कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने किया धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण: किसानों के हित में कड़े निर्देश
धान उपार्जन प्रक्रिया को सुचारू बनाने और किसानों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कटनी जिले के कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने आधा दर्जन धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कई खामियां सामने आईं, जिन पर तुरंत कार्रवाई की गई। कलेक्टर के दौरे का मुख्य उद्देश्य किसानों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा करना और धान खरीदी केंद्रों की कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाना था।
धान खरीदी केंद्रों पर निरीक्षण का विवरण
कलेक्टर ने जिले के रूचि वेयर हाउस तिलगवां, साईराम वेयर हाउस देवगांव, और हिंद एनर्जी वेयर हाउस सहित अन्य केंद्रों का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारियों और समिति प्रबंधकों की कार्यशैली का आकलन किया गया।
गैरमौजूद नोडल अधिकारियों पर कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान, तिलगवां और देवगांव के नोडल अधिकारी अनुपस्थित पाए गए।
- तिलगवां की नोडल अधिकारी निकिता सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
- देवगांव के नोडल अधिकारी अशोक श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया।

समिति प्रबंधकों पर वेतन कटौती
देवगांव और तिलगवां के समिति प्रबंधक विनोद दुबे और रीठी के समिति प्रबंधक सुशील कुमार सोनी पर कलेक्टर ने दो-दो दिनों के वेतन कटौती के आदेश दिए।
किसानों की समस्याओं पर ध्यान
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान किसानों से बातचीत की और केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। किसानों की सुविधा के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए, जिनमें शामिल हैं:
- स्लॉट बुकिंग की बेहतर व्यवस्था: किसानों को उनके मोबाइल पर बुकिंग की जानकारी देने का निर्देश।
- सुविधाओं की उपलब्धता: केंद्रों में पानी, तौल कांटे, मॉइस्चर मीटर, तिरपाल, छन्ना, और अन्य जरूरी उपकरण सुनिश्चित करने की बात कही।
- गुणवत्ता परीक्षण: हर केंद्र पर एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान खरीदने और सर्वेयर की हर समय मौजूदगी अनिवार्य की गई।
मॉइस्चर मीटर से गुणवत्ता जांच
कलेक्टर ने मॉइस्चर मीटर के जरिए धान की गुणवत्ता की जांच कराई और सुनिश्चित किया कि केवल मानक गुणवत्ता वाली धान ही खरीदी जाए। इस दौरान उन्होंने देवगांव केंद्र पर दीनदयाल चक्रवर्ती नामक किसान से बातचीत की, जिन्होंने बताया कि वह 81 बोरा धान लेकर आए हैं।
केंद्रों की डिजिटल व्यवस्था का परीक्षण
कलेक्टर ने केंद्रों पर उपलब्ध लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थिति का भी निरीक्षण किया। उन्होंने खुद लैपटॉप पर किसानों की स्लॉट बुकिंग की अद्यतन स्थिति देखी और कर्मचारियों को समय पर जानकारी साझा करने के निर्देश दिए।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- सभी केंद्रों पर तौल कांटे और मॉइस्चर मीटर को सही ढंग से काम करने की स्थिति में रखना।
- धान के बोरों की टैगिंग और भंडारण को व्यवस्थित तरीके से करना।
- किसानों को केंद्रों पर किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखना।
कार्रवाई के संदेश
कलेक्टर के निरीक्षण के बाद जिले में धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर एक सख्त संदेश गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों की सुविधाओं के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को सर्वोपरि रखा गया है।
प्रभावित अधिकारी और कर्मचारी
निरीक्षण के दौरान गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। यह प्रशासनिक कदम यह दर्शाता है कि सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है।
कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव
इस निरीक्षण का सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ेगा, क्योंकि इससे केंद्रों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसानों को अब समय पर बेहतर सुविधाएं और पारदर्शी प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।
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