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नर्मदा नदी में मगरमच्छ दिखने से दहशत:घाट पर स्नान-पूजा न करने की सलाह, एकादशी पर दीपदान नहीं कर पाएं श्रद्धालु

नर्मदापुरम में सेठानी घाट के सामने और आसपास पिछले 4-5 दिनों से मगरमच्छ (क्रोकोडाइल) दिखाई दे रहा है। जिससे अब सेठानी घाट पर लोगों में दहशत, खौफ का माहौल है। नर्मदा नदी में स्नान करने वालों की संख्या में कमी आ गई है। घाट पर होमगार्ड के अलावा फॉरेस्ट के अमले ने डेरा डाल दिया है। सुबह से शाम तक वन विभाग के डिप्टी और फॉरेस्ट गार्ड सेठानी घाट पर ड्यूटी कर रहे। वन विभाग की तरफ से जगह-जगह मगरमच्छ से सावधानी के लिए बैनर-फ्लेक्स लगाएं गए। जिसमें लोगों को सलाह दी कि “नदी में मगरमच्छ होने से घाट पर स्नान व पूजा नहीं करें।” बुधवार को देवशयनी एकादशी थी। लेकिन मगरमच्छ की दहशत के कारण कई श्रद्धालु मां नर्मदा में दीपदान व पूजन नहीं कर सकें। बुधवार दोपहर 3 बजे फॉरेस्ट कर्मियों ने यह बैनर लगाएं है। एक दिन पहले मंगलवार को मगरमच्छ होने जानकारी होने से स्थानीय लोग तो किनारे पर नहीं पहुंच रहे। दूसरे शहरों से आने वाले लोग अंजान होने से नर्मदा किनारे पर स्नान और पूजन-पाठ दोनों कर रहे है। ऐसे में बड़ी घटना हो सकती है। नर्मदा नदी में सेठानी घाट पर ऐसा पहली बार है जब पानी में मगर (क्रोकोडाइल) दिखाई दे रहा है। ऐसी संभावना है कि अन्य नदी से बारिश का पानी बह कर नर्मदा तक पहुंच रहा है, जिससे कहीं से बह कर मगरमच्छ नर्मदा में आ गया है। बारिश के पानी से नर्मदा का पानी मठमेला हो चुका है ऐसे में पानी में स्पष्ट दिखाई नहीं पड़ता है, इस स्थिति में सेठानी घाट पर बड़ी घटना घट सकती है। अनाउंसमेंट बंद, सीटी बजाकर हिदायत दें रहे जवान मगरमच्छ 4-5 दिनों से दिख रहा है। फॉरेस्ट विभाग की तरफ से सोमवार को एडवाजरी भी जारी की गई। मंगलवार को बैरिकेड्स लगाएं गए। बुधवार को बैनर तक लगाएं गए। लेकिन घाट पर बने कंट्रोल रुम से अलाउंसमेंट नहीं किया जा रहा। होमगार्ड जवानों सीटी बजाकर आने वाले श्रद्धालुओं को पानी के करीब ना जाने की हिदायत दे रहें। ऐसे में घाट बड़ा होने से कुछ श्रद्धालु तो बात मान रहे, थोड़ी दूर बैठे श्रद्धालु, लोग होमगार्ड जवानों को इग्नोर कर जान जोखिम में डाल नहा रहे। विधायक ने सर्च ऑपरेशन और आवागमन पर रोक लगाने के निर्देंश दिए नर्मदा नदी में सेठानी घाट के पास मगरमच्छ दिखने के मामले पर क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा ने संज्ञान लिया। विधायक ने वनमंडल अधिकारी को पत्र लिख कहा कि सेठानी घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट, परमहंस घाट, विवेकानंद घाट,हर्बल पार्क घाट सहित आसपास के घाटों पर स्नान किया जाता है। रोजाना श्रद्धालु मां नर्मदा की पूजन व स्नान करने पहुंचते है। ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा के लिए मगरमच्छ को पकड़ने सर्च अभियान चलाया जाएं। इस के लिए कहार समाज के गोताखोरों की मदद ली जाएं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भी निर्देशित किया है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए घाट पर आवागमन में तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। श्रद्धालु बोले, घाट पर खड़े हो जवान, अनाउंसमेंट किया जाए श्रद्धालु ओम रघुवंशी ने कहा मगरमच्छ दिखने का पता चला। लेकिन कुछ श्रद्धालु अभी भी घाट पर जानकारी नहीं होने के अभाव में नहा रहे। होमगार्ड व फॉरेस्ट गार्ड की संख्या बढ़ाकर उनकी नीचे नदी किनारे ड्यूटी लगाएं। अनाउंसमेंट बार-बार होना चाहिए। बचाव के लिए बैनर लगाएं, लोगों को हिदायत दे रहे डिप्टी रेंजर जगदीश बैरासी का कहना है कि मगरमच्छ दिखने की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देंश पर हमारी ड्यूटी लगाई गई है। हम व होमगार्ड जवान सुबह से शाम तक लोगों को मगरमच्छ होने से बचाव के लिए घाट से दूर रहने की सलाह दे रहें। मगरमच्छ दिखते की सूचना पर उसका रेस्क्यू भी किया जाएगा। मगरमच्छ के रेस्क्यू के लिए चंबल सेंचुरी से किया संपर्क नगरपालिका सीएमओ हेमेश्वरी पटले द्वारा बताया गया कि कलेक्टर के निर्देश पर घाटों पर नागरिकों की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। मां नर्मदा से मगरमच्छ का रेस्क्यू करने के लिए स्थानीय वन विभाग और चंबल स्थित सेंचुरी चंबल रिवर पालीघाट भी संपर्क कर रहे है। नागरिकों से कहा कि घाटों पर जाने से पूर्व सावधानी अवश्य बरतें।

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