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जिले में अब तक कुल 535.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज, गत वर्ष की तुलना में 39.9 मिलीमीटर कम वर्षा




written & edited by : Adil Aziz

कटनी (3 अगस्त) - जिले में 1 जून 2024 से 3 अगस्त 2024 तक कुल 535.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में कुल 575.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। इस प्रकार वर्ष 2024 में अब तक कुल 39.9 मिलीमीटर कम वर्षा दर्ज की गई है।

भू-अभिलेख अधीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 1 जून से 3 अगस्त 2024 तक जिले के तहसीलवार वर्षा मापी केंद्रों में वर्षा की स्थिति इस प्रकार है:

  • कटनी: 565.4 मिलीमीटर
  • रीठी: 644.9 मिलीमीटर
  • बड़वारा: 307.0 मिलीमीटर
  • बरही: 355.0 मिलीमीटर
  • विजयराघवगढ़: 289.7 मिलीमीटर
  • बहोरीबंद: 404.3 मिलीमीटर
  • स्लीमनाबाद: 832.2 मिलीमीटर
  • ढीमरखेड़ा: 883.2 मिलीमीटर

शनिवार प्रातः तक तहसीलवार वर्षा मापी केंद्रों में दर्ज वर्षा की स्थिति इस प्रकार है:

  • कटनी: 21.4 मिलीमीटर
  • रीठी: 16.5 मिलीमीटर
  • बड़वारा: 35.0 मिलीमीटर
  • बरही: 73.0 मिलीमीटर
  • विजयराघवगढ़: 44.6 मिलीमीटर
  • बहोरीबंद: 9.1 मिलीमीटर
  • स्लीमनाबाद: 14.0 मिलीमीटर
  • ढीमरखेड़ा: 20.6 मिलीमीटर

इस प्रकार, कुल मिलाकर जिले में 1 जून से 3 अगस्त 2024 तक 535.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 39.9 मिलीमीटर कम है।

मिलीमीटर में औसत वर्षा दर्ज: क्या है और कैसे किया जाता है इसका मापन?

जब हम सुनते हैं कि किसी क्षेत्र में 535.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है, तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि मिलीमीटर क्या है और वर्षा को कैसे मापा जाता है।

मिलीमीटर क्या है?

मिलीमीटर (mm) लंबाई की एक इकाई है, जिसका उपयोग बहुत ही छोटी माप के लिए किया जाता है। एक मीटर में 1000 मिलीमीटर होते हैं। जब हम वर्षा की बात करते हैं, तो मिलीमीटर का उपयोग यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि एक निश्चित क्षेत्र में कितनी मात्रा में पानी गिरा है।

वर्षा का मापन कैसे किया जाता है?

वर्षा मापन के लिए रेन गेज (Rain Gauge) नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है। यह उपकरण निम्नलिखित तरीके से कार्य करता है:

  1. रेन गेज का सेटअप: रेन गेज एक खुला सिलेंडर होता है जो बारिश के पानी को इकट्ठा करता है। इसे खुली जगह पर स्थापित किया जाता है ताकि बारिश का पानी बिना किसी अवरोध के इसमें गिर सके।

  2. पानी का संग्रहण: बारिश का पानी इस सिलेंडर में इकट्ठा होता है। सिलेंडर की दीवारों पर निशान होते हैं जो मिलीमीटर में मापे गए होते हैं।

  3. मापन: जितना पानी सिलेंडर में इकट्ठा होता है, उसे मिलीमीटर में मापा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि सिलेंडर में 10 मिलीमीटर पानी इकट्ठा होता है, तो इसका मतलब है कि उस क्षेत्र में 10 मिलीमीटर वर्षा हुई है।

वैज्ञानिक आंकलन

वर्षा के वैज्ञानिक आंकलन के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग किया जाता है:

  1. रेन गेज नेटवर्क: बड़े क्षेत्रों के लिए, विभिन्न स्थानों पर रेन गेज लगाए जाते हैं। इन सभी रेन गेज से प्राप्त मापों को एकत्र किया जाता है और औसत निकाला जाता है।

  2. रडार: मौसम विज्ञान रडार का उपयोग करके भी वर्षा का मापन किया जाता है। रडार रेडियो तरंगों का उपयोग करता है जो वर्षा की बूंदों से परावर्तित होकर वापस आती हैं। इन परावर्तनों से वर्षा की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है।

  3. सेटेलाइट: आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, सेटेलाइट भी वर्षा का मापन कर सकते हैं। सेटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग करके बड़े क्षेत्रों में वर्षा का सटीक मापन किया जा सकता है।

निष्कर्ष

मिलीमीटर में वर्षा का मापन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमें यह समझने में मदद करती है कि किसी क्षेत्र में कितनी बारिश हो रही है। यह जानकारी कृषि, जल प्रबंधन, और बाढ़ नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपयोगी होती है। रेन गेज, रडार, और सेटेलाइट जैसी तकनीकों का उपयोग करके वैज्ञानिक वर्षा का सटीक मापन करते हैं, जिससे हमें मौसम की सही जानकारी मिलती है और हम बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

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