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सत्ता के नशे में चूर भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों का पुलिस से दुर्व्यवहार - कांग्रेस नेता दिव्यांशु मिश्रा अंशु का बयान



 भाजपा युवा मोर्चा का सत्ता का नशा और पुलिस से बुरा बर्ताव


आजकल राजनीतिक गलियारों में सत्ताधारी पार्टी और उनके नेताओं का प्रभाव इतना बढ़ चुका है कि अक्सर वो कानून के नियमों की धज्जियाँ उड़ाते नजर आते हैं। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में हाल ही में एक घटना सामने आई है, जिसमें भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी पुलिस थाने में घुसकर थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों से अभद्र भाषा में बात करते नजर आए। इस मुद्दे को लेकर कटनी युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने अपना बयान जारी किया है। उनके इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

भाजपा युवा मोर्चा का सत्ता का नशा

दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी सत्ता के नशे में चूर होकर पुलिस के खिलाफ बुरी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। दिव्यांशु का कहना है कि सत्ता का नशा सभी प्रकार के नशों से ऊपर होता है, और भाजपा के नेता इसका सजीव उदाहरण पेश कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा नेताओं को कानून से ऊपर होने का भ्रम है?

सत्ता में आने के बाद जिम्मेदारियों का समझना जरूरी

दिव्यांशु ने अपने बयान में यह भी कहा कि किसी भी पद पर आने के बाद व्यक्ति के ऊपर कई जिम्मेदारियाँ होती हैं। सत्ता का मतलब यह नहीं कि व्यक्ति किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है। यदि भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों को पुलिस की किसी कार्रवाई से आपत्ति थी, तो उन्हें उचित माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए थी। लेकिन इसके विपरीत, वे थाने में घुसकर पुलिस अधिकारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रहे हैं।

कटनी में नशे के मुद्दे पर सवाल

इस घटना के दौरान भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने कटनी में अवैध शराब और स्मैक के व्यापार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि शहर में यह सब खुलेआम बिक रहा है, परंतु पुलिस इसे रोकने में असमर्थ है। इस पर दिव्यांशु मिश्रा ने कटनी पुलिस से आग्रह किया है कि भाजपा के इन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि एक मिसाल पेश हो सके।

पुलिस का असहाय होना और जनता में संदेश

दिव्यांशु मिश्रा का कहना है कि यह घटना पुलिस की असहायता को दर्शाती है। यदि सत्ता के दबाव में पुलिस भी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पाएगी, तो आम जनता किस पर भरोसा करेगी? इस घटना से जनता के बीच यह संदेश गया है कि सत्ता के लोग कानून से ऊपर हैं और उनके लिए कोई नियम-कानून नहीं हैं।

भाजपा युवा मोर्चा के आचरण पर सवाल

इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों का इस तरह का व्यवहार राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। क्या सत्ता में होने का मतलब यह है कि किसी को कानून की परवाह नहीं है? क्या यह हमारे लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ नहीं है? दिव्यांशु का कहना है कि यदि ऐसे आचरण को रोका नहीं गया तो यह प्रवृत्ति और भी बढ़ सकती है।

राजनीति में अनुशासन की आवश्यकता

दिव्यांशु ने कहा कि राजनीति में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। किसी भी राजनीतिक दल के सदस्य के आचरण पर सवाल उठते हैं, तो यह उनकी पार्टी और लोकतंत्र दोनों के लिए हानिकारक होता है। आज की घटना से यह साफ हो गया है कि सत्ता में आने के बाद अनुशासन का पालन बहुत जरूरी है। सत्ता का दुरुपयोग किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है।

न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता

दिव्यांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी है। कटनी पुलिस को चाहिए कि वे भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें ताकि जनता को यह संदेश मिले कि कानून सबके लिए बराबर है। यदि इस मामले में पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो जनता के बीच कानून-व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाएगा।

दिव्यांशु मिश्रा अंशु का यह बयान सत्ता के नशे में चूर नेताओं के आचरण पर एक तीखा प्रहार है। उन्होंने जनता और पुलिस के बीच विश्वास को बनाए रखने के लिए भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या सत्ता में आने का मतलब कानून से ऊपर होना है? आज हमारे लोकतंत्र में अनुशासन और कानून का पालन हर किसी के लिए जरूरी है, और इस तरह की घटनाओं से इसे बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।



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