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जनसंपर्क विभाग में अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल, प्रदेशभर के 55 जिलों में कामकाज ठप

 



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कटनी (27 नवंबर) — मध्य प्रदेश में जनसंपर्क विभाग की स्थिति मंगलवार को पूरी तरह बदल गई, जब प्रदेश के सभी जिलों में जनसंपर्क कार्यालय और जनसंपर्क संचालनालय के अधिकारी व कर्मचारी अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले गए।
राज्य शासन द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गणेश कुमार जायसवाल को उपायुक्त राजस्व नर्मदापुरम से स्थानांतरित कर जनसंपर्क संचालनालय, भोपाल में पदस्थ करने के आदेश के बाद इस आंदोलन ने तेज़ी पकड़ ली।

जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय न केवल विभागीय परंपराओं के विपरीत है, बल्कि विभाग के कैडर अधिकारियों के हितों के खिलाफ भी है।
कटनी जिला जनसंपर्क कार्यालय भी इस हड़ताल का हिस्सा बना और यहां पूरे दिन कोई भी सरकारी सूचना, प्रेस विज्ञप्ति या कार्यक्रम कवरेज जारी नहीं किया गया।




हड़ताल का कारण: बाहरी कैडर की पदस्थापना पर आपत्ति

जनसंपर्क विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस बात पर नाराज़ हैं कि जनसंपर्क संचालनालय भोपाल में अपर संचालक का पद सदैव जनसंपर्क कैडर के अधिकारी के लिए निर्धारित रहा है।
लेकिन इस बार राज्य शासन ने बाहरी कैडर के अधिकारी को इस पद पर तैनात कर दिया।

कटनी जिला जनसंपर्क अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि “जनसंपर्क विभाग का यह पद विभागीय कैडर से ही भरा जाना चाहिए। बाहरी कैडर की नियुक्ति से विभाग के अधिकारियों के अधिकारों और पदोन्नति के अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।”

उन्होंने बताया कि इसी निर्णय का विरोध करते हुए प्रदेशभर के अधिकारी और कर्मचारी जनसंपर्क संबंधी सभी गतिविधियों से विरत रहे।


प्रदेश के सभी 55 जिलों में कामकाज पूरी तरह से ठप

यह हड़ताल कितनी व्यापक है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि
मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में जनसंपर्क कार्यालयों ने संयुक्त रूप से काम बंद कर दिया।

हड़ताल के चलते रुकी हुई प्रमुख गतिविधियाँ—

  • सरकारी प्रेस विज्ञप्तियाँ

  • सरकारी कार्यक्रमों की कवरेज

  • मीडिया मेल व सूचना प्रसारण

  • विभागीय रिपोर्टिंग

  • जिला व संभागीय स्तर की सरकारी सूचनाएँ

इससे सरकारी सूचना तंत्र पर सीधा प्रभाव पड़ा और कई विभागों में कार्यक्रमों की कवरेज अधर में अटक गई।


कटनी में भी जनसंपर्क विभाग का कामकाज ठप

कटनी जिला जनसंपर्क कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी कलमबंद हड़ताल पर रहे।
पूरे दिन किसी भी प्रकार का मीडिया मेल, समाचार संप्रेषण या सरकारी कार्यक्रमों की रिपोर्ट जारी नहीं हुई।
कटनी जिले में मीडिया संस्थानों को भी किसी प्रकार की सरकारी सूचना नहीं मिली, जिससे कई समाचार संस्थानों ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया।

कटनी जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि जब तक बाहरी कैडर की नियुक्ति रद्द नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।


कर्मचारियों का बड़ा आरोप: अधिकारों के साथ गंभीर अन्याय

जनसंपर्क विभाग का कहना है कि विभागीय कैडर के अधिकारियों का वर्षों से कैरियर प्लानिंग, प्रमोशन, अनुभव और प्रशिक्षण विशेष रूप से इसी पद के लिए किया जाता है।
इस पद पर बाहरी कैडर की नियुक्ति किए जाने से विभागीय अधिकारियों के भविष्य और पदोन्नति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

कर्मचारियों ने यह भी बताया कि—

  • विभागीय कैडर अधिकारियों को इस पद का पहला अधिकार है

  • उनकी वरिष्ठता और अनुभव को नज़रअंदाज़ किया गया

  • यह निर्णय विभाग की परंपराओं और नियमों के विपरीत है

इन्हीं कारणों से विभाग के कर्मचारियों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है।


हड़ताल के कारण राज्य स्तर पर सूचना तंत्र प्रभावित

जनसंपर्क विभाग राज्य सरकार और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है।
लेकिन इस हड़ताल से—

  • सरकारी कार्यक्रमों की दृश्यता

  • मीडिया कवरेज

  • सरकारी योजनाओं की जानकारी

  • जिला प्रशासन की आधिकारिक सूचनाएं
    सब प्रभावित हो गई हैं।

कई जिलों में आयोजित कार्यक्रमों की प्रेस विज्ञप्तियाँ और फोटो जारी न होने से सरकारी संचार बाधित हुआ है।
यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो राज्य-स्तरीय सूचना तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।


हड़ताल कब तक चलेगी? कर्मचारी अड़े रहे अपनी मांग पर

जनसंपर्क कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि उनकी हड़ताल अनिश्चितकालीन है और तब तक जारी रहेगी जब तक—

✔ बाहरी कैडर की पदस्थापना आदेश वापस नहीं लिया जाता

✔ विभागीय कैडर अधिकारियों का सम्मान सुनिश्चित नहीं किया जाता

कर्मचारियों के अनुसार, यह आंदोलन केवल एक पदस्थापना का विरोध नहीं है, बल्कि विभागीय कैडर की लंबे समय से उपेक्षित मांगों और अधिकारों की रक्षा से जुड़ा है।


बढ़ती असंतोष की लहर: समाधान की आवश्यकता

स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है और यह स्पष्ट है कि यदि राज्य शासन ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो जनसंपर्क विभाग का कामकाज लंबे समय तक ठप रह सकता है।
इससे न केवल सरकारी सूचना-वितरण प्रभावित होगा, बल्कि विभागीय मनोबल भी गिर सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य शासन को इस मामले पर जल्द से जल्द बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए, ताकि विभागीय तंत्र सामान्य रूप से कार्य कर सके।

जनसंपर्क विभाग की यह अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल कर्मचारियों के भीतर गहरे असंतोष और विभागीय न्याय की मांग को दर्शाती है।
वर्तमान परिस्थितियों में यह आवश्यक है कि शासन जल्द हस्तक्षेप करे और विभागीय कैडर अधिकारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करे।

कटनी सहित पूरे प्रदेश में जनसंपर्क कार्यालयों के बंद होने से सरकारी संचार पूरी तरह प्रभावित हुआ है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस विवाद का समाधान कितनी जल्दी निकलता है।


🖋️ Written & Edited By : ADIL AZIZ (आदिल अज़ीज़)

(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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