जिले में अब तक कुल 413.0 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज: एक नजर साल 2024 के वर्षा आंकड़ों पर
पिछले साल की तुलना में इस साल 28.5 मिलीमीटर अधिक बारिश
कटनी (27 जुलाई) - जिले में इस वर्ष मानसून की स्थिति सामान्य से कुछ बेहतर रही है। 1 जून 2024 से 27 जुलाई 2024 तक, जिले में कुल 413.0 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 28.5 मिलीमीटर अधिक है, जब 384.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
Written & Edited By : ADIL AZIZ
वर्षा का महत्व और इसका प्रभाव
वर्षा किसी भी क्षेत्र की कृषि और जल संसाधनों के लिए जीवनदायिनी होती है। अच्छी वर्षा का अर्थ है अच्छी फसल, जलस्रोतों में पर्याप्त पानी और एक स्वस्थ पर्यावरण। इस वर्ष की वर्षा ने किसानों और स्थानीय लोगों को राहत दी है, जो पिछले साल की कम बारिश से परेशान थे।
तहसीलवार वर्षा के आंकड़े
जिले के विभिन्न तहसीलों में वर्षा का वितरण अलग-अलग रहा है। अधीक्षक भू-अभिलेख डॉ. राकेश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तहसीलवार वर्षा के आंकड़े इस प्रकार हैं:
- कटनी: 461.0 मिलीमीटर
- रीठी: 533.6 मिलीमीटर
- बड़वारा: 225.0 मिलीमीटर
- बरही: 246.0 मिलीमीटर
- विजयराघवगढ़: 222.5 मिलीमीटर
- बहोरीबंद: 323.1 मिलीमीटर
- स्लीमनाबाद: 595.8 मिलीमीटर
- ढीमरखेड़ा: 694.9 मिलीमीटर
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा का वितरण असमान रहा है।
वर्षा के आंकड़ों का विश्लेषण
- कटनी और रीठी: कटनी और रीठी तहसील में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। कटनी में 461.0 मिलीमीटर और रीठी में 533.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है। यह किसानों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि अधिक वर्षा का मतलब है कि उनकी फसलें बेहतर होंगी।
- बड़वारा और विजयराघवगढ़: इन क्षेत्रों में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है। बड़वारा में 225.0 मिलीमीटर और विजयराघवगढ़ में 222.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि चिंता का विषय हो सकता है।
- स्लीमनाबाद और ढीमरखेड़ा: इन तहसीलों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है। स्लीमनाबाद में 595.8 मिलीमीटर और ढीमरखेड़ा में 694.9 मिलीमीटर वर्षा हुई है। यह इस बात का संकेत है कि इन क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की समस्या हो सकती है।
किसानों की प्रतिक्रिया
कटनी जिले के किसानों ने इस वर्ष की अच्छी वर्षा पर संतोष व्यक्त किया है। किसान रमेश पटेल ने बताया, "पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक बारिश हुई है, जिससे हमारी फसलों को बहुत फायदा हुआ है। हमें उम्मीद है कि इस साल हमें अच्छी पैदावार मिलेगी।"
प्रशासन की तैयारी
जिले में अधिक वर्षा के कारण बाढ़ और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। अधीक्षक भू-अभिलेख डॉ. राकेश कुमार ने बताया, "हमने सभी तहसीलों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपाय किए हैं। सभी तहसील अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्यवाही की जा रही है।"
भविष्य की संभावनाएं
अभी मानसून का सीजन चल रहा है और आने वाले दिनों में और अधिक वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ सप्ताह में और अधिक वर्षा हो सकती है, जिससे जलस्रोतों में पानी की कमी नहीं होगी और किसानों को अपनी फसलों के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा।
जलसंरक्षण के उपाय
अधिक वर्षा के बावजूद, जलसंरक्षण की आवश्यकता बनी रहती है। प्रशासन और स्थानीय संगठनों ने मिलकर जलसंरक्षण के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। किसानों को वर्षा जल संग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और जलस्रोतों की सफाई और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
निष्कर्ष
कटनी जिले में इस वर्ष की वर्षा ने किसानों और स्थानीय निवासियों को राहत प्रदान की है। पिछले साल की तुलना में अधिक वर्षा ने फसलों को संजीवनी दी है और जलस्रोतों को भर दिया है। प्रशासन ने भी संभावित आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। हालांकि, जलसंरक्षण की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह समय है कि हम सभी मिलकर जलसंरक्षण के उपाय करें और इस बहुमूल्य संसाधन का सही उपयोग करें।
इस वर्ष की वर्षा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में और अधिक वर्षा की संभावना है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि यह साल कृषि और जल संसाधनों के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगा।
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