एक्सपर्ट के साथ भास्कर की सबसे बड़ी पड़ताल:एसटीपी में क्षमता से 8 गुना ज्यादा आ रही गंदगी, आजाद नगर से छोड़े जा रहे ट्रीटेड वाटर में खतरनाक केमिकल
देश की पहली वाटर प्लस सिटी इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदियों में इन दिनों गंदगी और खतरनाक केमिकल बह रहा है। इनकी सफाई पर निगम ने दो साल में 487.07 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इनमें से 20 करोड़ रुपए की सहभागिता शहर की जनता ने की थी। भास्कर ने पानी के क्षेत्र में काम करने वाले देश के चार दिग्गजों की मदद से दोनों नदियों के उद्गम से लेकर शहरी सीमा तक बहने वाले क्षेत्र के साथ 7 नालों की करीब 92 किमी लंबी भूमि का अध्ययन किया। एक्सपर्ट्स ने शहर के 11 एसटीपी में हो रही गड़बड़ियां उजागर कीं। इनमें क्षमता से 8 गुना ज्यादा गंदगी आ रही थी। आजाद नगर एसटीपी से निकलने वाले ट्रीटेड वाटर में कई खतरनाक केमिकल मिले। नाइट्रेट तक नहीं हट रहा इंजीनियर ने माना दो टैंक खराब आजाद नगर एसटीपी पर इंजीनियर योगेश कुमार सराठे ने स्वीकार किया कि चार एसबीआर टैंक में से दो खराब हैं। यहां स्क्रीनिंग भी ठीक नहीं थी। पानी में प्लास्टिक सहित कई ठोस तत्व आ रहे थे। हाथ से लिख रहे थे डाटा एसटीपी में हाथ से रीडिंग लिखी जा रही थी, जबकि पूरा सिस्टम ऑटोमैटिक है। यहां इनलेट के सीवेज का पीएच 7.8 था और आउटलेट का 7.3 मिला। यानी बायो रिएक्टर काम नहीं कर रहा था। सीधी बात ममता वर्मा, इंचार्ज, एलसी इन्फ्रा एसटीपी से पानी सही तरीके से ट्रीट क्यों नहीं हो पा रहा? - आजादनगर और राधास्वामी एसटीपी में ज्यादा परेशानी आ रही है, बाकी ठीक काम कर रहे हैं। क्या परेशानी आ रही है? - प्लांट 500 सीओडी (केमिकल ऑक्सीजन डिमांड) और 225 बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) के हिसाब से डिजाइन है जबकि सीओडी 4000 तक और बीओडी 500 से ज्यादा मिल रहा है। ये जितना ज्यादा, पानी उतना ही खराब होगा।
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