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कैमारा कलां में अंडर ब्रिज मंजूर:4 महीने से किसान कर रहे थे आंदोलन, 3 ग्रामीणों को 16 दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा

सबलगढ़ के किसान 4 महीनों से लगातार अंडर ब्रिज की मांग कर रहे हैं। प्रशासन की दबाव के बावजूद आंदोलन नहीं तोड़ा गया। एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करने के दौरान 3 किसानों को जेल भेज दिया गया था। जिन्हें 16 दिन बाद छोड़ाया गया था। किसान सभा ने जिला कलेक्ट्रेट पर सत्याग्रह मांग को मंजूर कराया गया। एसडीएम वीरेंद्र कटारे और रेलवे अधिकारियों ने अंडर ब्रिज की घोषणा की गई। शुक्रवार को दोपहर 3:00 बजे एसडीएम वीरेंद्र कटारे एवं रेलवे अधिकारियों ने पहुंचकर केमारा कंला गुप्त पुल के पास अंडर ब्रिज के मंजूर होने की घोषणा की गई। 4 महीने से किसान कैमारा कलां के सामने बांशोली, हाथीपुरा, बोहरे का पुरा, गणेशपुरा, आदिवासी पुरा के किसानों ने खेतों के आवागमन के लिए अंडर ब्रिज की मांग कर रहे थे। जिसमें कई गांवों के किसान बड़ी संख्या में आंदोलन कर रहे थे। फिर भी सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। सरकार ने 3 आंदोलनकारी किसानों को जेल में बंद कर दिया गया था। जिनको 16 दिन बाद छोड़ा गया है। लेकिन किसानों का हौसला नहीं टूटा और वे लगातार मांग करते रहे। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर, सत्याग्रह कर अपनी मांग उठाई। अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पर भी ज्ञापन दिए गए। तब जाकर सरकार ने किसानों की जायज मांग को माना और गुप्त पुल के सामने अंडरब्रिज स्वीकृत किया है। इस बारे में अनुविभागीय अधिकारी अधिकारी (राजस्व) वीरेंद्र कटारे और रेलवे के अधिकारी आन्दोलन स्थल पर पहुंचे और उन्होंने अंडर ब्रिज स्वीकृति की जानकारी दी। शनिवार से कार्य शुरु करने का आश्वासन दिया। जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने अपने किसान नेताओं का स्वागत भी किया। जिन किसान नेताओं का स्वागत किया गया। उनमें मध्य प्रदेश किसान सभा में प्रदेश अध्यक्ष अशोक तिवारी, ओमप्रकाश श्रीवास,भान सिंह जादौन, रामप्रकाश जादौन,दिनेश सिकरवार,रामस्वरूप रजक,अरविंद सगर प्रमुख रहे। आंदोलन के प्रमुख नेता हेमराज रावत पटेल, रामनिवास शर्मा, रामरूप रावत, रामकिशोर रावत, पूरनलाल शर्मा, प्रमोद रावत वंटी शर्मा आदि ने इसे किसान आंदोलन की जीत बताया है और किसानों के संगठन को मजबूत करने का संकल्प लिया है।

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