"कटनी नगर निगम बैठक में मौसूफ बिट्टू का तीखा प्रहार: अधिकारियों की लापरवाही पर उठे सवाल"
📍 नगर निगम अधिकारी तैयारी से नहीं आते: परिषद बैठक में मौसूफ बिट्टू का तीखा हमला
✍️ लेखक | संपादक: आदिल अज़ीज़
📅 दिनांक: 19 मई 2025 | स्थान: कटनी, मध्य प्रदेश
कटनी नगर पालिक निगम की आज आयोजित परिषद बैठक में उस समय विशेष हलचल मच गई, जब वरिष्ठ पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष एडवोकेट मौसूफ बिट्टू ने नगर निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बैठक के आरंभ होते ही सवालों की झड़ी लगा दी, जिससे सत्ता पक्ष असहज होता दिखाई दिया।
❓ “क्या अधिकारी पूरी तैयारी से आए हैं?” - मौसूफ बिट्टू का पहला सवाल
बैठक की शुरुआत होते ही मौसूफ बिट्टू ने स्पष्ट सवाल किया – "क्या आज के समस्त प्रस्तावों पर चर्चा हेतु अधिकारी और कर्मचारी पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हुए हैं?" इस सवाल पर अधिकारी जवाब देने से कतराते नजर आए और कुछ ने मौन साध लिया।
बिट्टू का तर्क था कि यदि अधिकारियों के पास पूरी जानकारी और दस्तावेज़ नहीं होते, तो इस तरह की बैठकों का कोई औचित्य नहीं रह जाता। इससे सिर्फ़ पार्षदों और जनता का कीमती समय बर्बाद होता है।
⏳ "कीमती समय की बर्बादी है यह प्रक्रिया"
बिट्टू ने कहा कि यह बैठक केवल औपचारिकता बनकर रह गई है। नगर पालिका अधिनियम की धारा 83(3) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब भी बजट सम्मेलन आयोजित किया जाए, उसमें निगम की स्थावर संपत्तियों (fixed assets) की पूरी जानकारी संलग्न की जानी चाहिए।
लेकिन, एक बार फिर नगर निगम इस जानकारी को प्रस्तुत करने में विफल रहा, और परिणामस्वरूप बैठक की अगली तारीख घोषित कर दी गई।
🏥 "कर्मचारियों का चिकित्सा भत्ता ₹2000 किया जाए"
आज की बैठक में निगम कर्मचारियों के चिकित्सा भत्ते को ₹300 से बढ़ाकर ₹1000 करने का प्रस्ताव भी लाया गया। इस पर मौसूफ बिट्टू ने कहा,
"जब कर्मचारी ही सारा काम करते हैं, तो उन्हें इतनी छोटी राशि देना न्यायसंगत नहीं है। उन्हें कम से कम ₹1500 से ₹2000 प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता मिलना चाहिए।"
उनकी इस मांग को अन्य सदस्यों ने भी समर्थन दिया, लेकिन तकनीकी त्रुटियों के कारण यह प्रस्ताव फिर से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
🧾 सवालों की बौछार और विपक्ष की मुखरता
मौसूफ बिट्टू का पूरा ध्यान इस बात पर रहा कि प्रशासनिक अमला जब तक तैयारी के साथ बैठक में नहीं आता, तब तक नगर निगम की छवि और कार्यक्षमता दोनों पर सवाल उठते रहेंगे।
उन्होंने सवाल किया:
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क्या पिछले प्रस्तावों की स्थिति की रिपोर्ट सदन में रखी गई?
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क्या नई योजनाओं पर कोई पारदर्शी रिपोर्टिंग हो रही है?
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क्यों बार-बार बैठकें स्थगित हो रही हैं?
📉 सत्ता पक्ष पर निशाना
बिट्टू ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष का रवैया प्रशासन को जवाबदेह ठहराने में विफल रहा है। जब अधिकारियों को खुली छूट दे दी जाती है कि वे अधूरी जानकारी के साथ बैठक में आएं, तो इससे पूरे परिषद की गरिमा प्रभावित होती है।
🗓️ बैठक की अगली तारीख घोषित
नगर निगम परिषद की अगली बैठक अब संशोधित एजेंडा और दस्तावेज़ों के साथ आगामी तिथि को आयोजित की जाएगी। बिट्टू और अन्य विपक्षी पार्षदों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अगली बैठक से पहले अधिकारी पूरी तैयारी करें ताकि सदन की गरिमा बनी रहे।
🎯 निष्कर्ष: जनप्रतिनिधि बनाम प्रशासन – जवाबदेही की मांग तेज
आज की बैठक में वरिष्ठ पार्षद मौसूफ बिट्टू ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे नगर निगम प्रशासन की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उनके सवालों ने न सिर्फ प्रशासन को झकझोरा, बल्कि जनता के समक्ष भी यह सच्चाई उजागर की कि कैसे नगर निगम के अधिकारी बिना तैयारी के बैठक में शामिल होते हैं।
जनता अब यह आशा कर रही है कि अगली बैठक में गंभीरता से सभी मुद्दों पर चर्चा होगी और पार्षदों के सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा।
📢 हमारी राय: पारदर्शिता और उत्तरदायित्व जरूरी
नगर निगम जैसी संस्थाओं में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व मूलभूत तत्व होते हैं। जब अधिकारी तैयार होकर बैठक में नहीं आते, तो न सिर्फ़ बैठक की उपयोगिता खत्म होती है बल्कि जनता का भरोसा भी डगमगाता है।
मौसूफ बिट्टू जैसे जनप्रतिनिधियों की मुखरता और ईमानदार प्रश्न लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने का कार्य करते हैं।
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📝 संपादक:
आदिल अज़ीज़
🗂️ स्रोत:
प्रेस विज्ञप्ति - एडवोकेट मौसूफ बिट्टू, वरिष्ठ पार्षद / पूर्व नेता प्रतिपक्ष, नगर पालिक निगम कटनी
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