बेटे की चाह में किया मासूम का अपहरण, तीन गिरफ्तार:डर गए तो खुद बच्चे को लेकर थाने पहुंचे, CCTV फुटेज से पकड़े गए
मामला एक्सप्रेस ट्रेन में पांच-छह अप्रैल की दरमियानी रात ग्वालियर से डबरा के बीच दो माह के मासूम के अपहरण की कहानी का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। बच्चे को इंदौर जीआरपी को सौंपने वाले दंपति ने अपनी साली के साथ मिलकर बच्चे का अपहरण किया था। बेटा की चाह में उन्होंने यह कदम उठाया। बच्चे को लेकर वह घर भी पहुंचे, लेकिन इसके बाद मीडिया में आई खबरों से वह डर गए थे और बच्चे को वापस लौटाने पहुंचे। साथ ही कहानी सुना दी कि बच्चा उनको ट्रेन की सीट पर लावारिस मिला। जब पुलिस ने CCTV कैमरे खंगाले तो साफ हुआ कि पहले दंपति बच्चे को लेकर स्टेशन से बाहर निकलते दिख रहा है। इसके बाद जब उनकी मोबाइल लोकेशन और फुटेज निकालकर पूछताछ की तो दंपति और उसकी साली ने जुर्म कुबूल कर लिया है। महिला और उसकी बहन को पुलिस ने जेल भेज दिया है, जबकि आरोपी युवक को पांच दिन की रिमांड पर लिया है। छतरपुर रठखेरा गांव निवासी उमेश कुमार अहिरवार अपनी पत्नी सुखवंती एवं दो माह के बेटे नमन के साथ 5 अप्रैल को जम्मू से वेष्णोंदेवी के दर्शन करने के बाद झांसी जाने के लिए मालवा एक्सप्रेस के एस-2 कोच में सवार हुए थे। जब ट्रेन डबरा पहुंची तो उन्होंने अपने दो माह के बेटे को गायब पाया था। 7 अप्रैल को जीआरपी ग्वालियर पहुंचकर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई थी। जीआरपी पड़ताल शुरू करती इसके पहले ही पता चला कि इंदौर में एक दंपत्ती जीआरपी थाने पहुंचा है और बच्चा उनको सौंपा है। दंपति ने कहानी सुनाई थी कि ट्रेन में बच्चा उनको लावारिस मिला था। इसके बाद एसपी मृगाखी डेका के निर्देश पर जीआरपी ग्वालियर टीआई पंकज दीवान ने अपनी टीम को इंदौर रवाना किया। यहां पहुंचकर जब टीम ने सभी स्टेशनों की सीसीटीवी फुटेज देखी तो पता चला कि दंपत्ती की कहानी झूठी थी, इसके बाद कॉल डिटेल भी निकलवाई गई थी। जिससे पूरी सच्चाई सामने आ गई। बेटे की चाह में किया अपहरण, डर के चलते वापस किया पकड़े गए आरोपी 42 वर्षीय अमर सिंह पुत्र जगदीश चौहान निवासी पत्ती बाजार चंदन पार्क महू इंदौर ने पत्नी इंदू चौहान और साली रंजना चनाल पति सुनील चनाल निवासी रेलवे कॉलोनी इंदौर के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। दरअसल इनके एक बेटी थी, कोई बेटा नहीं था। दंपत्ती को चिंता थी कि उनके बाद वंश को आगे कौन बढ़ाएगा, इसलिए वह एक बेटा चाहते थे। कई डॉक्टरों से इलाज के बाद भी जब बेटा नहीं हुआ तो उन्होंने अपहरण की वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने कहानी सुनाई है कि वह मथुरा-वृंदावन गए थे। आगरा से वह मालवा एक्सप्रेस में सवार हुए थे। उनका ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं था, इसलिए वह खाली बर्थ देखकर ऊपर की सीट पर बैठ गए थे। यहीं मौका देखकर कोच में नीचे की बर्थ पर सो रही सुखवंती के पास लेटे दो माह के बेटे को उठाकर निकल गए थे। अपनी ही कहानी में फंसा दंपति बच्चे के अपहरण की खबर मिलते ही जीआरपी एक्टिव हो गई थी। पुलिस की खोजबीन की खबर मिलते ही दंपति काफी घबरा गयर। दंपति को लगा कि वह पकड़े जाएंगे। इसलिए वह खुद ही इंदौर जीआरपी थाने पहुंचे और बच्चा सौंप दिया। पुलिस ने जब एक दिन बाद आने का कारण पूछा तो कहानी सुनाई कि उनको ट्रेन में कुछ युवक मिले जो बच्चा जबरदस्ती मांग रहे थे। फिर वह ललितपुर में उतर गए और बस से भोपाल पहुंचे और यहां से कार से इंदौर पहुंचे। खुद को आईआईएम का ट्रेनर बताते हुए कहा कि वह ड्यूटी पर चला गया था, इसलिए एक दिन बाद बच्चा लेकर थाने पहुंचे। जब पुलिस ने बताए गए स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला कि कहानी झूठी है। इसके बाद जब आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो पूरी कहानी सामने आ गई। मां को अभी तक नहीं मिला उनका बेटा छतरपुर से उमेश अहिरवार अपनी पत्नी सुखवंती के साथ इंदौर पहुंच गए हैं, लेकिन अभी उनको बच्चा नहीं मिल सका है। इंदौर जीआरपी ने बच्चे को बाल कल्याण समिति काे सौंपा था। समिति का कार्यकाल पूरा हो चुका है, इसलिए अब कलेक्टर इस मामले में निर्णय लेंगे। वर्तमान में बच्चे को संजीवनी संस्था में रखा गया है। आशा है कि एक या दो दिन में बच्चा अपनी मां की गोद में पहुंच सकता है। जानिए क्या है पूरा मामला दरअसल, छतरपुर निवासी 27 वर्षीय उमेश कुमार अपनी पत्नी और दो माह के बच्चे नमन के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए गए थे। दर्शन करने के बाद 5 व 6 अप्रैल की दरमियानी रात को मालवा एक्सप्रेस के एस-2 कोच में सवार होकर लौट रहे थे। उनकी बर्थ नंबर 13 और 14 थी। कटरा स्टेशन से वह ट्रेन में सवार हुए। रात 11 बजे आगरा स्टेशन पहुंचने पर उमेश की पत्नी को पेट दर्द की शिकायत हुई। ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी को दवा खिलाई और बच्चे को पत्नी के साथ ही सुला दिया। खुद दूसरी बर्थ पर लेट गए। तड़के जब डबरा स्टेशन के पास नींद खुली, तो देखा कि पत्नी सो रही है और बच्चा गायब है। बच्चे को गायब देखकर उन्होंने शोर मचाया, तो जीआरपी के जवान पहुंचे और बच्चे को तलाशना शुरू किया। बच्चे का पता न चलने पर जीआरपी थाने आकर मामला दर्ज कराया। जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की। इसी बीच पता चला है कि इंदौर में एक दंपती ने जीआरपी को लावारिस हालत में मिला एक बच्चा सौंपा है।
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