अंकित बाल्मीकि के लिए चेतावनी है, बल्कि उन सभी व्यक्तियों के लिए एक सख्त संदेश है जो समाज में अराजकता फैलाने की सोच रखते हैं।
क्या है मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम?
मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम (MP Rajya Suraksha Adhiniyam) का उद्देश्य है कि ऐसे व्यक्तियों पर नियंत्रण रखा जाए, जो लगातार आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं और जिनकी वजह से सार्वजनिक शांति भंग होती है।
इस अधिनियम के अंतर्गत संबंधित व्यक्ति को प्रत्येक माह एक निर्धारित अवधि तक निकटतम थाना क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज करानी होती है ताकि पुलिस उसकी गतिविधियों पर निगरानी रख सके और किसी भी संभावित अपराध को रोका जा सके।
जनहित में उठाया गया कदम
प्रशासन की इस कार्रवाई को जनहित में एक मजबूत पहल माना जा रहा है। शहरवासियों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है और प्रशासन को धन्यवाद दिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी सख्ती से ही आम जनता में सुरक्षा की भावना पैदा होती है और समाज में अपराध की घटनाओं में कमी आती है।
कटनी प्रशासन द्वारा अंकित बाल्मीकि पर की गई यह कार्रवाई दर्शाती है कि कानून का पालन न करने वाले व्यक्ति चाहे कितनी भी बार छूट जाएं, लेकिन अंततः प्रशासन उन्हें कड़ी निगरानी में रखने से पीछे नहीं हटेगा।
यह घटना जिले के अन्य आदतन अपराधियों के लिए चेतावनी भी है कि अब समय रहते सुधार करना ही एकमात्र रास्ता है, अन्यथा प्रशासन उनके विरुद्ध भी इसी तरह की कठोर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।
✅ यह एक सशक्त उदाहरण है कि जब प्रशासन सक्रिय होता है, तो समाज सुरक्षित होता है।
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
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