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"क्युसेक क्या होता है? डैम गेट खोलने के कारण और परिणाम"

 

आपने बारिश के दिनों में सुना होगा कि आज dam से हजार क्युसेक् पानी छोड़ा जाएगा, आखिर ये क्युसेक् होता क्या है? पूरी जानकारी पढ़ें पूरी डिटेल्स।

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Written & Edited By : ADIL AZIZ
कल यानी सोमवार को जबलपुर के बरगी डैम से 35000 क्युसेक पानी छोड़ा जाएगा

1 क्युसेक् में कितने लीटर होते हैं?

बरसात के मौसम में अक्सर हमें सुनने को मिलता है कि किसी बाँध (dam) से इतने क्युसेक् पानी छोड़ा गया है। "क्युसेक्" शब्द सुनने में कुछ अजीब लग सकता है, लेकिन यह पानी की मात्रा मापने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। चलिए जानते हैं कि क्युसेक् क्या होता है और इसे कैसे मापा जाता है।

क्युसेक् का पूरा नाम क्यूबिक सेकंड (cubic second) है। यह माप बताता है कि प्रति सेकंड कितने क्यूबिक फीट पानी बह रहा है। इसे "cfs" भी कहा जाता है। 1 क्यूबिक फीट पानी लगभग 28.32 लीटर के बराबर होता है। इसका मतलब है कि अगर 1 क्युसेक् पानी बह रहा है, तो हर सेकंड 28.32 लीटर पानी बह रहा है।\

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क्युसेक् को लीटर में परिवर्तित करना: 1 क्युसेक् = 1 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड 1 क्यूबिक फीट = 28.32 लीटर

तो, 1 क्युसेक् = 28.32 लीटर प्रति सेकंड।


Dam के गेट किन परिस्थितियों में खोले जाते हैं?

डैम का मुख्य कार्य पानी को संग्रहित करना और उसकी आपूर्ति को नियंत्रित करना है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में डैम के गेट खोलने की आवश्यकता होती है:

  1. भारी वर्षा: जब भारी बारिश होती है और पानी का स्तर तेजी से बढ़ता है, तो अतिरिक्त पानी को नियंत्रित करने के लिए डैम के गेट खोलने पड़ते हैं। इससे पानी का स्तर नियंत्रित रहता है और बाढ़ का खतरा कम हो जाता है।

  2. नदी के जलस्तर का बढ़ना: जब नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो उसे नियंत्रित करने के लिए भी डैम के गेट खोलने पड़ते हैं। इससे बाढ़ की स्थिति से बचा जा सकता है।

  3. जलाशय की क्षमता पूरी होना: जब जलाशय की क्षमता पूरी हो जाती है और उसमें और पानी समाहित नहीं हो सकता, तो गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को बाहर निकालना पड़ता है।

  4. सुरक्षा कारण: कभी-कभी तकनीकी समस्याओं या सुरक्षा कारणों से भी डैम के गेट खोलने की आवश्यकता हो सकती है।

अगर गेट न खोले जाएं तो क्या नुकसान हो सकता है?

अगर डैम के गेट समय पर न खोले जाएं, तो इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  1. बाढ़ का खतरा: पानी का स्तर बढ़ता रहेगा और यह डैम की सीमाओं को पार कर सकता है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। इससे जीवन और संपत्ति का भारी नुकसान हो सकता है।

  2. डैम को नुकसान: अत्यधिक पानी के दबाव के कारण डैम की संरचना को नुकसान हो सकता है। इससे डैम टूट भी सकता है, जो विनाशकारी हो सकता है।

  3. पर्यावरणीय नुकसान: बाढ़ से खेतों, जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों को भारी नुकसान हो सकता है। इससे वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होते हैं।

  4. पानी की बर्बादी: अगर गेट नहीं खोले जाते, तो अतिरिक्त पानी डैम से बहकर बर्बाद हो सकता है। यह पानी सिंचाई, पेयजल और अन्य उपयोगों के लिए सुरक्षित किया जा सकता है।

क्युसेक् का उपयोग और उसका महत्व

क्युसेक् का उपयोग जल संसाधनों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि कितनी मात्रा में पानी बह रहा है और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होता है जहां बाढ़ का खतरा अधिक होता है और जल संसाधनों का सही उपयोग आवश्यक होता है।

डैम का महत्व और जल प्रबंधन

डैम का महत्व सिर्फ पानी के संग्रहण और नियंत्रण तक सीमित नहीं है। यह कई अन्य कार्यों में भी सहायक होता है:

  1. बिजली उत्पादन: डैम के माध्यम से जलविद्युत उत्पन्न की जाती है, जो एक प्रमुख ऊर्जा स्रोत है।
  2. सिंचाई: कृषि क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए डैम का उपयोग किया जाता है।
  3. पेयजल: डैम से शहरों और गाँवों को पेयजल की आपूर्ति होती है।
  4. पर्यावरण संरक्षण: डैम के माध्यम से बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी बचाव किया जा सकता है।

निष्कर्ष

क्युसेक् एक महत्वपूर्ण माप है जो हमें पानी की प्रवाह दर को समझने में मदद करता है। यह जानना जरूरी है कि 1 क्युसेक् में 28.32 लीटर पानी होता है और इसे सही समय पर नियंत्रित करने के लिए डैम के गेट खोलना आवश्यक है। अगर गेट समय पर नहीं खोले जाएं, तो इससे बाढ़ का खतरा, डैम को नुकसान और पर्यावरणीय नुकसान हो सकता है। इसलिए, जल संसाधनों का सही प्रबंधन और नियंत्रण महत्वपूर्ण है। आशा है कि इस जानकारी से आपको क्युसेक् और डैम के गेट खोलने के महत्व को समझने में मदद मिलेगी।

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