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कटनी में दो स्कूल वाहनों की फिटनेस निरस्त: सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई

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कटनी में आरटीओ ने स्कूल वाहनों में अग्निशमन यंत्र, कैमरा और पैनिक बटन न पाए जाने पर दो स्कूल बसों की फिटनेस निरस्त की। जानिए क्या है नियम, और कैसे हो रहा है स्कूल वाहनों की सुरक्षा पर काम।


🚸 स्कूल वाहनों की सुरक्षा पर सख्त हुई प्रशासनिक कार्रवाई

✍️ लेखक एवं संपादक: आदिल अज़ीज़

कटनी, 22 मई – स्कूल बसें हमारे बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी होती हैं, और यदि इन वाहनों में जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं होते, तो यह गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। इसी को लेकर कटनी में एक सख्त प्रशासनिक कदम उठाया गया है।

अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष पाल ने श्री राम इंटरनेशनल स्कूल की दो स्कूल बसों – वाहन क्रमांक MP21ZF1990 और MP21ZF1905 – की फिटनेस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी। इन बसों में आवश्यक अग्निशमन यंत्र, सीसीटीवी कैमरा, और पैनिक बटन जैसी बुनियादी सुरक्षा सुविधाओं की अनुपस्थिति पाई गई।


🛑 क्या है मामला?

कटनी के बस स्टैंड क्षेत्र में स्कूल वाहनों का औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान आरटीओ को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि स्कूल बसों में वह उपकरण मौजूद ही नहीं थे, जो हर स्कूल वाहन के लिए अनिवार्य हैं।

श्री राम इंटरनेशनल स्कूल की दो बसों में ये कमियाँ सामने आईं:

  • अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) नहीं था

  • सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया था

  • पैनिक बटन की भी व्यवस्था नहीं थी

इन उपकरणों की गैर-मौजूदगी से यह स्पष्ट हुआ कि यदि आपातकालीन स्थिति आती, तो बच्चों की सुरक्षा संकट में पड़ सकती थी।


📋 आरटीओ की सख्ती: नियम नहीं तो फिटनेस नहीं

संतोष पाल ने मौके पर ही दोनों वाहनों की फिटनेस प्रमाण-पत्र रद्द कर दिए। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया गया कि सभी कमियों को दूर करें और फिर से फिटनेस के लिए परिवहन विभाग में उपस्थित हों।

उनका कहना है:

"बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। जो भी स्कूल वाहन सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"


🧑‍🏫 स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी

एक जिम्मेदार शिक्षण संस्था के तौर पर स्कूल की पहली प्राथमिकता छात्रों की सुरक्षा होनी चाहिए। लेकिन इस मामले में यह लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती थी।
श्री राम इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन को न केवल दोष स्वीकार कर, बल्कि तुरंत सभी आवश्यक उपायों को लागू करना चाहिए।

उन्हें इन निर्देशों का पालन करना होगा:

  • सभी स्कूल वाहनों में अग्निशमन यंत्र लगाना

  • हाई-क्वालिटी सीसीटीवी कैमरा लगाना

  • हर बस में पैनिक बटन इंस्टॉल करना

  • ड्राइवर और सहायक कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना


📈 प्रशासन का नजरिया: “सुरक्षित परिवहन, सुरक्षित भविष्य”

इस कार्यवाही को कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशों के तहत अंजाम दिया गया। कलेक्टर के अनुसार, बच्चों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है, और इसके लिए स्कूल बसों, ओवरलोडेड मालवाहकों और लोक परिवहन बसों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

यह सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश है सभी स्कूलों और वाहन मालिकों को – "बिना सुरक्षा के स्कूल वाहन नहीं चलेंगे।"


📚 क्या कहते हैं मोटर वाहन अधिनियम और नियम?

मोटर वाहन अधिनियम 1988 और सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूल वाहनों के लिए कुछ विशेष नियम लागू होते हैं:

  • प्रत्येक स्कूल बस में अग्निशमन यंत्र अनिवार्य

  • बस में सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग होनी चाहिए

  • पैनिक बटन से जुड़ा एक अलार्म सिस्टम होना चाहिए

  • ड्राइवर के पास स्कूल वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए

  • बस में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए

इन नियमों का उल्लंघन करना केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि आपराधिक श्रेणी में आता है।


🚨 सुरक्षा में लापरवाही के परिणाम

बच्चों की सुरक्षा में छोटी सी लापरवाही भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। कई बार देश के विभिन्न हिस्सों से स्कूल बसों में आग लगने या दुर्घटनाओं की खबरें आती रहती हैं। इसलिए प्रशासनिक सख्ती और स्कूल प्रबंधन की जागरूकता दोनों ही अनिवार्य हैं।


✍️ स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया

स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यदि समय-समय पर ऐसे निरीक्षण होते रहें, तो स्कूल प्रबंधन अधिक जिम्मेदारी से कार्य करेगा।

एक अभिभावक राहुल मिश्रा ने कहा:

“हम अपने बच्चों को भरोसे के साथ स्कूल भेजते हैं। अगर बसों में सुरक्षा नहीं है, तो ये विश्वास टूट जाएगा। प्रशासन की यह कार्रवाई बिलकुल सही समय पर हुई है।”


🔍 भविष्य की दिशा: समाधान और सुधार

यह घटना सभी स्कूलों के लिए चेतावनी है कि यदि उन्होंने सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, तो उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही प्रशासन को चाहिए कि:

  • स्कूल वाहनों का प्रत्येक माह निरीक्षण हो

  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल में सुरक्षा उपकरणों की अपडेट स्थिति जोड़ी जाए

  • ड्राइवरों की ट्रेनिंग के लिए नियमित कार्यक्रम चलाए जाएं


कटनी में दो स्कूल बसों की फिटनेस रद्द होना केवल एक स्थानीय घटना नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में स्कूल परिवहन की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। यदि हर जिला प्रशासन इसी तरह सतर्क और सक्रिय हो जाए, तो हम बच्चों को एक सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद यात्रा अनुभव दे सकते हैं।


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