गणपति बप्पा की भावभीनी विदाई: बैंड बाजा और ढोल नगाड़े के साथ थिरकीं नारी शक्तियां
written & edited by : ADIL AZIZ
कटनी (18 सितंबर) - पूरे शहर में हर्षोल्लास का माहौल था जब राहुल बाग गोकुलधाम कॉलोनी में दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन हुआ। अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर गणपति बप्पा की विदाई के साथ ही गणेशोत्सव अपने चरम पर पहुंच गया। "गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ" के गगनभेदी जयघोष और बैंड-बाजों की धुन पर नारी शक्तियों, युवाओं, और बच्चों ने धूमधाम से बप्पा को विदाई दी।
बप्पा की विदाई के समय गले रुंधे हुए थे, लेकिन दिलों में उत्साह की कोई कमी नहीं थी। गुलाबी परिधानों में सजी महिलाओं और बच्चों की टोली ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते हुए गणपति बप्पा को विदाई दी। सुरीले भजनों और पारंपरिक गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया, जिससे हर किसी की आंखें नम हो गईं।
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गणेशोत्सव का दस दिवसीय कार्यक्रम
गणेशोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी के दिन हुई थी, जब पूरे श्रद्धा और धूमधाम से भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की गई थी। दिन में दो बार आरती और पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें कॉलोनी के सभी निवासियों ने पूरी श्रद्धा से भाग लिया। हर दिन सुबह और शाम को पूजा के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। गौरी पुत्र गणेश की पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से धर्म प्रेमी और इष्ट मित्र इस आयोजन में सम्मिलित हुए और आयोजन को हर्ष और उमंग से भर दिया।
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गुलाबी परिधानों में एकजुटता और सामूहिकता
गणपति बप्पा की विदाई यात्रा में एक खास दृश्य देखने को मिला। गुलाबी रंग के कुर्ते और साड़ियों में सजे महिलाओं, युवाओं और बच्चों की टोली ने गणपति बप्पा को विदाई देते समय एक अनोखा संदेश दिया। एक समान परिधान धारण कर सभी गणेश भक्तों ने एकरूपता और एकजुटता का परिचय दिया, जो सामुदायिक भावना का प्रतीक था।
इस अवसर पर कॉलोनी के प्रमुख लोग भी शामिल हुए। दशरथ अग्रवाल, वीरेंद्र द्विवेदी, पीयूष विजयवर्गीय, बलवंत नेगी, योगेंद्र कुमार असाटी, संजीव सिंह, संजय शर्मा, बाबू टुटेजा, कौशल जायसवाल, आनंद सरावगी, अभिषेक नेगी, जिगर कोटक, संजय अग्रवाल, सुधीर गुप्ता, अमित अग्रवाल, मौसम सरावगी जैसे गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाई। महिलाओं में ज्योति विजयवर्गीय, संध्या द्विवेदी, माला सरावगी, सरिता लक्ष्मी असाटी, पुष्पा नेगी, रूबी सिंह, रिंकी सरावगी, अलका अग्रवाल, माया मीनाक्षी, सोनल अग्रवाल, प्रिया जायसवाल, पूजा कोटक, आशा शर्मा आदि ने भी इस अवसर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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विसर्जन यात्रा का अद्भुत दृश्य
जैसे ही विसर्जन यात्रा शुरू हुई, पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। बैंड की धुन, ढोल नगाड़े, और आतिशबाजी ने इस यात्रा को अद्भुत बना दिया। लोगों ने पूरे जोश और उल्लास के साथ बप्पा को विदाई दी। विसर्जन के समय जब गणपति बप्पा को सुरकी टैंक में प्रवाहित किया गया, तो सभी भक्तों के चेहरे पर एक भावुकता और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखा गया।
गणपति बप्पा की विदाई के समय भक्तों के गले रुंध गए थे, लेकिन उनके दिलों में इस बात की खुशी थी कि अगले साल फिर से बप्पा उनके बीच आएंगे। इस मौके पर महिलाओं और बच्चों ने अपने उत्साह और श्रद्धा को नृत्य और भजनों के माध्यम से प्रकट किया।
आतिशबाजी और बैंड की धुन ने भरी ऊर्जा
विसर्जन के इस आयोजन को और भी खास बनाने के लिए रंगबिरंगी आतिशबाजी का आयोजन किया गया। जैसे ही आतिशबाजी शुरू हुई, पूरा आसमान रंगीन हो गया। बैंड की धुन और ढोल की थाप ने माहौल को और भी उत्साहित कर दिया। हर किसी ने इस भव्य आयोजन का आनंद लिया और भगवान गणेश से अगले साल फिर से आने की प्रार्थना की।
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भावनात्मक विदाई
गणपति विसर्जन एक ऐसा क्षण होता है जब भक्तों का दिल भगवान गणेश से विदाई लेते हुए भारी हो जाता है। इस साल भी राहुल बाग गोकुलधाम कॉलोनी के निवासियों ने भावुक होकर बप्पा को विदाई दी। यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह सामूहिकता, एकजुटता, और सामुदायिक भावना का प्रतीक भी था।
हर साल की तरह इस साल भी गणेशोत्सव ने सभी के दिलों में एक खास जगह बनाई है। लोगों के बीच एक नया उत्साह और उमंग देखने को मिला, जो इस आयोजन को और भी खास बना गया। गणपति बप्पा की विदाई के बाद सभी ने मिलकर इस बात की उम्मीद जताई कि अगले साल फिर से बप्पा उनके बीच आएंगे और उन्हें अपने आशीर्वाद से नवाजेंगे।
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गणेशोत्सव का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह सामूहिकता और एकजुटता का प्रतीक भी था। गुलाबी परिधानों में सजी नारी शक्तियों और बच्चों ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। बैंड-बाजों की धुन, ढोल-नगाड़ों की थाप, और रंगबिरंगी आतिशबाजी ने इस आयोजन को अद्वितीय बना दिया। बप्पा की विदाई के समय भले ही सभी के गले रुंधे थे, लेकिन दिलों में अगले साल बप्पा के आगमन की उम्मीद थी।
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