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"कटनी में उर्स मुबारक 2025: निवार नदी किनारे पीर बाबा के मेले में भक्ति और सूफियाना रंगों की बहार"



"कटनी में उर्स मुबारक 2025: निवार नदी किनारे पीर बाबा के मेले में भक्ति और सूफियाना रंगों की बहार"

✍️ लेखक | संपादक: आदिल अज़ीज़
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🌙 उर्स मुबारक 2025: निवार नदी किनारे पीर बाबा के मेले में रूहानी माहौल, कव्वाली और महफिल-ए-समा का आयोजन


📍 निवार नदी, कटनी (मध्य प्रदेश) | 🗓️ 29 मई - 1 जून 2025


कटनी की पवित्र भूमि एक बार फिर भक्ति, भाईचारे और सूफियाना रंगों से सराबोर होने जा रही है। हज़रत इत्रशाह दाता चिश्ती पीर बाबा र.अ. का सालाना उर्स मुबारक इस वर्ष 29 मई से 1 जून 2025 तक निवार नदी के किनारे आयोजित किया जाएगा।

यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रेम, अमन और इंसानियत का प्रतीक भी है। सूफी कव्वालों की महफिलों से लेकर महफिल-ए-समा तक, हर पल एक रूहानी यात्रा जैसी अनुभूति कराता है।


📅 उर्स मुबारक का चार दिवसीय कार्यक्रम

🕌 29 मई 2025 (गुरुवार): मीलाद शरीफ

उर्स का शुभारंभ रात 9 बजे मीलाद शरीफ से होगा। इस मौके पर नात, मनक़बत और ज़िक्र के माध्यम से पीर बाबा की रूहानी शिक्षाओं को याद किया जाएगा। इत्र और फूलों की खुशबू से पूरा परिसर भक्ति में डूबा रहेगा।


🎶 30 मई 2025 (शुक्रवार): कव्वाली रात - अजीम नाज़ा व शब्लू शादाब

दूसरे दिन की रात कव्वाली के रंगों से भरपूर होगी। मंच पर होंगे प्रसिद्ध कव्वाल:

  • अजीम नाज़ा

  • शब्लू शादाब

इनकी आवाज़ और कलाम श्रोताओं को रूहानी सुकून देंगे। "ताजदार-ए-हरम" जैसे लोकप्रिय सूफी कलाम से महफिल झूम उठेगी।


🎵 31 मई 2025 (शनिवार): कव्वाली की दूसरी शाम - मुर्तज़ा अजीम नाज़ा व दानिश इक़बाल साबरी

तीसरे दिन की कव्वाली रात में मंच संभालेंगे:

  • मुर्तज़ा अजीम नाज़ा

  • दानिश इक़बाल साबरी

इनकी जुगलबंदी और सूफियाना कलामों की प्रस्तुति श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखेगी। इस रात को भक्ति, संगीत और आत्मिक जुड़ाव का अनुभव अनोखा होगा।


1 जून 2025 (रविवार): महफिल-ए-समा - राजा सरफराज

उर्स का समापन होगा 1 जून की सुबह 9 बजे महफिल-ए-समा के साथ, जिसमें प्रस्तुति देंगे
राजा सरफराज
यह महफिल ध्यान, दुआ और रूहानी संगीत का ऐसा संगम होगी जो आत्मा को भीतर तक छू लेगी।


🤲 पीर बाबा का उर्स – अमन, इबादत और इंसानियत का संगम

कटनी में हज़रत इत्रशाह दाता चिश्ती पीर बाबा का उर्स हर साल एक ऐसा मंच बनता है जहां हर धर्म, जाति और विचारधारा के लोग एक साथ सजदा करते हैं। यह मेला सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गया है।

यहां आते हैं:

  • वो जो मन्नत लेकर दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं,

  • वो जो कव्वालियों में रूह की खुराक पाते हैं,

  • और वो भी, जो सूफी संगीत से अमन और सुकून का पैगाम लेते हैं।


📢 "तशरीफ लाकर हमें शुक्रिया का मौका दें" - आयोजन समिति की अपील

उर्स मुबारक 2025 में आमंत्रण है सभी अकीदतमंदों, शहरवासियों और दूर-दराज़ के मेहमानों को।
दावतनामा में दर्ज पंक्ति —
“पीर बाबा उर्स मेला में तशरीफ लाकर हमें शुक्रिया का मौका दें।”
सीधे दिल से निकली एक दुआ है।


👥 आयोजक और नेतृत्व

इस आयोजन की अगुवाई कर रहे हैं
तनवीर खान ‘तन्नू’ (अध्यक्ष)
जो वर्षों से इस ऐतिहासिक आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करते आ रहे हैं। उनकी टीम, पीर बाबा कमेटी, पूरे कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को बेहद सलीके से संभालती है।


📍 निवार नदी का रूहानी किनारा बनेगा भक्ति का केंद्र

इस वर्ष उर्स का स्थल – निवार नदी का किनारा – हर साल की तरह फिर से आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक बनने वाला है। यह वही स्थान है जहां लोगों को न सिर्फ दुआएं मिलती हैं, बल्कि आत्मिक संतुलन और सच्ची श्रद्धा का अनुभव होता है।


✨ 

उर्स मुबारक 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, यह आत्मा को जगाने वाला उत्सव है।
यहां मिलती है शांति, मिलते हैं आध्यात्मिक रंग और महसूस होता है वो रूहानी स्पर्श जो जीवन भर के लिए यादगार बन जाता है।


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📢 आपसे अपील:
29 मई से 1 जून 2025 तक आयोजित होने वाले उर्स मुबारक कटनी में सपरिवार तशरीफ लाएं और इस रूहानी सफर का हिस्सा बनें।









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