सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित
लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़
कटनी (24 जुलाई) - सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के नामांकन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2024 तक है। इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएं वर्ष 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन https://awards.gov.in पर प्रस्तुत कर सकते हैं। इस संबंध में संयुक्त कलेक्टर संस्कृति लटोरिया ने विभागों के जिला प्रमुखों को पत्र जारी कर कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आपके अधीनस्थ किसी व्यक्ति व संस्था के प्रस्ताव 31 अगस्त 2024 तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।
पुरस्कार की महत्ता और उद्देश्य
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और आपदा प्रबंधन में नवाचार एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता प्रदान करना है। यह पुरस्कार हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर घोषित किया जाता है। इस पुरस्कार में चयनित संस्था को 51 लाख रुपये नगद व एक प्रमाण पत्र तथा व्यक्तिगत मामले में 5 लाख रुपये नगद एवं एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
नामांकन प्रक्रिया
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने वर्ष 2025 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएं https://awards.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2024 निर्धारित की गई है।
संयुक्त कलेक्टर संस्कृति लटोरिया ने विभागों के जिला प्रमुखों को पत्र जारी कर कहा है कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आपके अधीनस्थ किसी व्यक्ति व संस्था के प्रस्ताव 31 अगस्त 2024 तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।
पुरस्कार के लिए योग्यताएं
इस पुरस्कार के लिए वही व्यक्ति या संस्थाएं आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। इसके तहत विभिन्न आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, चक्रवात, सूखा, महामारी आदि के दौरान उत्कृष्ट कार्य किया हो। इन कार्यों में बचाव और राहत कार्य, पुनर्वास, आपदा पूर्वानुमान, जागरूकता अभियान, और आपदा के बाद की स्थिति को सुधारने के उपाय शामिल हैं।
पुरस्कार की प्रक्रिया
सभी आवेदनों का मूल्यांकन एक चयन समिति द्वारा किया जाता है, जो विभिन्न मापदंडों के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करती है। इस समिति में आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी, और अन्य क्षेत्रीय विशेषज्ञ शामिल होते हैं। चयन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के कार्यों की गहन जांच की जाती है और उनके योगदान का आकलन किया जाता है।
आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य
भारत में आपदा प्रबंधन का क्षेत्र बहुत व्यापक और विविधतापूर्ण है। यहां हर साल विभिन्न प्रकार की आपदाएं आती हैं, जिनमें भूकंप, बाढ़, चक्रवात, सूखा, और महामारी शामिल हैं। इन आपदाओं से निपटने के लिए प्रभावी और त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता होती है।
आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई व्यक्तियों और संस्थाओं ने उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने न केवल आपदाओं के दौरान बचाव और राहत कार्य किए हैं, बल्कि आपदा के बाद की स्थिति को सुधारने के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इसके अलावा, उन्होंने आपदा पूर्वानुमान, जागरूकता अभियान, और आपदा प्रबंधन योजनाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आपदा प्रबंधन के महत्व
भारत जैसे देश में, जहां विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं आम हैं, आपदा प्रबंधन का महत्व और भी बढ़ जाता है। प्रभावी आपदा प्रबंधन न केवल जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि समाज की स्थिरता और विकास को भी बनाए रखता है। इसके लिए आवश्यक है कि समाज के सभी वर्ग, विशेष रूप से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति और संगठन, मिलकर काम करें।
पुरस्कार की घोषणा और समारोह
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है। इस समारोह में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों की उपस्थिति रहती है।
संचार संकर्म समिति की बैठक 26 को आयोजित
कटनी (24 जुलाई) - जिला पंचायत की संचार संकर्म समिति की बैठक का आयोजन शुक्रवार 26 जुलाई को दोपहर 12 बजे जिला पंचायत कटनी के सभागार में किया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता समिति के सचिव एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जी.एस. खटीक द्वारा की जाएगी। इस बैठक में 15वें वित्त योजनांतर्गत 2021-22, 2022-23 एवं 1 अप्रैल 2024 से वर्तमान तक जिला एवं जनपद पंचायतवार स्वीकृत निर्माण कार्यों की स्वीकृत राशि, अपूर्ण कार्य, अप्रारंभ कार्य एवं पूर्ण कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
बैठक का महत्व और उद्देश्य
संचार संकर्म समिति की बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा और उनके प्रगति का मूल्यांकन करना है। इस बैठक में विभिन्न योजनाओं की जानकारी, प्रगति और लाभान्वित हितग्राहियों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, इस बैठक में विभागों की योजनाओं की प्रगति और उनके कार्यान्वयन पर भी चर्चा की जाएगी।
