बिना अनुज्ञा पत्र के धान परिवहन पर वसूला गया ₹43,710 जुर्माना
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी (16 नवंबर): अवैध रूप से धान परिवहन करने वाले व्यापारी के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। बिना अनुज्ञा पत्र के धान के अवैध परिवहन पर मंडी शुल्क, निराश्रित शुल्क और समझौता शुल्क के तौर पर कुल ₹43,710 का जुर्माना लगाया गया और यह राशि राजकीय कोष में जमा कराई गई।
यह कार्रवाई जिला कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशानुसार मंडी सचिव एवं तहसीलदार अजीत तिवारी के मार्गदर्शन में कृषि उपज मंडी के उड़नदस्ता दल द्वारा की गई।
अवैध धान परिवहन का मामला
शनिवार को मैहर-कटनी मार्ग पर टिकरवारा नाका स्थित ट्रक नंबर यूपी 72 एटी 9494 को जांच के दौरान पकड़ा गया। जांच में पाया गया कि ट्रक में करीब ₹6,78,488 मूल्य की धान बिना अनुज्ञा पत्र के परिवहन की जा रही थी।
नायब तहसीलदार अतुलेश सिंह बघेल और मंडी उड़नदस्ता दल की उपस्थिति में यह कार्यवाही की गई। कृषि उपज मंडी अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर व्यापारी से जुर्माना वसूल किया गया।
जुर्माने का विवरण
अवैध धान परिवहन पर व्यापारी से निम्न प्रकार से शुल्क वसूला गया:
- दंडात्मक मंडी शुल्क (5 गुना): ₹33,925
- दंडात्मक निराश्रित शुल्क (5 गुना): ₹6,785
- समझौता शुल्क: ₹3,000
कुल राशि: ₹43,710
यह पूरी राशि राजकीय कोष में जमा कर दी गई और मामले को बंद कर दिया गया।
प्रशासन की सख्ती
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने निर्देश दिया कि बिना अनुज्ञा पत्र के किसी भी प्रकार के कृषि उत्पाद के परिवहन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। इसके तहत मंडी उड़नदस्ता दल लगातार निगरानी कर रहा है।
इस कार्यवाही का उद्देश्य किसानों और व्यापारियों को वैध प्रक्रिया के पालन के लिए प्रेरित करना है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कृषि उपज मंडी अधिनियम के उल्लंघन पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अवैध परिवहन के खतरे
अवैध धान परिवहन से:
- सरकारी राजस्व का नुकसान होता है।
- कृषि उत्पादों के दामों में अस्थिरता आती है।
- किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता।
प्रशासन ने व्यापारियों को चेतावनी दी है कि वे अनुज्ञा पत्र और मंडी शुल्क का पालन सुनिश्चित करें।
स्थानीय प्रतिक्रिया
कटनी क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों ने इस कार्यवाही का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे कृषि उत्पादों के व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी और अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी।
अवैध धान परिवहन के खिलाफ प्रशासन की यह सख्त कार्यवाही भविष्य में अन्य व्यापारियों के लिए एक चेतावनी है। किसानों और व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे कृषि उपज के व्यापार में वैध प्रक्रिया का पालन करें ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
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