नाक और दिमाग के बीच में बना ट्यूमर:जिससे चली गई आंख की रोशनी, हमीदिया में ऑपरेशन कर लौटी रोशनी
'म्यूकोसील' एक प्रकार की सिस्ट होती है, जिससे पीड़ित एक महिला हमीदिया अस्पताल में रेफर होकर आई। जो बीस दिन से उल्टी सिर दर्द घबराहट की समस्या थी उनकी नजर कमजोर हो गई थी वह एक आंख से कुछ नहीं देख पा रहीं थी इस गंभीर बीमारी का ऑपरेशन कर वापस महिला की आंख की रोशनी वापस आ सकी है, यह ऑपरेशन हमीदिया हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर्स द्वारा किया गया। बता दें कि म्यूकोसील सिस्ट जैसा होता है, जिसमें मवाद जैसा भर जाता है, जो आसपास की साइनस की वॉल को खराब करता है। कई अस्पतालों में दिखा चुकी थी महिला दमोह की रहने वाली 32 साल की आरती कई दिनों से उल्टी दर्द और घबराहट से परेशान थीं। इसके चलते करीब दस दिन पहले उन्हें आंख से दिखना भी बंद हो गया। तमाम अस्पतालों में इलाज कराने के बाद भी आरती को आराम नहीं मिला तो वह हमीदिया अस्पताल पहुंची। यहां जांचों में पता चला कि आरती के नाक और दिमाग के बीच में म्यूकोसील (मांस का टुकड़ा) बन गया है। इस मांस के टुकड़े का प्रेशर आंख के विजन वाली नस पर पड़ रहा था, जिससे उसका विजन पूरी तरह चला गया था। ऐसे में चिकित्सकों ने तत्काल दूरबीन पद्धति से इस म्यूकोसील को बाहर निकालने का फैसला किया। मरीज के परिजनों के अनुसार जब आरती को दिक्कत हुई तो वे उसे दमोह के एक निजी हॉस्पिटल ले गए। यहां सीटी स्कैन कराने के बाद बड़े अस्पताल जाने को कह दिया। मरीज को नागपुर ले गए, यहां भी एमआरआई और सर्जरी के लिए बोला गया। अंत में मरीज को हमीदिया अस्पताल लाया गया। अब महिला की आंखों की रोशनी आई वापस हमीदिया के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ यशवीर जेके, न्यूसर्जर डॉ रजनीश गौर व एनेस्थिसियों के विकास गुप्ता व रेसीडेंट्स डॉ दिक्षा, बरखा और नीलम ने लेप्रोस्कोपिक तकनीक से ऑपरेशन को अंजाम दिया। डॉक्टर यशवीर ने बताया कि दूरबीन की मदद से नाक से इस म्यूकोसील को निकाला गया। डॉ. यशवीर के मुताबिक अमूमन आंख की रोशरी अस्थाई रूप से 72 घंटे तक बंद रहे तो विजन हमेशा के लिए चला जाता है। लेकिन इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि दो दिन के बाद ही मरीज की आंखों की रोशनी लौट आई। उन्होंने बताया कि म्यूकोसील आसपास की साइनस की वॉल को खराब करता है, हमीदिया अस्पताल में दमोह की रहने वाली लेडी रेफर होकर आई थी बीस दिन से उल्टी सिर दर्द घबराहट की समस्या थी उनकी नजर कमजोर हो गई थी वह एक आंख से कुछ नहीं देख पा रहीं थी। एमआरआई करवाई तो हमें पाया कि स्पेनॉइट साइनस था, साथ ही यह मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को इवॉल्व कर रहा था, इसकी वजह से एक तरफ की आंख की रोशनी चली गई थी आम तौर पर इतने दिन बाद ऑपरेशन करने के बाद भी रोशनी नहीं आती है ऑपरेशन किया था तो करीब सात दिन बीत गए हैं, इसलिए अब विजन में इंप्रूवमेंट देखने में आया है।
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