देश का पहला जियो साइंस म्यूजियम: भू-विज्ञान का अद्भुत संग्रहालय ग्वालियर में इतिहास रचते हुए, भारत का पहला जियो साइंस म्यूजियम उद्घाटित।
written & edited by : ADIL AZIZ
ग्वालियर बना विज्ञान और संस्कृति का संगम
ग्वालियर के ऐतिहासिक महाराज बाड़ा क्षेत्र में रविवार को देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया। विक्टोरिया मार्केट की ऐतिहासिक हैरीटेज बिल्डिंग में स्थापित इस अत्याधुनिक संग्रहालय ने ग्वालियर को एक नई पहचान दी है।
इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कोयला और खनन राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
क्या है जियो साइंस म्यूजियम?
यह संग्रहालय पृथ्वी, मानव जाति और ब्रह्मांड की उत्पत्ति व विकास से जुड़ी अनोखी जानकारियां प्रदान करता है। इसे राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद और ग्वालियर नगर निगम के सहयोग से तैयार किया गया है। संग्रहालय में दुर्लभ भूवैज्ञानिक नमूनों, डायनासोर के अंडे, और मल्टीमीडिया डिस्प्ले की मदद से विज्ञान को समझाने का प्रयास किया गया है।
संग्रहालय की खासियतें
पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास
पहली गैलरी में पृथ्वी के विकास को लाइट इफेक्ट और मल्टीमीडिया तकनीक के जरिए प्रस्तुत किया गया है। यहाँ दर्शाया गया है कि कैसे ज्वालामुखी, लावा, और प्राकृतिक प्रक्रियाओं ने पृथ्वी को वर्तमान स्वरूप दिया।भूकंप का अनुभव
संग्रहालय में एक खास स्थान ऐसा है, जहां पर्यटक भूकंप के झटके महसूस कर सकते हैं।मानव सभ्यता का विकास
दूसरी गैलरी में मानव जाति के क्रमिक विकास, जीवन शैली और सभ्यता की कहानी को बड़े रोचक ढंग से पेश किया गया है।
ग्वालियरवासियों के लिए खास तोहफा
उप राष्ट्रपति ने इस म्यूजियम को ग्वालियरवासियों के लिए एक अनमोल तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय बच्चों से लेकर वैज्ञानिकों तक के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसे क्षेत्र की समृद्धि और ज्ञान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर बताया।
क्यों खास है यह संग्रहालय?
डायनासोर के अंडे का प्रदर्शन
संग्रहालय में डायनासोर के दुर्लभ अंडे देखे जा सकते हैं, जो बच्चों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।पृथ्वी विज्ञान का समग्र दृष्टिकोण
यहाँ वायुमंडल, महासागर और ज्वालामुखी जैसे विषयों पर भी व्यापक जानकारी दी गई है।शिक्षा और मनोरंजन का संगम
यह संग्रहालय न केवल शैक्षिक है बल्कि इसे मनोरंजक तरीके से तैयार किया गया है, ताकि हर आयु वर्ग के लोग इसका आनंद ले सकें।
उपराष्ट्रपति का आत्मीय स्वागत
ग्वालियर एयरबेस पर उपराष्ट्रपति का राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आत्मीय स्वागत किया। उनके साथ धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे।
भविष्य में संग्रहालय की भूमिका
यह संग्रहालय भारत में भू-विज्ञान के अध्ययन और जागरूकता को बढ़ाने में मदद करेगा। यह बच्चों और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न करेगा। इसके अलावा, यह ग्वालियर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देगा।
देश का पहला जियो साइंस म्यूजियम न केवल भू-विज्ञान के क्षेत्र में मील का पत्थर है, बल्कि यह विज्ञान और संस्कृति का संगम भी है। यह संग्रहालय ग्वालियर को एक नई पहचान देने के साथ-साथ देश के विज्ञान प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बनेगा।
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