कटनी ग्रेड सेपरेटर पर सफल CRS स्पीड ट्रायल: रेलवे को मिली बड़ी राहत
कटनी (मध्य प्रदेश) में बन रहा ग्रेड सेपरेटर प्रोजेक्ट, जिसे भारतीय रेलों का सबसे लंबा वियाडक्ट माना जा रहा है, ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। आज, 120 किमी प्रति घंटे गति से छोटे ट्रेन के साथ KTKD से NMWP तक सफल CRS स्पीड ट्रायल संपन्न हुआ। यह ट्रायल कटंगी खुर्द से न्यू मझगवां तक यानी लगभग 15.85 किमी लंबी संरचना पर हुआ, जिसने रेलवे प्रबंधन को निश्चित ही राहत की सांस दी है।
प्रोजेक्ट का महत्व और संरचनात्मक विवरण
कटनी ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई लगभग 33.4 किमी है—यह भारतीय रेलवे का सबसे लंबा वियाडक्ट प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इसमें अप-ग्रेड सेपरेटर लगभग 13.5–16 किमी, और डाउन-ग्रेड सेपरेटर करीब 18 किमी तक फैला है The Times of India।
इस महत्त्वपूर्ण निर्माण में शामिल हैं:
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लगभग 260 पिलरों पर खड़ा अप-ग्रेड सेपरेटर,
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18 किमी लंबा वियाडक्ट, 3 किमी रिटेनिंग वॉल और 13 किमी अपर व डाउन सेपरेटर के लिए अर्थवर्क The Times of India।
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कुल अनुमानित लागत: ₹1,248 करोड़ The Times of IndiaX (formerly Twitter)।
तकनीकी उन्नति और इंजीनियरिंग मास्टरी
इस प्रोजेक्ट में IRCON द्वारा 76.20 मीटर लंबा ओपन वेब गर्डर लॉन्च करना एक शानदार उपलब्धि रही। इस गर्डर (328 MT) को 49 मीटर के कैंटिलीवर नोज (82 MT) के साथ मात्र 2.5 घंटे में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया—और कुल प्रक्रिया सिर्फ 4-घंटे ब्लॉक में पूरी हुई railanalysis.in।
इस उपलब्धि ने यह साफ़ कर दिया कि यह प्रोजेक्ट न केवल लंबाई में बल्कि इंजीनियरिंग दृष्टि से भी बॉर्डर पार कर चुका है।
आज का ट्रायल: रेलवे के लिए एक उम्मीद की किरण
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120 किमी/घंटा CRS स्पीड ट्रायल ने तकनीकी दृष्टि से सबको आश्वस्त किया है कि प्रोजेक्ट जंक्शन की व्यस्तता पार करेगा।
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अब मालगाड़ियों को पूरी रैक (फुल रैक) के साथ संचालित करने का मार्ग भी सुरक्षित दिखने लगा है — जिससे Bina–Katni अनुभाग में माल गाड़ियों की गति और रेलवे राजस्व दोनों में वृद्धि संभव है The Times of India।
रेल नेटवर्क में सकारात्मक प्रभाव
यह संरचना रेलवे नेटवर्क को कई मोर्चों से मजबूती प्रदान करेगी:
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Katni, New Katni, Katni Mudwara जैसे व्यस्त परिचालन क्षेत्रों से ट्रेनों को डायरेक्ट बाईपास मिलेगा,
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समय की बचत और मालगाड़ियों के परिचालन में सुगमता आएगी,
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पूर्व–पश्चिम दिशा में यातायात की गति में वृद्धि होगी, और
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West Central Railway के लिए आर्थिक लाभ सुनिश्चित होंगे The Times of India।
कटनी ग्रेड सेपरेटर प्रोजेक्ट समय-सीमा के भीतर समाप्ति की ओर अग्रसर है। अप सेपरेटर 2024 के सितंबर तक और डाउन सेपरेटर मार्च 2025 तक पूरा होने की संभावना है The Times of India।
आज का सफल ट्रायल न केवल इंजीनियरिंग का साक्ष्य है, बल्कि यह संकेत है कि रेलवे यातायात और माल-परिवहन का भविष्य कितनी तेजी से सुधर सकता है।
कटनी ग्रेड सेपरेटर पर 120 किमी/घंटा CRS ट्रायल सफल, रेलवे को मिली राहत
₹1248 करोड़ का कटनी ग्रेड सेपरेटर प्रोजेक्ट, 33.4 किमी वियाडक्ट पर तेज़ रफ्तार ट्रायल पूरा
कटंगी खुर्द से न्यू मझगवां तक 120 किमी/घंटा स्पीड ट्रायल में बड़ी सफलता
भारतीय रेलवे का सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर, CRS ट्रायल में साबित हुई मजबूती
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(जनहित की बात, पत्रकारिता के साथ)
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