वाराणसी में राजा तालाब थाना प्रभारी की पिटाई: सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
वाराणसी। पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के अंतर्गत राजा तालाब थाना प्रभारी अजीत वर्मा को बड़ागांव क्षेत्र में आम जनता द्वारा पिटाई का सामना करना पड़ा। यह घटना शनिवार को हरहुआ तिराहे के पास हुई, जहां उनकी कार और एक ऑटो के बीच टक्कर हो गई। इस टक्कर में ऑटो चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
घटना का विवरण
राजा तालाब थाना प्रभारी अजीत वर्मा शनिवार को अपने परिवार के साथ सादे कपड़ों में बाबतपुर से लौट रहे थे। हरहुआ तिराहे पर उनकी कार का एक ऑटो से जोरदार टक्कर हो गया, जिससे ऑटो चालक को गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों के अनुसार, टक्कर इतनी तेज थी कि ऑटो चालक मौके पर ही लहूलुहान हो गया।
घटना के बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। गुस्साई भीड़ ने थाना प्रभारी को कार से बाहर खींच लिया और उनकी पिटाई कर दी। सादे कपड़ों में होने के कारण लोग यह नहीं पहचान पाए कि वह पुलिस अधिकारी हैं।
भीड़ का गुस्सा और वीडियो वायरल
घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने पुलिस अधिकारी की पहचान किए बिना गुस्से में आकर उन्हें पीटना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने इस पूरी घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला तूल पकड़ गया।
पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग ने तुरंत मामले को संज्ञान में लिया। वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जनता को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
ऑटो चालक की स्थिति
घायल ऑटो चालक को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत गंभीर है और उसे बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पताल में रेफर किया जा सकता है।
क्षेत्र में चर्चा का विषय
यह घटना वाराणसी में चर्चा का विषय बन गई है। पुलिस और जनता के बीच आपसी विश्वास को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस घटना ने दिखाया है कि सार्वजनिक स्थानों पर कानून व्यवस्था को लेकर जागरूकता की कमी है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की योजना
पुलिस ने इस मामले में संबंधित पक्षों से बयान लेना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेना गलत है, और जो लोग इस घटना में शामिल थे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जनता की जिम्मेदारी
यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि भीड़ को बिना सोचे-समझे हिंसा करने का अधिकार क्यों लगता है। जनता को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और ऐसी घटनाओं में कानून पर भरोसा रखना चाहिए।
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