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जिला जेल कटनी में रक्षाबंधन का उल्लास: 207 बंदियों को बहनों ने बांधी राखी


written and edited by : Adil Aziz अगस्त 19, 2024

कटनी (19 अगस्त 2024) - रक्षाबंधन का पर्व, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है, हर साल की तरह इस बार भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लेकिन इस बार का रक्षाबंधन कुछ खास था, क्योंकि कटनी की जिला जेल में बंद 207 बंदियों को उनकी बहनों ने राखी बांधकर उनके जीवन में प्रेम और स्नेह का संचार किया। जेल के भीतर का माहौल इस दिन कुछ अलग ही था, जहां हर ओर रक्षाबंधन की मिठास और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की महक फैली हुई थी।

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रक्षाबंधन का आयोजन: उत्साह और उल्लास का माहौल

रक्षाबंधन के इस पर्व पर जिला जेल कटनी में बंदियों और उनकी बहनों के बीच उत्साहपूर्वक रक्षाबंधन का आयोजन किया गया। इस दौरान सुबह 8 बजे से ही जेल परिसर में बहनों का आगमन शुरू हो गया था। बहनों ने पंजीकरण कराकर अपने बंदी भाईयों की कलाई पर राखी बांधने की प्रक्रिया पूरी की। इस बार जेल में कुल 207 बंदियों को उनकी बहनों ने राखी बांधी, जिसमें 9 महिला बंदियों को भी उनके भाईयों ने राखी बांधी।

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भाईयों का संकल्प: अपराध से तौबा

रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर जेल में बंद भाईयों ने अपनी बहनों को राखी के रूप में केवल एक धागा नहीं, बल्कि अपने जीवन को नई दिशा देने का वादा भी दिया। उन्होंने अपनी बहनों को विश्वास दिलाया कि वे सजा पूरी होने के बाद अपराध की दुनिया से नाता तोड़ लेंगे और एक नई शुरुआत करेंगे। इस संकल्प ने न केवल उनके जीवन में परिवर्तन का बीज बोया, बल्कि बहनों के दिलों में भी आशा की किरण जगा दी।



जेल प्रबंधन की सुदृढ़ व्यवस्था

जिला जेल कटनी के प्रबंधन द्वारा रक्षाबंधन के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। जेल अधीक्षक प्रभात चतुर्वेदी के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक बहन और भाई के बीच राखी का यह त्योहार सौहार्दपूर्ण और सुरक्षित तरीके से मनाया जाए। जेल में प्रवेश करने के लिए बहनों को पहले से पंजीकरण करना पड़ा, जिसमें उन्हें अपने पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य था।

महिला बंदियों के लिए विशेष समय निर्धारण

महिला बंदियों को राखी बांधने के लिए दोपहर 12 बजे के बाद का समय निर्धारित किया गया था, जिससे उनके भाई अपने समयानुसार आकर राखी बांध सकें। इस व्यवस्था ने यह सुनिश्चित किया कि जेल के अंदर किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो और हर किसी को राखी बांधने का उचित अवसर मिले।

विशेष किट की व्यवस्था

रक्षाबंधन के इस अवसर पर जेल प्रबंधन द्वारा बहनों के लिए विशेष किट की व्यवस्था की गई थी। जेल के भीतर बाहरी सामग्री को ले जाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए बहनों ने जेल कैंटीन से विशेष किट खरीदी। यह किट राखी, मिठाई, कुमकुम, फल, नारियल और रूमाल जैसी आवश्यक चीजों से युक्त थी। यह किट दो मूल्य वर्गों, 100 रुपये और 150 रुपये, में उपलब्ध थी, जिसे बहनों ने खरीदा और अपने भाईयों को बांधी।

रक्षाबंधन के त्योहार की विशेषता

जिला जेल कटनी में रक्षाबंधन का यह आयोजन न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का एक माध्यम था, बल्कि यह एक ऐसी पहल थी जिससे बंदियों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर मिला। बहनों के साथ इस पवित्र बंधन ने बंदियों के दिलों में नई उम्मीदें जगाईं और उन्हें अपराध से तौबा करने की प्रेरणा दी।

भविष्य के लिए संकल्प

रक्षाबंधन का यह आयोजन सिर्फ राखी बांधने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह बंदियों के लिए अपने जीवन में सुधार और एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का संकल्प भी था। जेल प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि बंदियों को राखी के इस पर्व के माध्यम से एक नई शुरुआत करने का मौका मिले। यह आयोजन न केवल बंदियों के लिए एक अनमोल अनुभव था, बल्कि यह जेल प्रशासन के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल थी।

जेल अधीक्षक की शुभकामनाएं

जेल अधीक्षक प्रभात चतुर्वेदी ने इस अवसर पर सभी बंदियों और उनके परिवारों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस आयोजन के सफल संपादन के लिए जेल के सभी कर्मचारियों और बहनों का धन्यवाद किया। चतुर्वेदी ने कहा कि रक्षाबंधन का यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि यह बंदियों को अपने जीवन में सुधार करने का अवसर भी देता है।

उपसंहार: एक अनूठा अनुभव

जिला जेल कटनी में रक्षाबंधन का यह आयोजन एक अनूठा और प्रेरणादायक अनुभव था। भाई-बहन के इस पवित्र बंधन ने न केवल बंदियों के जीवन में बदलाव की पहल की, बल्कि उन्हें एक नई दिशा देने का भी काम किया। जेल प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था और बहनों के समर्पण ने इस आयोजन को सफल और यादगार बना दिया। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि चाहे जीवन में कैसी भी परिस्थिति हो, रिश्तों का बंधन हमेशा हमें नई दिशा और प्रेरणा देने के लिए तैयार रहता है।

  Jail Superintendent

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