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"कटनी नगर निगम: जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्रक्रिया की देरी पर उठते सवाल" पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष , वरिष्ठ पार्षद एडवोकेट मिथलेश जैन का ज्ञापन और उनकी मांगें

 


जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्रक्रिया में देरी: समाधान की आवश्यकता

"जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की समयसीमा तय करने की आवश्यकता"

वर्तमान स्थिति और समस्या का वर्णन

मध्य प्रदेश के कटनी नगर निगम में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में देरी से नागरिकों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह देरी इस हद तक बढ़ चुकी है कि कई आवेदन पत्र महीनों तक लंबित रहते हैं, जिससे नागरिकों को अनावश्यक समस्याएं उठानी पड़ती हैं। इस स्थिति को उजागर करने के लिए एडवोकेट मिथलेश जैन ने नगर निगम के आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें लंबित मामलों को समय सीमा में निपटाने की मांग की गई है।


प्रमाण पत्र जारी करने की अहमियत

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सरकारी दस्तावेज हैं, जो नागरिकों के व्यक्तिगत और सामाजिक अधिकारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह प्रमाण पत्र निम्नलिखित आवश्यकताओं के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं:

  1. शैक्षिक नामांकन: बच्चों के स्कूल और कॉलेज में दाखिले के लिए।
  2. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए
  3. उत्तराधिकार प्रक्रिया: संपत्ति या बैंक खातों के लिए।
  4. विधिक आवश्यकताएं: कानूनी प्रक्रिया में व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए।

ऐसे में यदि यह दस्तावेज समय पर न मिले, तो नागरिकों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


वर्तमान स्थिति की जमीनी हकीकत

नगर निगम कार्यालय में सैकड़ों आवेदन पत्र लंबित हैं। कुछ मामले तीन से चार महीने तक भी बिना किसी कार्रवाई के पड़े रहते हैं। यह देरी नागरिकों में असंतोष और निराशा पैदा कर रही है। इसके अतिरिक्त, कई बार मृत व्यक्तियों के परिवारों को भटकना पड़ता है, जिससे उनकी भावनात्मक और आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।


कारण और समस्याओं का विश्लेषण

  1. कर्मचारियों की लापरवाही: ज्ञापन में यह आरोप लगाया गया है कि नगर निगम के कर्मचारियों की निष्क्रियता के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है।
  2. समय प्रबंधन की कमी: आवेदन पत्रों की सही ट्रैकिंग और निपटान के लिए समय सीमा का पालन नहीं किया जा रहा है।
  3. अधिकारिक स्तर पर निगरानी की कमी: उच्च अधिकारियों द्वारा प्रक्रियाओं पर निगरानी का अभाव।

 पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष , वरिष्ठ पार्षद एडवोकेट मिथलेश जैन का ज्ञापन और उनकी मांगें

ज्ञापन में मांग की गई है कि:

  • सभी लंबित मामलों को निर्धारित समय सीमा में निपटाया जाए।
  • जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
  • भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए एक प्रभावी प्रणाली बनाई जाए।

समाधान और सुझाव

  1. समय सीमा का निर्धारण: आवेदन पत्रों को निपटाने के लिए 7-10 दिन की समय सीमा तय की जाए।
  2. डिजिटल प्रक्रिया का उपयोग: जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए एक ऑनलाइन आवेदन प्रणाली शुरू की जाए, जिससे नागरिक घर बैठे आवेदन कर सकें।
  3. कर्मचारियों की जवाबदेही: प्रत्येक कर्मचारी को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाए।
  4. निगरानी और समीक्षा: वरिष्ठ अधिकारी प्रत्येक सप्ताह लंबित मामलों की समीक्षा करें।

नागरिकों की अपेक्षाएं और सरकार की जिम्मेदारी

नगर निगम का कर्तव्य है कि वह नागरिकों की समस्याओं का समय पर समाधान करे। सरकार की ओर से जो सेवाएं नागरिकों को प्रदान की जाती हैं, उनका समय पर और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।


जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया में देरी न केवल प्रशासनिक असफलता को दर्शाती है, बल्कि यह नागरिकों की दैनिक जीवन की जरूरतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है। एडवोकेट मिथलेश जैन द्वारा उठाई गई यह समस्या एक बड़े मुद्दे की ओर इशारा करती है, जिसे शीघ्र सुलझाने की आवश्यकता है। अब यह देखना होगा कि नगर निगम इस दिशा में क्या कदम उठाता है।



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