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मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना: द्वारका यात्रा का सुनहरा अवसर



written & edited by : ADIL AZIZ

कटनी (30 सितंबर): मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत जिले के वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का मौका मिल रहा है। इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों को देश के पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा कराकर उनकी धार्मिक इच्छाओं को पूरा करना है। आगामी 7 से 12 दिसंबर तक आयोजित होने वाली द्वारका तीर्थ यात्रा के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। यह यात्रा उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो पहली बार यात्रा कर रहे हैं और आयकरदाता नहीं हैं।

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का परिचय

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार ने 2012 में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को सरकार की ओर से मुफ्त तीर्थयात्रा की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, बुजुर्ग नागरिकों को रेल यात्रा, भोजन, और आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। यह पहल राज्य सरकार द्वारा समाज के वरिष्ठ और वृद्ध नागरिकों को धार्मिक यात्रा के माध्यम से जीवन में नई ऊर्जा और शांति प्रदान करने के लिए की गई है।

द्वारका यात्रा के लिए पात्रता और आवश्यक दिशा-निर्देश

द्वारका यात्रा, जो 7 से 12 दिसंबर 2024 के बीच आयोजित होगी, के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस यात्रा में भाग लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं:

  1. आयु सीमा:

    • आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। हालांकि, महिलाओं को 2 वर्ष की आयु में छूट दी गई है, यानी 58 वर्ष की महिलाएं भी यात्रा के लिए पात्र होंगी।
  2. आवश्यक दस्तावेज:

    • आधार कार्ड, समग्र आईडी, मतदाता पहचान पत्र और कोविड वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य है।
    • इसके साथ ही चिकित्सकीय प्रमाण पत्र जमा करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आवेदक यात्रा करने के लिए शारीरिक रूप से सक्षम हैं।
  3. सहायक की पात्रता:

    • यदि आवेदक की आयु 65 वर्ष या उससे अधिक है, तो वह अपने साथ एक सहायक ले जा सकता है। सहायक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
    • सहायक के लिए भी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और उपरोक्त दस्तावेज आवश्यक होंगे।

आवेदन प्रक्रिया और अंतिम तिथि

द्वारका यात्रा के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 27 नवंबर 2024 निर्धारित की गई है। इच्छुक आवेदक नगर निगम, जनपद पंचायत या नगर परिषद कार्यालय में अपने आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन पत्रों के साथ आवश्यक दस्तावेजों की छायाप्रतियां और चिकित्सकीय प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है।

यात्रा के दौरान राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, समग्र आईडी की मूल प्रति और कोविड वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र की छायाप्रति तीर्थ यात्रियों को अपने साथ ले जानी होगी।

योजना का उद्देश्य और लाभ

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना बुजुर्गों को आर्थिक बोझ से मुक्त कर उन्हें देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा का अवसर देती है। इस योजना का लाभ लेकर बुजुर्ग नागरिक बिना किसी खर्च के धार्मिक स्थलों पर जाकर अपनी धार्मिक इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। यात्रा के दौरान उन्हें पूर्ण सुरक्षा और चिकित्सा सहायता भी प्रदान की जाती है।

योजना का मुख्य उद्देश्य उन नागरिकों को लाभान्वित करना है जो शारीरिक, मानसिक या आर्थिक रूप से कमजोर हैं और तीर्थ यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं। इस योजना के तहत उन्हें धर्मिक शांति और आत्मिक संतुष्टि का अवसर प्राप्त होता है, जो उनके जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करती है।

यात्रा के लिए दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत द्वारका यात्रा के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  1. आवेदन प्रक्रिया:

    • पति-पत्नी साथ में यात्रा करना चाहते हैं तो उनके लिए आवेदन एक साथ भरना अनिवार्य है।
    • चिकित्सा प्रमाण पत्र एक आवश्यक दस्तावेज है, जिसे शासकीय अस्पताल से जारी करवाना होगा।
  2. स्वास्थ्य और सुरक्षा:

    • तीर्थ यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण यात्रा से पहले अनिवार्य है। इसके साथ ही कोविड वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र भी आवश्यक है।
    • यात्रा के दौरान छोटे बच्चों को ले जाने की अनुमति नहीं है।
  3. पूर्व लाभार्थी:

    • यदि किसी व्यक्ति ने पहले इस योजना का लाभ उठाया है, तो उसे इस यात्रा के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। योजना के तहत केवल पहली बार यात्रा करने वालों को ही मौका दिया जाता है।
  4. दस्तावेज सत्यापन:

    • आवेदन पत्रों का भौतिक सत्यापन संबंधित अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके लिए समिति गठित की जाएगी जो आवेदकों के दस्तावेजों की जांच करेगी।

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का समाज पर प्रभाव

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना ने मध्य प्रदेश के बुजुर्ग नागरिकों के जीवन में एक नई उम्मीद जगाई है। इस योजना के तहत, वे धार्मिक स्थलों की यात्रा कर अपनी आत्मिक इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। समाज में वृद्ध नागरिकों का सम्मान और उनकी धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए यह योजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है।

इसके अलावा, यह योजना सामाजिक और धार्मिक समरसता को भी बढ़ावा देती है। तीर्थ यात्रा के दौरान अलग-अलग समाज और वर्ग के लोग एक साथ यात्रा करते हैं, जिससे आपसी भाईचारा और सौहार्द का विकास होता है।

द्वारका: एक पवित्र तीर्थ स्थल

द्वारका, जिसे भगवान कृष्ण की नगरी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह स्थान चार धामों में से एक है और गुजरात राज्य में स्थित है। द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा होती है और यह स्थल हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत द्वारका यात्रा का आयोजन बुजुर्गों के लिए एक विशेष अनुभव होगा, जहां वे भगवान कृष्ण के दर्शन कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना उन बुजुर्ग नागरिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी या शारीरिक अक्षमता के कारण अपने जीवन में धार्मिक स्थलों की यात्रा नहीं कर पाते थे। इस योजना के माध्यम से, वे बिना किसी आर्थिक बोझ के तीर्थ यात्रा कर सकेंगे।

द्वारका यात्रा के लिए आवेदन करने वाले सभी नागरिकों से अपील है कि वे अपने आवेदन समय पर जमा करें और योजना का पूरा लाभ उठाएं। इस योजना से न केवल बुजुर्गों को धार्मिक यात्रा का अनुभव मिलेगा, बल्कि समाज में उनके योगदान और सम्मान को भी बढ़ावा मिलेगा।



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