बरही की उपयंत्री अपेक्षा वर्मा निलंबित – लापरवाही पड़ी भारी!
✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
Upyantri Apeksha Verma Nilambit
कटनी (28 जून) – नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद नगर परिषद बरही में पदस्थ उपयंत्री अपेक्षा वर्मा को उनके कार्य के प्रति लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे के निर्देश पर लिया गया, जिसमें साफ तौर पर स्पष्ट किया गया कि योजनाओं और निर्माण कार्यों में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
📌 समीक्षा बैठक में सामने आई लापरवाही
हाल ही में जबलपुर में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में जब नगरीय निकायों की योजनाओं, बजट और निर्माण कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई, तो उसमें बरही नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले निर्माण कार्यों में गंभीर अनियमितताओं और धीमी प्रगति की जानकारी सामने आई।
इस बैठक में खुद आयुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया था। उपयंत्री अपेक्षा वर्मा की जिम्मेदारी के क्षेत्र में कई निर्माण योजनाओं में तकनीकी मानकों की अनदेखी, समयसीमा का पालन ना करना, और निरीक्षण रिपोर्टों में अंतर जैसे मामले सामने आए।
⚖️ जांच के बाद तत्काल कार्रवाई
बैठक के बाद इस मामले की विस्तृत जाँच नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय द्वारा की गई। जाँच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि अपेक्षा वर्मा ने कार्य के प्रति लापरवाही बरती है। इसके आधार पर उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया।
👉 निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय जबलपुर में संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास कार्यालय को निर्धारित किया गया है।
📜 निलंबन आदेश का प्रभाव
इस निलंबन के साथ यह साफ संदेश गया है कि अब नगरीय प्रशासन विभाग काम के प्रति जवाबदेही को लेकर बेहद गंभीर है। चाहे वह योजना निर्माण हो, क्रियान्वयन हो या निरीक्षण – अब कोई भी अधिकारी लापरवाही करेगा, तो कार्रवाई तय है।
लापरवाही के मुख्य बिंदु:
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निर्माण कार्यों में देरी
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गुणवत्ता में समझौता
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मानक प्रक्रियाओं का पालन ना करना
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निरीक्षण में अनियमितताएँ
🏗️ बरही नगर परिषद की स्थिति पर उठे सवाल
बरही नगर पंचायत में हाल के वर्षों में कई सड़क निर्माण, नाली निर्माण, शौचालय निर्माण जैसी योजनाएं चलाई गईं, लेकिन उनकी स्थिति जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाती। कई स्थानों पर अधूरे कार्य, टूटते रास्ते, और घटिया सामग्री की शिकायतें पहले से ही जनता की ओर से आती रही हैं।
इस कार्रवाई ने आम नागरिकों के बीच एक विश्वास भी पैदा किया है कि अब भ्रष्टाचार या लापरवाही पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
🧾 क्या कहता है नियम और प्रक्रिया?
मध्यप्रदेश की निगम/नगर परिषदों में पदस्थ अधिकारियों की सेवा शर्तों के अनुसार यदि कोई अधिकारी कार्य के प्रति लापरवाही बरतता है, तो उसके खिलाफ:
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प्रारंभिक जाँच
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स्पष्टीकरण माँगना
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यदि संतोषजनक उत्तर न हो तो निलंबन / अनुशासनात्मक कार्रवाई
इन सभी प्रक्रियाओं का पालन कर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया गया।
🔎 क्या अन्य निकायों पर भी पड़ेगा असर?
इस तरह की कड़ी कार्रवाई के बाद अन्य नगर निकायों में कार्यरत इंजीनियरों, उपयंत्रियों और ठेकेदारों पर भी दबाव बढ़ेगा कि वे अपने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण कार्य करें और समयबद्ध तरीके से योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
🗣️ जनता की प्रतिक्रिया
बरही क्षेत्र की जनता ने इस निलंबन को सकारात्मक निर्णय बताया है। कई स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से यह मांग की है कि अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भी जाँच हो और यदि दोषी पाए जाएं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो।
🚨 लापरवाही का ये नतीजा एक चेतावनी भी!
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि अब कोई भी सरकारी अधिकारी या इंजीनियर अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता। यदि वे जनहित के कार्यों में लापरवाही बरतेंगे तो विभाग उन्हें माफ नहीं करेगा।
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उपयंत्री अपेक्षा वर्मा का निलंबन सिर्फ एक अधिकारी पर कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि शासन-प्रशासन अब ज़मीन पर परिणाम चाहता है। विकास कार्यों में गुणवत्ता, समयसीमा और पारदर्शिता ही अब प्राथमिकता होगी।
जो भी अधिकारी इस मानक पर खरे नहीं उतरेंगे, उनके खिलाफ इसी तरह कठोर निर्णय लिए जाएंगे – यही इस कार्रवाई का मूल संदेश है।
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✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़

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