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अजीबोगरीब मामला: बच्चों ने टीवी और मोबाइल पर रोक लगाने पर माता-पिता के खिलाफ की शिकायत




written & edited by : Adil Aziz

इंदौर: इंदौर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां बच्चों ने माता-पिता पर टीवी देखने और मोबाइल चलाने से रोकने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में पुलिस ने माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चालान पेश किया है और उन्हें 7 साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला चंदन नगर थाने का है। 21 साल की बेटी और 8 साल का बेटा अपने माता-पिता पर आरोप लगाते हुए थाने पहुंच गए। बच्चों का आरोप था कि उनके माता-पिता उन्हें टीवी देखने और मोबाइल चलाने से रोकते हैं, जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न हो रहा है।

बच्चों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चालान पेश किया। पुलिस ने माता-पिता पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस मामले में माता-पिता को 7 साल तक की सजा हो सकती है।

हाईकोर्ट का फैसला

माता-पिता ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद जिला कोर्ट में माता-पिता के खिलाफ शुरू किए गए ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।

समाज में पैदा हुए सवाल

इस मामले ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या माता-पिता अपने बच्चों को टीवी देखने और मोबाइल चलाने से रोक सकते हैं? क्या बच्चों को टीवी और मोबाइल चलाने का अधिकार है? क्या माता-पिता के इस फैसले से बच्चों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है?

विशेषज्ञों की राय

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चों को टीवी और मोबाइल चलाने की आदत लगने से उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए माता-पिता को बच्चों को टीवी और मोबाइल चलाने से सीमित समय देना चाहिए।

क्या कहते हैं कानून?

भारतीय दंड संहिता में मानसिक उत्पीड़न के लिए सजा का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

निष्कर्ष

यह मामला समाज के लिए एक सबक है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ संतुलित व्यवहार करना चाहिए। बच्चों को स्वतंत्रता देनी चाहिए लेकिन साथ ही उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। बच्चों को टीवी और मोबाइल चलाने से सीमित समय देना चाहिए ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से हो सके।



Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। किसी भी कानूनी मामले में किसी वकील से सलाह लें।


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