कटनी के अमृत प्रोजेक्ट की समीक्षा: सुस्त गति पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी
written and edited by : Adil Aziz अगस्त 16, 2024
कटनी शहर के विकास और उसमें संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा समय-समय पर की जाती है। इसी कड़ी में, अमृत (अटल मिशन फॉर रीजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) योजना के तहत शहर में चल रहे कार्यों की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता कटनी के कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने की, जिसमें विधायक संदीप जायसवाल और महापौर प्रीति संजीव सूरी की उपस्थिति रही। बैठक में अमृत-1 और अमृत-2 योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई, जिसमें अमृत-1 की धीमी प्रगति पर कलेक्टर यादव ने नाराजगी जताई।
अमृत-2 प्रोजेक्ट की समीक्षा
बैठक की शुरुआत नगर निगम द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अमृत-2 योजना की जानकारी देने से हुई। इसमें बताया गया कि स्टेट वाटर एक्शन प्लान के तहत स्वीकृत राशि 35 करोड़ रुपये के विरुद्ध 37.77 करोड़ रुपये की डीपीआर कंसलटेंट एल.एन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड भोपाल द्वारा प्रस्तुत की गई। यह डीपीआर अमृत-1 के तहत किए गए कार्यों के अतिरिक्त शहर के शेष क्षेत्रों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
इस डीपीआर में 11 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, 43 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन, 4,450 मीटर लंबी मेन पंपिंग और आईपीएस हाउस सर्विस कनेक्शन जैसी सुविधाओं को शामिल किया गया है। वार्ड क्रमांक 13, 14, 17, और 18 को इस योजना में शामिल किया गया है, जो शहर के उन क्षेत्रों में सीवरेज नेटवर्क की आवश्यकता को पूरा करेगा, जो अभी तक इस सुविधा से वंचित हैं।
अमृत-1 प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति
कलेक्टर यादव ने अमृत-1 योजना के तहत चल रहे सीवरेज कार्यों की भी समीक्षा की। यह योजना करीब 76 करोड़ रुपये की लागत से चल रही है, जिसका 20 सितंबर 2024 तक पूर्ण हो जाना निर्धारित था। लेकिन अब तक इस योजना के तहत मात्र 45 प्रतिशत ही भौतिक प्रगति हो पाई है। इस धीमी गति पर कलेक्टर यादव ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अब से वे स्वयं इस योजना की नियमित और निरंतर समीक्षा करेंगे।
विधायक का सुझाव: नया फिल्टर प्लांट
बैठक में विधायक संदीप जायसवाल ने माधवनगर और आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक नवीन फिल्टर प्लांट की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए डीपीआर तैयार की जाए। वर्तमान में, इमलिया खदान के पानी को फिल्टर प्लांट के माध्यम से शोधित कर ग्रीष्मकाल में शहर की पेयजल आपूर्ति की जाती है। विधायक जायसवाल ने सुझाव दिया कि इसी खदान से माधवनगर और अन्य क्षेत्रों के लिए अलग से एक नया फिल्टर प्लांट स्थापित किया जाए, ताकि इन क्षेत्रों को भी स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके।
साप्ताहिक समीक्षा की आवश्यकता
अमृत प्रोजेक्ट की मंथर गति पर चर्चा के दौरान, विधायक जायसवाल ने सुझाव दिया कि नगर निगम के कार्यपालन यंत्री और ठेकेदार के बीच प्रति सप्ताह बैठक होनी चाहिए। इससे काम की धीमी गति में सुधार आ सकता है और किसी भी प्रकार की विसंगतियों को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने हर 15 दिन में एक समीक्षा बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया, जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विधायक और महापौर की उपस्थिति अनिवार्य हो। इस सुझाव पर कलेक्टर यादव ने सहमति जताई।
निष्कर्ष
कटनी शहर के विकास के लिए अमृत योजना का क्रियान्वयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन इस योजना की धीमी गति पर कलेक्टर यादव की नाराजगी बताती है कि इसे समय पर पूरा करने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। विधायक जायसवाल के सुझावों को अमल में लाने से योजना की प्रगति में तेजी आ सकती है और शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं। ऐसे में, यह आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी और ठेकेदार इस योजना की समयबद्धता को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यों को अंजाम दें।
अंततः, अमृत योजना का उद्देश्य शहर के नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है, और इसके लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि कटनी शहर एक विकसित और सशक्त नगरी के रूप में उभर सके।
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