विकासखंड ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पिपरिया सहलावन के रोजगार सहायक पर लगे आरोपों की जांच: सीईओ ने लिया बड़ा कदम
जांच समिति गठित, आरोपों की सत्यता पर होगी विस्तृत जांच
जिला पंचायत कटनी द्वारा विकासखंड ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पिपरिया सहलावन के रोजगार सहायक राजा भैया पटेल के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच हेतु एक जांच समिति का गठन किया गया है। यह कदम मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शिशिर गेमावत द्वारा जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों के आधार पर उठाया गया।
शिकायत की पृष्ठभूमि
जनसुनवाई में ग्रामवासियों ने ग्राम रोजगार सहायक राजा भैया पटेल पर आवास योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं का आरोप लगाया। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि 640 लाभार्थियों के सर्वेक्षण के बावजूद केवल 245 लोगों को आवास योजना का लाभ मिल सका। यह भी आरोप लगाया गया कि 80 हितग्राहियों के डुप्लीकेट जॉब कार्ड के कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला।
जांच समिति का गठन
सीईओ गेमावत ने इस मामले में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। इस समिति में शामिल अधिकारी हैं:
- विजयलक्ष्मी मरावी (सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत)
- धर्मेंद्र पटेल (एपीओ, मनरेगा)
- अभिषेक भार्गव (बीसी, पीएमएवाईजी, जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा)
समिति को निर्देश दिया गया है कि वह मामले की गहन जांच करके विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
जांच अवधि के दौरान विशेष आदेश
ग्राम रोजगार सहायक राजा भैया पटेल को जांच अवधि के दौरान सरकारी कार्यों से मुक्त रखा गया है। उन्हें जनपद पंचायत कार्यालय ढीमरखेड़ा में अस्थायी रूप से नियुक्त किया गया है। साथ ही, सेवा शर्तों के अनुसार, इस अवधि में उन्हें उनके मासिक पारिश्रमिक का 50% दिया जाएगा।
आरोपों की गंभीरता और शासन का दृष्टिकोण
शासन की प्राथमिकता है कि जनहित से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बनी रहे। ग्राम रोजगार सहायक पर लगे आरोप न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करते हैं, बल्कि इससे ग्रामीण योजनाओं की प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़े होते हैं।
जांच प्रक्रिया में संभावित दिशा
जांच समिति निम्न बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी:
- आवास योजना में लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया
- डुप्लीकेट जॉब कार्ड का मुद्दा
- लाभार्थियों को योजना का वास्तविक लाभ दिलाने में हुई अनियमितताएं
- अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में संभावित खामियां
जिला प्रशासन की सख्त नीति
सीईओ शिशिर गेमावत ने कहा कि यदि जांच के दौरान आरोप सही पाए जाते हैं, तो रोजगार सहायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल ग्राम पंचायत में अनुशासन सुनिश्चित करेगा, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही को भी दर्शाएगा।
ग्रामवासियों की उम्मीदें
ग्राम पंचायत पिपरिया सहलावन के निवासियों को उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है ताकि असली लाभार्थी लाभ से वंचित न हों।
पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता
यह मामला ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की अनिवार्यता को उजागर करता है। जांच प्रक्रिया से यह स्पष्ट हो सकेगा कि ग्राम रोजगार सहायक ने अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन किया या नहीं।सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से यह संदेश जाता है कि प्रशासन जनहित के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।
#GraminVikas #RuralEmployment #KatniNews #Jansunwai #PipariyaSahlavan
कोई टिप्पणी नहीं