कन्या-पूजन: मातृ-शक्ति की आराधना का प्रतीक , नवरात्रि और कन्या-पूजन का महत्व
written & edited by : ADIL AZIZ
भोपाल (6 अक्टूबर) - कन्या-पूजन भारतीय संस्कृति में मातृ-शक्ति की आराधना का प्रतीक है। यह नवरात्रि के दौरान आयोजित किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें नारी शक्ति को सम्मानित और पूजित किया जाता है। इसी परंपरा के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सेवा भारती द्वारा गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में आयोजित विशाल कन्या-पूजन कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कन्याओं का स्वागत पुष्पवर्षा से किया और विधि-विधान से उनका पूजन भी किया।
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नवरात्रि और कन्या-पूजन का महत्व
कन्या-पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में स्त्री शक्ति के महत्व को भी दर्शाता है। नवरात्रि, जो कि देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का संचार करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि नवरात्रि मातृ-शक्ति की आराधना का पर्व है। यह पर्व हमें जीवन में ऋतु परिवर्तन और आत्मशुद्धि का संदेश देता है। सनातन परंपरा में उपवास और उसके लाभ को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी मान्यता देता है, जो इस पर्व को और भी विशेष बनाता है।
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नारी शक्ति का सम्मान
भारतीय संस्कृति सदियों से नारी शक्ति का सम्मान करती आई है। हमारी परंपराओं में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी और मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में कन्या-पूजन का आयोजन, स्त्री शक्ति की आराधना और सम्मान का एक सजीव उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संस्कृति मातृसत्ता की महत्ता को नमन करती है और इसे नवरात्रि के अवसर पर कन्या पूजन के माध्यम से विशेष रूप से उजागर किया जाता है।
नवदुर्गा: शक्ति संचय का पर्व
नवरात्रि को शक्ति संचय का पर्व माना जाता है। यह पर्व हमें मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि नवदुर्गा का यह पर्व हमें देश को शक्ति सम्पन्न बनाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए शक्ति का होना आवश्यक है, और इसके लिए समाज के सभी वर्गों का कल्याण जरूरी है।
विश्व शांति और भारत का सामर्थ्य
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भारतीय संस्कृति की शांति और प्रेम की अवधारणा को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल उद्देश्य जीव मात्र से प्रेम और शांति का संदेश देना है। यही कारण है कि आज दुनिया भारत की ओर आशा से देख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध हो या ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष, सभी देश शांति के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर देख रहे हैं। यह हमारे देश के लिए गौरव का विषय है।
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सेवा भारती का योगदान
सेवा भारती जैसी समाजसेवी संस्थाएं भारतीय संस्कृति और संस्कारों को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह संस्था समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण और हित संवर्धन के लिए समर्पित है। कन्या-पूजन जैसे आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी समाज में स्त्री शक्ति के सम्मान और मान्यता को बढ़ावा देते हैं।
कन्या-पूजन: एक सामाजिक संदेश
कन्या-पूजन के माध्यम से समाज में यह संदेश जाता है कि नारी शक्ति का सम्मान करना चाहिए। यह केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के आयोजन हमें हमारी परंपराओं से जोड़े रखते हैं और समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन और पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया। इसके बाद उन्होंने कन्याओं का विधि-विधान से पूजन किया और पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। यह आयोजन समाज में नारी शक्ति के प्रति सम्मान और आस्था का प्रतीक था।
नवरात्रि, दशहरा और दीपावली की शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी को नवरात्रि, दशहरा और दीपावली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें जीवन में सकारात्मकता, शक्ति संचय और सामर्थ्य का संदेश देते हैं। इन पर्वों के माध्यम से हम समाज में शांति, प्रेम और सहयोग का संचार कर सकते हैं।
नारी शक्ति का आदर और पूजन: भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा
भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति का आदर और पूजन सदियों से होता आ रहा है। देवी दुर्गा की नौ रूपों में पूजा करने की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि भारतीय समाज में नारी शक्ति का हमेशा से सम्मान किया गया है। कन्या-पूजन इस परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो नारी के मातृत्व और उसके शक्ति स्वरूप की पूजा करता है।
उपसंहार
कन्या-पूजन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह समाज में स्त्री शक्ति की महत्ता और सम्मान को दर्शाने वाला एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस आयोजन के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया कि नारी शक्ति का सम्मान और पूजन हर किसी का कर्तव्य है। नवरात्रि का यह पर्व हमें जीवन में शक्ति संचय करने और सकारात्मक ऊर्जा को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है।
भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण आयोजन में सेवा भारती का योगदान सराहनीय है, जो समाज के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। इस प्रकार के आयोजन समाज में नारी के प्रति आदर और सम्मान को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को भी सहेजने का कार्य करते हैं।
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