शहीद प्रदीप पटेल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की श्रद्धांजलि: एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि की घोषणा
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी (7 सितंबर) – राष्ट्र सेवा और मातृभूमि की रक्षा में शहीद होना सबसे बड़ा सम्मान होता है। मध्यप्रदेश के वीर सपूत, ग्राम हरदुआ, कटनी के प्रदीप पटेल ने सिक्किम के पाक्योंग में अपनी जान की आहुति देकर देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया। उनकी इस शहादत पर पूरा देश गर्व कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद प्रदीप पटेल की पार्थिव देह को खजुराहो एयरपोर्ट पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार को राज्य सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की।
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शहीद प्रदीप पटेल को गार्ड ऑफ ऑनर और अंतिम विदाई
खजुराहो एयरपोर्ट पर शहीद प्रदीप पटेल को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए अंतिम विदाई दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “राष्ट्र की सेवा में अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों का देश सदैव ऋणी रहेगा। शहीद प्रदीप पटेल ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जो एक अविस्मरणीय योगदान है।”
शहीद प्रदीप पटेल अपने परिवार के इकलौते बेटे थे और उनका यह बलिदान उनके माता-पिता के लिए अत्यंत दुखदाई है। मुख्यमंत्री ने शहीद के माता-पिता के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि उनके इस अपूरणीय क्षति के समय राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। यह सहायता शहीद के परिवार के प्रति राज्य सरकार की कृतज्ञता और उनके बलिदान का सम्मान है।
सनातन संस्कृति में शहादत का महत्व
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद प्रदीप पटेल की शहादत के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति में राष्ट्रहित में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों का विशेष सम्मान होता है। शहीदों की शहादत को समाज और इतिहास में एक अनमोल स्थान मिलता है। राष्ट्र सेवा में देह का समर्पण सर्वोच्च बलिदान है, और शहीद प्रदीप पटेल ने यह बलिदान देकर अमरत्व प्राप्त किया है।
डॉ. यादव ने कहा, “शहीद होने का सौभाग्य सभी को नहीं मिलता। यह विशेष उन वीरों को प्राप्त होता है, जो अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। शहीद प्रदीप पटेल का यह बलिदान न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व की बात है।"
मध्यप्रदेश के वीर सपूत का अद्वितीय योगदान
शहीद प्रदीप पटेल मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ग्राम हरदुआ के निवासी थे। वह अपने परिवार के इकलौते बेटे थे और उनकी बड़ी बहन का विवाह पहले ही हो चुका है। शहीद के परिवार में अब केवल उनके माता-पिता ही हैं, जिनके लिए यह क्षति अपार दुखदाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदीप पटेल के अद्वितीय योगदान और समर्पण के लिए यह देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने शहीद के साथियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जो उसी हादसे में दिवंगत हो गए। शहीद प्रदीप पटेल और उनके साथियों की वीरता और साहस को सलाम करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह देश उनके इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। वे देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए, जो उनके साहस और समर्पण का प्रमाण है।”
700 मीटर गहरी खाई में गिरी थी सेना की टुकड़ी
शहीद प्रदीप पटेल की शहादत का यह दुखदायी हादसा तब हुआ जब वे अपने साथियों के साथ सिक्किम के पाक्योंग में तैनात थे। सेना की एक टुकड़ी 700 मीटर गहरी खाई में गिर गई, जिसमें प्रदीप पटेल समेत कई जवान शहीद हो गए। इस हादसे में प्रदीप पटेल की वीरता और साहस की मिसाल देखने को मिली। वे देश की रक्षा में तत्पर थे और इस मुश्किल घड़ी में अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सेवा की।
शहीद प्रदीप पटेल को अंतिम विदाई में शामिल हुए वरिष्ठ नेता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कई वरिष्ठ नेता, मंत्री, और अधिकारी शहीद प्रदीप पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए खजुराहो एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इस मौके पर पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, विधायक छतरपुर ललिता यादव और महाराजपुर विधायक कामाख्या प्रताप सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सभी ने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।
शहीद परिवार को मिलेगा सरकारी सम्मान और सहायता
मुख्यमंत्री द्वारा की गई एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि की घोषणा के साथ ही राज्य सरकार ने शहीद प्रदीप पटेल के परिवार को अन्य सरकारी सहायता भी प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिवारों को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उनके जीवन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। शहीद परिवार का यह सम्मान उनकी सेवा और समर्पण के लिए राज्य सरकार की ओर से एक छोटा सा प्रयास है।
समाज और देश का कर्तव्य
शहीद प्रदीप पटेल की शहादत हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपने वीर जवानों के बलिदान को सदैव सम्मानित करना चाहिए। शहीदों के परिवारों की सहायता और उनके बलिदान का सम्मान हमारे समाज का भी कर्तव्य है। राष्ट्रहित में प्राणों की आहुति देने वाले वीरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का यह सबसे सशक्त माध्यम है।
शहीदों का बलिदान अमर है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद प्रदीप पटेल के बलिदान को राष्ट्र के लिए एक अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने कहा, “शहीद प्रदीप पटेल और उनके साथियों का बलिदान हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा। उनकी वीरता और साहस की कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनका बलिदान राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी और सेवा भावना को मजबूत करता है।”
शहीद प्रदीप पटेल की शहादत एक ऐसी प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाती है कि राष्ट्र सेवा में प्राणों की आहुति देना सबसे बड़ा सम्मान है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा और शहीद के प्रति उनकी श्रद्धांजलि इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार शहीदों के बलिदान को कभी भूलने नहीं देगी।
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