मनरेगा नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन, गरीबों के हक पर हमला बताकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
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कटनी।
केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता कलेक्ट्रेट पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने इसे सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि गरीबों, किसानों और मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करने की साजिश बताया।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि करोड़ों ग्रामीण परिवारों के लिए सम्मानजनक रोजगार और जीवन यापन का सहारा है। ऐसे में इसका नाम बदलना महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटाने का प्रयास है, जो देश के गरीब और मेहनतकश वर्ग के संघर्ष से जुड़ी हुई है।
“गांधी” नहीं, गरीबों का हक मिटाने की कोशिश
शहर कांग्रेस अध्यक्ष एडवोकेट अमित शुक्ला ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार मनरेगा का नाम बदलकर गांधी जी की विचारधारा और गरीबों के संवैधानिक अधिकार दोनों को कमजोर करना चाहती है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि नाम बदलने से गांधी लोगों के दिलों से नहीं निकलेंगे, बल्कि इससे भाजपा की गरीब विरोधी सोच ही उजागर होती है।
उन्होंने कहा कि गांधी केवल एक नाम नहीं, बल्कि सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय का प्रतीक हैं। मनरेगा में गांधी का नाम जुड़ा होना गरीबों को यह भरोसा देता है कि यह योजना उनके हक और सम्मान से जुड़ी हुई है।
भुगतान में देरी, मजदूरों की रोजी-रोटी पर हमला
ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक सौरभ सिंह ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में मनरेगा मजदूरों के लिए जीवनरेखा थी। उस समय मनमोहन सिंह सरकार ने 15 दिन के भीतर मजदूरी भुगतान का कानूनी अधिकार दिया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में हालात पूरी तरह बदल गए हैं। आज मजदूरों को महीनों तक अपनी मेहनत की कमाई का इंतजार करना पड़ रहा है। पिछले तीन वर्षों से कई क्षेत्रों में भुगतान लंबित है, जो सीधे तौर पर मजदूरों की रोजी-रोटी पर हमला है। यह स्थिति बताती है कि सरकार की नीयत गरीबों के प्रति कितनी असंवेदनशील हो चुकी है।
खर्च का बोझ राज्यों पर डालने का आरोप
यूथ कांग्रेस नेता अंशु मिश्रा ने कहा कि पहले मनरेगा का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती थी, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव नहीं पड़ता था। लेकिन नई व्यवस्था में 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार पर डाल दिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह बदलाव धीरे-धीरे योजना को कमजोर करने और अंततः खत्म करने की दिशा में उठाया गया कदम है। राज्यों पर बढ़ता आर्थिक बोझ सीधे तौर पर मजदूरों के काम और भुगतान को प्रभावित करेगा।
मनरेगा को खत्म करने की साजिश
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सौम्या रांधेलिया ने कहा कि मनरेगा योजना को धीरे-धीरे समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले नाम बदलती है, फिर बजट में कटौती करती है और बाद में भुगतान में देरी कर मजदूरों को हतोत्साहित करती है।
पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष रजनी वर्मा ने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि जब लाखों मजदूर शहरों से गांव लौटने को मजबूर हुए थे, तब मनरेगा ने ही उन्हें काम और सम्मान दिया था। उस कठिन समय में यदि यह योजना न होती, तो ग्रामीण भारत की स्थिति और भयावह हो सकती थी।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने मनरेगा के साथ छेड़छाड़ बंद नहीं की, तो कांग्रेस आंदोलन को और तेज करेगी। जरूरत पड़ी तो किसानों और मजदूरों के हक में जेल भरो आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगी।
कांग्रेस का कहना है कि यह लड़ाई केवल एक योजना के नाम की नहीं, बल्कि देश के गरीब, किसान और मजदूर के भविष्य की है। जब तक उनके अधिकार सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी
इस प्रदर्शन में ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, राजेश जाटव, अजय जैसवानी, राजा जगवानी, रंजीत सिंह, श्याम पाहुजा, मुकेश परोहा, विनीत जायसवाल, जालिम यादव, अमन जैन, बंटी तिवारी, मौसुफ़ अहमद बिट्टू, कपिल रजक, अजय कोल, राजकुमार विश्वकर्मा, सूर्यकांत कुशवाहा, ओमकार सिंह तेकाम, श्याम यादव, विजय मंगल चौधरी, अजय वर्मा, अभय खरे, मुकेश यादव, सलाहुद्दीन खान, रमेश प्यासी, प्रशांत पांडे, कु. लता खरे, सुमन रजक, रमाकांत दुबे, नारायण निषाद, कैलाश कन्नौजिया, शरद पाल सिंह, मुकेश मिश्रा, प्रहलाद, दिग्विजय सिंह, रमेश अहिरवार, शेख मुश्ताक, अंशु गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस जन मौजूद रहे।
जनहित की लड़ाई जारी रहेगी
कांग्रेस नेताओं ने दो टूक कहा कि मनरेगा गरीबों का हक है, किसी सरकार की दया नहीं। इसे कमजोर करने या खत्म करने की हर कोशिश का कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी।
कटनी में हुआ यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में मनरेगा और गरीबों के अधिकारों को लेकर सियासी संघर्ष और तेज हो सकता है।
🖋️ Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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