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भारी बारिश से जिले में उत्पन्न बाढ़ के हालात: कलेक्टर ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील





लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़

कटनी, 24 जुलाई 2024 - जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने जिले के विभिन्न हिस्सों में बढ़े जलस्तर के मद्देनजर नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि इस स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की जन-धन हानि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

कलेक्टर की अपील

कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने ढीमरखेड़ा अंचल के बेलकुंड और दतला नदी के उफान पर होने की जानकारी देते हुए नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इन इलाकों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि ऐसे में पुल-पुलिया के ऊपर से पानी बहने की स्थिति में वाहन या पैदल पार करने का प्रयास न करें। जान जोखिम में डालने का कोई भी कदम न उठाएं और दूसरों को भी इसके प्रति सतर्क करें।

अधिकारियों को निर्देश

कलेक्टर ने सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र के संभावित जलभराव वाले निचले इलाकों और तटीय क्षेत्रों पर नजर रखें। उन्होंने आपदा राहत की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जरूरत के मुताबिक पशुधन और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए स्थलों का चयन पहले से कर लें और भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

सावधानी और सतर्कता

कलेक्टर श्री प्रसाद ने कहा कि बारिश से नदी-नालों और निचले इलाकों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ता है, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि पानी के घुटने का इंतजार करें या वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करें, लेकिन किसी भी स्थिति में उफान और बढ़े जलस्तर वाले पुल-पुलिया, नदी-नालों को पार न करें। छोटी सी गलती और दुस्साहस से जीवन को संकट में न डालें।

प्राकृतिक स्थलों पर सावधानी

मानसून के सक्रिय होने से मौसम सुहाना हो चुका है और ऐसे में नदी-नालों, पुल-पुलिया और प्राकृतिक झरनों वाले स्थानों पर लोग घूमने जाते हैं। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि वे रील बनाने, सेल्फी लेने और रोमांच के चक्कर में अपनी और अपने परिवार की जान जोखिम में न डालें। विशेषकर बच्चों को तेज पानी के बहाव वाले स्थानों पर न जाने दें। प्रशासन आपको अलर्ट कर सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय आपकी समझदारी पर निर्भर करता है।

राहत शिविरों की व्यवस्था

ढीमरखेड़ा अंचल में भारी बारिश से उत्पन्न बाढ़ के हालात को देखते हुए आठ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। यहां करीब 1700 बाढ़ प्रभावितों को ठहराया गया है और उनके चाय-नाश्ते से लेकर भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा, चौरसिया मंगल भवन उमरिया पान, माध्यमिक शाला पिपरिया शुक्ल, प्राथमिक शाला बनहरी, माध्यमिक शाला ढीमरखेड़ा, ग्राम पंचायत घुघरी और अन्य स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं।

बचाव कार्य

जबलपुर से आई एन.डी.आर.एफ की टीम और एस.डी.आर.एफ कटनी की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। खिर्री गांव, कछार, पोंडी खुर्द और अन्य गांवों में रबर बोट का सहारा लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। कठिन परिस्थितियों के बावजूद ये टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।

बाधित मार्ग

भारी बारिश के कारण जिले के कई मार्ग बाधित हो गए हैं। विजयराघवगढ़ क्षेत्र में महानदी हिनोता घाट में पुल के ऊपर पानी आने से विजयराघवगढ़ से बरही मार्ग बंद हो गया है। अन्य इलाकों में भी नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने से मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। ग्रामीणों को पुल-पुलिया पार न करने की सलाह दी गई है।

अधिकारियों को अलर्ट

कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिले में आगामी दिनों में भारी वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए सभी राजस्व और जनपद पंचायतों के अधिकारियों और नगरीय निकायों के अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा से जलभराव होने की स्थिति में आवश्यकतानुसार और राहत शिविर स्थापित किए जाएं और प्रभावितों के ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

जिला कंट्रोल रूम

कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर जिला स्तरीय बाढ़ कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्यरत है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे जलभराव वाले गांवों, स्थानों और बढ़े जलस्तर वाले नदी-नालों और पुल-पुलियों की सूचना कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 07622-220071 पर दें। ताकि समय पर राहत और बचाव कार्य हेतु टीम को भेजा जा सके।

निष्कर्ष

भारी बारिश और बाढ़ के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने अपील की है कि सभी लोग सावधानी बरतें और जलस्तर बढ़ने की स्थिति में नदी-नालों और पुल-पुलिया से दूर रहें। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है। जीवन अनमोल है, इसे सुरक्षित रखने के लिए हमें सतर्क रहना होगा।

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