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धान की बोरियां चोरी करने पर ढाबा संचालक झल्लू ठाकुर के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज



written & edited by : ADIL AZIZ

भारतीय न्याय संहिता 2023 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कार्यवाही

कटनी (28 जनवरी) - तहसील स्लीमनाबाद अंतर्गत भेड़ाटेक बायपास रोड पर धान की बोरियां चोरी का मामला सामने आया है। इस मामले में मोटर साइकिल क्रमांक एमपी 20 जेडसी 7121 सहित ढाबा संचालक झल्लू ठाकुर को धान की बोरियां चोरी करते हुए पकड़ा गया। सहायक आपूर्ति अधिकारी पियूष कुमार शुक्ला की रिपोर्ट पर थाना स्लीमनाबाद में एफ.आई.आर दर्ज की गई।


घटना का विवरण

22 जनवरी को धान उपार्जन केंद्र सिलौंड़ी की भेड़ाटेक बायपास रोड से धान की बोरियां चोरी होने की सूचना प्राप्त हुई। इस मामले की जांच के दौरान सहायक आपूर्ति अधिकारी ने पाया कि झल्लू ठाकुर ने धान की बोरियां चोरी कर अपने ढाबे पर व्यवस्थित की थीं। जब इन बोरियों की जांच की गई, तो उनमें मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड आरएमएस 2024-2025 अंकित सिलाई पाई गई।

बोरियों पर समर्थन मूल्य पर खरीफ विपणन वर्ष 2024-2025 के टैग लगे थे, जो यह साबित करते हैं कि ये बोरियां नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा दी गई थीं। इन बोरियों में पूरी तरह से धान भरी हुई थी।


आरोपी का बयान

जांच के दौरान झल्लू ठाकुर ने बताया कि उसने यह बोरियां एक ट्रक ड्राइवर से 14 नग कट्टी 9 हजार रुपये में खरीदी थीं। हालांकि, उसने ट्रक ड्राइवर और वाहन का कोई विवरण नहीं दिया। जब्त की गई बोरियां सिलौंड़ी उपार्जन केंद्र की टैग लगी होने के कारण इन्हें चोरी की बोरियां घोषित किया गया।


शिनाख्त और जब्ती

जब्तशुदा बोरियों की पहचान सेवा सहकारी समिति सिलौंड़ी के उपार्जन केंद्र प्रभारी निरंजन सिंह, ऑपरेटर संदीप राय और सहायक प्रबंधक पुरुषोत्तम बर्मन ने की। उन्होंने पुष्टि की कि ये बोरियां सिलौंड़ी केंद्र की हैं।


कानूनी कार्यवाही

झल्लू ठाकुर पर शासकीय वारदानों से भरी धान की बोरियों को चोरी करने का आरोप है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 303 (2) और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 के तहत दंडनीय है। इस मामले में थाना स्लीमनाबाद में एफ.आई.आर दर्ज की गई है।


न्याय और सख्त कदम

यह घटना दर्शाती है कि धान जैसी महत्वपूर्ण फसल की चोरी न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि सरकारी नीतियों और समर्थन मूल्य पर दी जा रही सुविधाओं के दुरुपयोग का भी संकेत देती है। इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्यवाही जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।


धान की बोरियों की चोरी जैसे अपराध न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि किसानों और सरकारी योजनाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस तरह के मामलों में सख्त कार्यवाही करें और दोषियों को कठोर सजा दें।



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