जनवरी 2026 तक पूरा होगा स्लीमनाबाद टनल खनन कार्य, कटनी सहित 4 जिलों की सिंचाई व्यवस्था में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
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स्लीमनाबाद टनल, कटनी सिंचाई परियोजना, अपर नर्मदा बरगी दायीं तट नहर, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, कलेक्टर आशीष तिवारी, बरगी टनल प्रोजेक्ट, किसानों की जीवन रेखा, मध्यप्रदेश सिंचाई योजना
कटनी (06 नवंबर) – मध्यप्रदेश के किसानों के लिए राहत और उम्मीद की बड़ी खबर सामने आई है। कटनी जिले के स्लीमनाबाद क्षेत्र में निर्माणाधीन अपर नर्मदा बरगी दायीं तट नहर टनल का कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। कलेक्टर आशीष तिवारी ने गुरुवार को टनल खनन स्थल का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को जनवरी 2026 तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
वर्तमान में टनल की कुल लंबाई में से मात्र 630 मीटर खुदाई कार्य शेष रह गया है। तकनीकी अमला और परियोजना दल युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं ताकि यह ऐतिहासिक परियोजना निर्धारित समय सीमा में पूरी हो सके।
🌾 किसानों की ‘जीवन रेखा’ बनेगी दायीं तट नहर
यह परियोजना न सिर्फ कटनी बल्कि जबलपुर, सतना, पन्ना और रीवा जिलों के किसानों के लिए जीवन रेखा साबित होने जा रही है।
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (NVDA) के कार्यपालन यंत्री सहज श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि टनल कार्य पूरा होने के बाद कटनी जिले की लगभग 21,823 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो सकेगी।
इसके अतिरिक्त,
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मैहर (सतना) की 54,227 हेक्टेयर भूमि,
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सतना जिले की 1,04,990 हेक्टेयर भूमि,
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पन्ना जिले की 448 हेक्टेयर भूमि, और
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रीवा जिले की 3,084 हेक्टेयर भूमि
को मिलाकर कुल 1 लाख 85 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचाई के दायरे में आएगी।
यह उपलब्धि प्रदेश की कृषि उत्पादकता को एक नई दिशा देगी और हजारों किसानों की आजीविका में स्थायी सुधार लाएगी।
🚇 टनल निरीक्षण: भूमिगत ट्रेन से पहुंचे खुदाई स्थल तक
कलेक्टर आशीष तिवारी ने निरीक्षण के दौरान अंडरग्राउंड लोको ट्रेन से करीब 7 किलोमीटर तक टनल के भीतर जाकर खुदाई स्थल का जायजा लिया।
टनल में टीबीएम (Tunnel Boring Machine) मशीन से खनन कार्य किया जा रहा है, जो उच्च तकनीकी उपकरणों से संचालित होती है।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम बहोरीबंद राकेश कुमार चौरसिया, तहसीलदार आकाशदीप नामदेव, कार्यपालन यंत्री सहज श्रीवास्तव, एसडीओ दीपक मंडलोई, दिलीप सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
⚙️ तकनीकी चुनौतियों से जूझ रही टीम
प्रोजेक्ट मैनेजर उग्रसेन सिंह ने बताया कि टनल की खुदाई के दौरान पानी के तेज रिसाव और कैविटी बनने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इन कारणों से टीबीएम मशीन के कटर कई बार क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिन्हें बदलने में अतिरिक्त समय लगता है।
फिर भी, टीम इन बाधाओं के बावजूद पूरी लगन से कार्य कर रही है ताकि निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
🏗️ 25 करोड़ की सॉफ्ट संरचना का भी किया निरीक्षण
टनल निरीक्षण से पहले कलेक्टर तिवारी ने स्लीमनाबाद में लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन सॉफ्ट स्ट्रक्चर कार्य का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की गति बढ़ाई जाए और गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए।
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि –
“यह परियोजना केवल एक विकास कार्य नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य से जुड़ी पहल है। इसे तय समय में पूरा करना हमारी प्राथमिकता है।”
🌊 नर्मदा से जुड़ेगा नया जलमार्ग, बढ़ेगी सिंचाई क्षमता
अपर नर्मदा बरगी दायीं तट नहर परियोजना का यह चरण जबलपुर से सतना जिले तक लगभग 11,953 मीटर लंबी टनल के रूप में तैयार किया जा रहा है।
इस टनल के माध्यम से बरगी डैम से निकलने वाला जल सीधे इन जिलों की कृषि भूमि तक पहुंचेगा।
यह टनल और नहर प्रणाली न केवल सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराएगी, बल्कि जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाने में भी सहायक होगी।
🌱 किसानों में उत्साह, ग्रामीणों में उमड़ी उम्मीद
टनल परियोजना के तेजी से आगे बढ़ने की खबर सुनकर स्थानीय किसानों और ग्रामीणों में उत्साह है।
कटनी, रीठी, बहोरीबंद और आसपास के गांवों के किसान इसे अपनी “जीवनदायिनी योजना” मान रहे हैं।
किसानों का कहना है कि परियोजना पूरी होते ही उनकी फसल उत्पादन क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी और कृषि पर निर्भर आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
🕰️ जनवरी 2026 तक पूरा होगा कार्य
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि जनवरी 2026 तक स्लीमनाबाद टनल का संपूर्ण खनन कार्य पूरा कर लिया जाए।
इसके बाद अंतिम लाइनिंग और पानी प्रवाह परीक्षण कार्य शुरू होगा।
जैसे ही यह परियोजना पूरी होगी, मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में कृषि क्रांति का नया अध्याय लिखा जाएगा।
✍️ निष्कर्ष
स्लीमनाबाद टनल परियोजना सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि यह किसानों की आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्थायी सिंचाई व्यवस्था का प्रतीक बनकर उभर रही है।
जनवरी 2026 तक इसके पूर्ण हो जाने पर, मध्यप्रदेश का यह इलाका जल समृद्धि और कृषि विकास के नए युग में प्रवेश करेगा।
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Written & Edited By : ADIL AZIZ
(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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