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कटनी के रीठी में लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही: ग्राम पंचायत सचिव रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

written & edited by : ADIL AZIZ

कटनी जिले के रीठी तहसील के देवरीकलां ग्राम पंचायत में हाल ही में एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। लोकायुक्त की जबलपुर टीम ने ग्राम पंचायत सचिव सुरेंद्र मोहन मिश्रा को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत महिपाल चौधरी नामक एक हितग्राही से ली जा रही थी। आरोप है कि सचिव ने आवास योजना के 49,000 रुपये और मुख्यमंत्री विवाह योजना के 25,000 रुपये दिलाने के नाम पर इस रकम की मांग की थी।

लोकायुक्त की कार्यवाही ने मचाया हड़कंप

ग्राम पंचायत देवरीकलां में घटी इस घटना ने न केवल क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि पूरे जिले में भ्रष्टाचार और सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी योजनाओं के लाभ को जनता तक सही तरीके से पहुंचाने में भ्रष्टाचार की यह घटना एक गंभीर मुद्दा बन गई है, जिस पर चर्चा होना आवश्यक है।



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घटना का विवरण

ग्राम पंचायत सचिव सुरेंद्र मोहन मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने महिपाल चौधरी नामक व्यक्ति से आवास योजना और मुख्यमंत्री विवाह योजना की राशि दिलाने के बदले रिश्वत की मांग की। महिपाल चौधरी ने 49,000 रुपये आवास योजना के अंतर्गत और 25,000 रुपये मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत मिलने की उम्मीद की थी। लेकिन सरकारी सहायता के लिए भी रिश्वत की मांग ने उसे लोकायुक्त में शिकायत दर्ज करने पर मजबूर कर दिया।

शिकायत मिलने पर लोकायुक्त की जबलपुर टीम ने योजना बनाई और सचिव मिश्रा को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इस कार्यवाही के दौरान सचिव मिश्रा के पास से रिश्वत की रकम बरामद की गई और उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

लोकायुक्त निरीक्षक का बयान

लोकायुक्त टीम की निरीक्षक रेखा प्रजापति ने बताया, "हमें शिकायत प्राप्त हुई थी कि ग्राम पंचायत सचिव सुरेंद्र मोहन मिश्रा रिश्वत की मांग कर रहे हैं। उसी के आधार पर हमने जाल बिछाया और आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आगे की जांच जारी है।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि लोकायुक्त ने पुख्ता सबूतों और सही योजना के तहत इस कार्यवाही को अंजाम दिया है।

जनता में चर्चा का विषय

इस घटना के बाद क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर चर्चा हो रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से इस तरह की रिश्वत मांगना न केवल अनैतिक है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद लोगों के साथ अन्याय भी है। ग्राम पंचायत सचिव जैसे अधिकारियों का काम होता है कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाएं, न कि उन्हें रिश्वत लेकर परेशान करें।

सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा

यह घटना इस बात को फिर से उजागर करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार भ्रष्टाचार के जाल में फंसा हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री विवाह योजना जैसी योजनाएं गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए होती हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ तभी सही तरीके से मिल सकता है जब संबंधित अधिकारी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएं।

ऐसी घटनाओं से न केवल गरीबों को परेशान किया जाता है, बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रति जनता का भरोसा भी कम होता है। यह बेहद जरूरी है कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई हो और दोषी अधिकारियों को सजा दी जाए, ताकि अन्य अधिकारी भी इस तरह की गतिविधियों से दूर रहें।

लोकायुक्त की भूमिका

लोकायुक्त की टीम की यह कार्रवाई सराहनीय है। भ्रष्टाचार को रोकने और सरकारी तंत्र को साफ-सुथरा बनाने में लोकायुक्त की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। जब भी किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके साथ अन्याय हो रहा है या सरकारी अधिकारी रिश्वत मांग रहे हैं, तो लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इस प्रकार की कार्यवाहियों से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को भी संदेश मिलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता अब और चुप नहीं रहेगी।

आगे की कार्रवाई

लोकायुक्त की टीम द्वारा सुरेंद्र मोहन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि क्या इसके पीछे कोई और लोग भी शामिल हैं या यह घटना एक व्यक्तिगत भ्रष्टाचार का मामला है। इसके अलावा, यह भी देखा जाएगा कि मिश्रा ने अन्य लोगों से भी इस प्रकार की रिश्वत ली है या नहीं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जन जागरूकता की जरूरत

इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जन जागरूकता बेहद जरूरी है। अगर महिपाल चौधरी ने लोकायुक्त में शिकायत नहीं की होती, तो शायद यह मामला दबा रह जाता। लेकिन जागरूकता और सही कदम उठाने से न केवल उसे न्याय मिला, बल्कि क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संदेश भी गया।

यह जरूरी है कि जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे और अगर कहीं भी किसी प्रकार का भ्रष्टाचार हो रहा है, तो उसके खिलाफ आवाज उठाए। सरकारी तंत्र को साफ और पारदर्शी बनाने के लिए जन भागीदारी बेहद आवश्यक है।

कटनी के देवरीकलां ग्राम पंचायत में लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता की जागरूकता और लोकायुक्त की सक्रियता ने एक भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ने में मदद की है। ऐसी घटनाओं से यह भी साबित होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता और सरकारी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा।

सरकारी योजनाओं का लाभ सही हाथों में पहुंचे, इसके लिए लोकायुक्त और अन्य जांच एजेंसियों की भूमिका को और मजबूत करना होगा। साथ ही, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सख्त सजा देकर इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगानी होगी।


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