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ऑटो चालक पर पुलिस का थर्ड डिग्री टॉर्चर:चोरी के संदेह में बांधकर पीटा, घायल बोला-पेशाब भी पिलाई, एएसपी करेंगे जांच

ग्वालियर में एक बार फिर पुलिस की बर्बरता सामने आई है। भिंड के कारोबारी के लाखों रुपए के गहने कार से चोरी के संदेह में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया है। एक ऑटो चालक को चोरी के संदेह में बेरहमी से पीटा गया। उसके हाथ पैर बांधकर पीटा गया। इतना ही नहीं उसे थाटीपुर में रिमांड रूम में रखकर पीटने के बाद पेशाब भी पिलाई गई। घायल का कहना है कि यह पेशाब उसे क्राइम ब्रांच टीआई ने जबरन पिलाई है। ऑटो चालक का दोष इतना था कि उसका ऑटो घटना के समय और उसके पहले दो से तीन बार स्टेशन बजरिया इलाके में दिखा था। ऑटो चालक को पैर में भी फेक्चर है। जब रात को मामला तूल पकड़ता गया तो पुलिस ने पकड़े गए संदेहियों पर धारा 151 के तहत कार्रवाई कर छोड़ दिया। घायल दीपक के परिज ने इस अन्याय के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई। इस पर एसपी ग्वालियर ने मामले की जांच एएसपी अखिलेश रेनवाल को सौंपी है। शहर के पड़ाव थाना स्थित स्टेशन बजरिया बस स्टैंड तिराहा पर 17 जून को भिंड के सराफा कारोबारी अमन बंसल की कार से 15 लाख रुपए का गहनो से भरा बैग चोरी हुआ था। CCTV कैमरे में संदेही इंदरगंज चौराहे तक कई सवारी वाहन बदलते दिखे थे। पुलिस ने दो से तीन ऑटो चिन्हित किए थे। पुलिस को चोरों से इनका लिंक होने का शक था। सिकंदर कंपू सांवरिया धाम में रहने वाले ऑटो चालक दीपक उर्फ सोनू शिवहरे ने बताया वह ऑटो चालक है। पड़ाव थाने के आरक्षक संजीव यादव ने गाड़ी मालिक को फोन कर कहा था कि उनके ऑटो से एक्सीडेंट हुआ है। चालक को थाने ले आओ। उस समय दीपक शिवपुरी और वहां से इंदौर गया था। जब वहां से लौटा तो 22 जून को पड़ाव थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे फोटो दिखाकर सोना चोरी करने को लेकर पूछताछ की। जब उसने चोरी से इनकार किया तो उसे हवालात में बंद कर रात डेढ़ बजे तक अमानवीय तरीके से पीटा गया। फिर उसे छोड़ दिया गया। फोटो की पहचान करने बुलाया फिर पीटा, पेशाब पिलाई 24 जून को आरक्षक संजीव यादव ने फिर फोटो दिखाने की कहकर बुलाया और थाटीपुर ले जाकर क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। वहां TI पड़ाव थाना सहित पुलिसकर्मियों ने उसे जमीन पर उलटा लेटाकर रबड़ के फट्‌टे से जमकर पीटा। इसके बाद क्राइम ब्रांच टीआई पर उसने जबरन पेशाब पिलाने का आरोप लगाया है। इस दौरान पीटते-पीटते पुलिस ने उसका पैर तोड़ दिया। उसकी हालत बिगड़ी तो आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। जब चोरी का कोई सबूत नहीं मिला तो शांति भंग करने का केस लगाकर मुंह बंद रखने की डर दिखाकर छोड़ दिया। दीपक ने बताया कि उसके साथ ऑटो चालक निखिल, आकाश खटीक सहित दो अन्य लोगों को भी पकड़ा था। उन्हें भी पीटा गया था। मुझे तो समझ नहीं आ रहा वो मार क्यों रहे हैं घायल दीपक शिवहरे ने दैनिक भास्कर को बताया कि मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि जब मैं बता रहा हूं कि मैंने कुछ नहीं किया तो भी वह मुझे पीटे जा रहे हैं। पुलिस सिर्फ CCTV कैमरे की फुटेज में वहां से निकलता दिखने पर वह संदेही मानकर थर्ड डिग्री टॉर्चर कर रही है। जबकि मेरा न तो कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। मेरे घर पर भी पुलिस ने आकर तलाशी ली है, लेकिन उनको कुछ नहीं मिला। पुलिस वालों उल्टा लटकाकर पीटा, पेशाब पिला दी। मुझे लगा इनकी बात नहीं मानूंगा तो वह बेरहमी से पीटते रहेंगे। आठ जुलाई को है भांजी की शादी, पत्नी का हो चुका है निधन ऑटो चालक दीपक ने बताया कि उसके परिवार में पांच साल का बेटा है। उसकी पूरी जिम्मेदारी उसी पर है। ऐसे में वह कैसे कोई गलत काम कर सकता है। साल 2019 में कैंसर से उसकी पत्नी का निधन हो चुका है। अभी 08 जुलाई को उसकी बहन की बेटी (भांजी) की शादी है। उसकी की तैयारियों में वह लगा हुआ था। एएसपी को सौंपी थाने में मारपीट की जांच इस मामले में एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह का कहना है कि सराफा कारोबारी के गहने चोरी में इस अॉटो चालक के खिलाफ कुछ सुराग मिले हैं। पर अभी कुछ साबित नहीं हो पाया है। थाने में उससे बेरहमी से मारपीट व पेशाब पिलाने के आरोपों की जांच कराई जा रही है। एएसपी शहर अखिल रेनवाल को मामले की जांच सौपी गई है।

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