🚨बिलासपुर में बड़ा रेल हादसा: पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की जबरदस्त टक्कर, 6 लोगों की मौत, राहत कार्य जारी
Written & Edited By : आदिल अज़ीज़ (जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
PUBLIC SAB JANTI HAI | Email : publicnewsviews1@gmail.com
बिलासपुर रेल हादसे ने झकझोरा देश को — सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ – 4 नवंबर 2025, मंगलवार की शाम को बिलासपुर रेल मंडल के इतिहास में दर्ज हो गया एक और काला दिन। गेवरा रोड से बिलासपुर की ओर आ रही मेमू लोकल ट्रेन (68733) ने बिलासपुर स्टेशन के पास सामने खड़ी मालगाड़ी को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। इस दिल दहला देने वाली दुर्घटना में 6 यात्रियों की मौत हो गई और दर्जनभर से अधिक लोग घायल हो गए।
रेलवे ट्रैक पर फैले मलबे और क्षतिग्रस्त कोचों की तस्वीरें हादसे की भयावहता बयान कर रही हैं।
कैसे हुआ यह भयानक हादसा
प्राथमिक जांच के अनुसार, मेमू ट्रेन ने बिलासपुर स्टेशन के करीब रेड सिग्नल को ओवरशूट किया, जिसके चलते सामने खड़ी मालगाड़ी से टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि पैसेंजर ट्रेन के एक कोच ने मालगाड़ी के ऊपर चढ़ाई मार दी, जिससे कई कोच पटरी से उतर गए।
घटना स्थल से मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रेन के चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाने की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ब्रेक फेलियर या मानवीय त्रुटि दोनों ही संभावनाओं की जांच की जा रही है।
घायलों का इलाज जारी, परिजन पहुंचे अस्पताल
दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF), स्थानीय पुलिस और मेडिकल टीमों ने राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया।
घायलों को बिलासपुर जिला अस्पताल और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कई यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है।
घटनास्थल पर मौजूद राहत कर्मियों ने बताया कि “रातभर बचाव कार्य जारी रहेगा क्योंकि कई डिब्बों में अब भी फंसे यात्रियों को निकालना बाकी है।”
राहत के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
रेलवे प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लोग अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें:
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चांपा जंक्शन: 808595652
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रायगढ़: 975248560
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पेंड्रा रोड: 8294730162
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घटनास्थल नियंत्रण कक्ष: 9752485499, 8602007202
इन नंबरों के माध्यम से परिवारजन अपने परिजनों की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ले सकते हैं।
रेलवे अधिकारियों ने मौके पर संभाली कमान
हादसे की सूचना मिलते ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, डीआरएम बिलासपुर, और तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गई।
उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा की और ट्रैक बहाली के निर्देश दिए।
रेलवे ने बताया कि दोनों अप और डाउन लाइनें फिलहाल बंद हैं, जिससे रूट पर कई ट्रेनों को डायवर्ट या कैंसिल किया गया है।
रातभर ट्रैक बहाली और क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाने का कार्य जारी रहेगा।
हादसे के पीछे की संभावित वजहें
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा सिग्नल ओवरशूटिंग के कारण हुआ प्रतीत होता है।
हालांकि, रेलवे तकनीकी टीम ने ब्रेक सिस्टम, सिग्नलिंग, और इंजन लॉगबुक की जांच शुरू कर दी है।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, यदि ब्रेक फेलियर की पुष्टि होती है तो ट्रेन के रखरखाव में लापरवाही की भी जांच होगी।
इस हादसे ने एक बार फिर भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
मृतकों के परिवारों के लिए सहायता की घोषणा
छत्तीसगढ़ प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और गंभीर रूप से घायल यात्रियों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।
रेल मंत्री ने भी दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि “दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
साथ ही, दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों की मदद बनी जीवनदायिनी
दुर्घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण और स्थानीय नागरिक घटनास्थल की ओर दौड़े।
उन्होंने पुलिस और राहत दल के साथ मिलकर यात्रियों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई।
कई लोगों ने अपने निजी वाहनों से घायल यात्रियों को अस्पताल तक पहुंचाया।
स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने भी घायलों के लिए रक्तदान शिविर लगाया।
ट्रेन संचालन पर पड़ा असर
इस हादसे के चलते बिलासपुर रेल मंडल का परिचालन ठप हो गया है।
कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रद्द की गई हैं, जबकि कुछ ट्रेनों को जांजगीर और कोरबा मार्ग से डायवर्ट किया गया है।
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले NTES ऐप या IRCTC वेबसाइट से अपनी ट्रेन की स्थिति अवश्य जांच लें।
रेलवे सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि आखिर रेलवे सुरक्षा प्रणाली में चूक कहाँ हो रही है।
हर बार हादसे के बाद जांच और मुआवज़े की घोषणा तो होती है, परंतु व्यवहारिक सुधार अक्सर अधूरे रह जाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रेलवे को अब स्मार्ट सिग्नलिंग और स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम (Automatic Train Protection) पर तेज़ी से काम करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
घटना से सबक: तकनीक और जिम्मेदारी दोनों जरूरी
बिलासपुर रेल हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है —
कि मानवीय त्रुटि और तकनीकी खामियाँ दोनों ही जानलेवा साबित हो सकती हैं।
रेलवे प्रशासन को इस घटना से सबक लेते हुए यात्रियों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और सख्त निगरानी तंत्र लागू करने होंगे।
मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए, यह जरूरी है कि ऐसी त्रासदियों से सीख लेकर भविष्य में उनकी पुनरावृत्ति को रोका जाए।
Written & Edited By : आदिल अज़ीज़
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