समीक्षा के मुख्य बिंदु
बैठक में 15वें वित्त योजनांतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इस समीक्षा में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
- स्वीकृत राशि: प्रत्येक परियोजना के लिए स्वीकृत राशि की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा।
- अपूर्ण कार्य: उन कार्यों की सूची तैयार की जाएगी जो अभी तक पूर्ण नहीं हो पाए हैं।
- अप्रारंभ कार्य: उन परियोजनाओं की चर्चा की जाएगी जो अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाई हैं।
- पूर्ण कार्य: उन परियोजनाओं की सूची तैयार की जाएगी जो पूर्ण हो चुकी हैं और उनके लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी ली जाएगी।
विभागों की योजनाओं की जानकारी और समीक्षा
बैठक में विभिन्न विभागों की योजनाओं की जानकारी और उनकी समीक्षा भी की जाएगी। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी:
- योजनाओं की जानकारी: प्रत्येक विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जाएगी।
- प्रगति की समीक्षा: योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी और उनके कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।
- लाभान्वित हितग्राही: उन लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी ली जाएगी जिन्हें योजनाओं का लाभ मिला है।
सदस्यगण और उनकी भूमिका
इस बैठक में समिति के सभी सदस्यों को उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है। समिति के सदस्यगण अपनी-अपनी परियोजनाओं की जानकारी और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा, बैठक में सभी सदस्यों से सुझाव और विचार विमर्श किया जाएगा जिससे कि योजनाओं के कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
सुरक्षा और संरचना
बैठक के दौरान सभी सदस्यों को सामाजिक दूरी और अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, बैठक के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि बैठक सुचारु रूप से संचालित हो सके।राबर्ट लाइन स्कूल की जर्जर शाला भवन को जमींदोज करने की कार्यवाही
कटनी (24 जुलाई) - कटनी जिले के राबर्ट लाइन स्कूल की जर्जर शाला भवन को नगर निगम के अमले द्वारा बुधवार को जेसीबी मशीन की मदद से गिरा दिया गया। यह कार्यवाही कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर की गई, जो जिले में जर्जर और क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों की सुरक्षा की दृष्टि से डिस्मेंटल कराने के आदेश के तहत की गई थी।
जर्जर भवन की स्थिति और खतरे
राबर्ट लाइन स्कूल की शाला भवन लंबे समय से जर्जर स्थिति में थी। कई हिस्सों में दरारें आ चुकी थीं और छत का कुछ हिस्सा टूटकर गिरने लगा था। छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस भवन को जमींदोज करना आवश्यक हो गया था। कलेक्टर ने समय-सीमा बैठक में इस मुद्दे को उठाया और तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।
कार्यवाही का क्रियान्वयन
कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम के अमले ने तुरंत कार्यवाही शुरू की। जेसीबी मशीन की मदद से बुधवार को भवन को सुरक्षित तरीके से गिरा दिया गया। कार्यवाही के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया और क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न घटित हो सके।
सुरक्षा के उपाय
भवन को गिराने से पहले आस-पास के क्षेत्र में सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए। आसपास की बस्तियों को सूचित किया गया और लोगों को क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी गई। नगर निगम के अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे ताकि कार्यवाही बिना किसी बाधा के पूरी हो सके।
भविष्य की योजनाएँ
राबर्ट लाइन स्कूल की जर्जर भवन को गिराने के बाद, अब प्रशासन ने नए भवन के निर्माण की योजना बनाई है। नए भवन का निर्माण आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि नए भवन का निर्माण जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा ताकि छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस कार्यवाही को लेकर समुदाय में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई अभिभावकों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की और कहा कि इससे उनके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। छात्रों ने भी नए भवन के निर्माण को लेकर उत्साह व्यक्त किया और कहा कि वे नए और सुरक्षित माहौल में पढ़ाई करने के लिए उत्सुक हैं।
प्रशासन का दृष्टिकोण
कलेक्टर अवि प्रसाद ने कहा कि जिले में जर्जर और क्षतिग्रस्त भवनों की पहचान कर उन्हें डिस्मेंटल करना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के भवन बच्चों और आम जनता के लिए खतरा बन सकते हैं और इसलिए उन्हें जल्द से जल्द हटाया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन इस दिशा में और भी कड़े कदम उठाएगा ताकि जिले में कोई भी जर्जर भवन न रह सके।
अन्य जर्जर भवनों की पहचान
कलेक्टर ने बताया कि राबर्ट लाइन स्कूल के अलावा जिले में अन्य जर्जर भवनों की भी पहचान की जा रही है। इन भवनों की सूची बनाई जा रही है और उन्हें डिस्मेंटल करने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासन इस काम को प्राथमिकता के आधार पर कर रहा है ताकि जिले में कोई भी असुरक्षित भवन न रह सके।
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