मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल: प्रशासन से नाराजगी, सुरक्षा लौटाने का बड़ा कदम , मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने हाल ही में अपनी सुरक्षा को वापस कर राज्य सरकार को चौंका दिया है
written & edited by : ADIL AZIZ
मऊगंज, 12 अक्टूबर: मध्य प्रदेश में भाजपा विधायकों और प्रशासन के बीच चल रहे तनाव के बीच मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी नाराजगी का बड़ा प्रदर्शन करते हुए शासन द्वारा दी गई सुरक्षा वापस कर दी है। अपने दोनों गनमैन और राइफल धारी सुरक्षा कर्मियों को लौटाने का यह कदम विधायक प्रदीप पटेल के बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। यह घटना सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बनी हुई है, और उनके सुरक्षा वापसी के वीडियो ने आग में घी का काम किया है।
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सुरक्षा लौटाने का बड़ा कदम
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने हाल ही में अपनी सुरक्षा को वापस कर राज्य सरकार को चौंका दिया है। रीवा से बस में सवार होकर मऊगंज पहुंचे प्रदीप पटेल ने अपनी सुरक्षा से संबंधित अधिकारियों को सख्त संदेश दिया। यह घटना तब हुई जब उन्होंने अपने गनमैन और राइफल धारी सुरक्षाकर्मियों को शासन को लौटा दिया।
यह कदम उनके असंतोष और प्रशासन के साथ चल रहे विवाद का संकेत है। माना जा रहा है कि अगर उनकी नाराजगी जल्द दूर नहीं होती तो वे बड़ा कदम उठाते हुए इस्तीफा भी दे सकते हैं।
प्रदीप पटेल और प्रशासन के बीच विवाद
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल और प्रशासन के बीच तनाव का कारण उनके क्षेत्र में बढ़ते नशे के कारोबार को लेकर है। कुछ समय पहले उन्होंने रीवा आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार और मऊगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग पांडे के कार्यालय में जाकर दंडवत होकर मदद की गुहार लगाई थी। उनका आरोप था कि इन अधिकारियों के संरक्षण में उनके विधानसभा क्षेत्र में नशे का अवैध कारोबार चल रहा है।
इससे पहले, विधायक प्रदीप पटेल ने सार्वजनिक रूप से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। इसके बाद शासन ने उनके लिए दो राइफल धारी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था, लेकिन अब विधायक ने उन्हें भी लौटा दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
प्रदीप पटेल के सुरक्षा लौटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें स्पष्ट रूप से अपनी नाराजगी जाहिर करते और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते देखा जा सकता है। यह वीडियो भाजपा के अन्य विधायकों और प्रशासन के बीच चल रहे विवाद के बीच खासा चर्चित हो गया है।
हालांकि कई अन्य भाजपा विधायकों ने अपनी सफाई देकर प्रशासन के साथ समझौता कर लिया है, लेकिन प्रदीप पटेल की नाराजगी अभी भी बनी हुई है। उनके इस कदम से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और यह मामला भाजपा नेतृत्व के लिए सिरदर्द बन सकता है।
राजनीतिक हलचल और इस्तीफे की अटकलें
सूत्रों की मानें तो अगर विधायक प्रदीप पटेल की नाराजगी दूर नहीं होती तो वे जल्द ही अपने पद से इस्तीफा देने का बड़ा फैसला ले सकते हैं। इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस प्रकार की अटकलों ने राजनीतिक माहौल में गरमाहट ला दी है।
अगर वाकई प्रदीप पटेल इस्तीफा देते हैं, तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर तब जब राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। इस प्रकार के घटनाक्रम से पार्टी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और विपक्ष को मुद्दा मिल सकता है।
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प्रशासन पर लगे आरोप
प्रदीप पटेल ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में नशे के कारोबार के बढ़ने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, जो न सिर्फ समाज के लिए खतरनाक है बल्कि युवाओं को भी बर्बाद कर रहा है।
उन्होंने इस मुद्दे पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन उनके अनुसार कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनके अनुसार, यही कारण है कि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित होना पड़ा और अब उन्होंने अपनी सुरक्षा लौटा कर इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराया है।
जनता के बीच बढ़ता समर्थन
विधायक प्रदीप पटेल का यह कदम जहां प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है, वहीं उन्हें जनता के बीच समर्थन भी मिल रहा है। मऊगंज के स्थानीय लोगों का मानना है कि विधायक ने अपने क्षेत्र के लिए एक सही मुद्दे को उठाया है और नशे के कारोबार को रोकने के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
उनके इस कदम को जनता के बीच एक साहसी निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। लोग उन्हें एक निडर नेता के रूप में पहचानने लगे हैं, जो अपने क्षेत्र की भलाई के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
भाजपा नेतृत्व की प्रतिक्रिया
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मामले को लेकर गंभीर है और जल्दी ही प्रदीप पटेल की नाराजगी को दूर करने की कोशिश करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे बातचीत की पहल की है, ताकि मामले को सुलझाया जा सके और पार्टी को किसी बड़े नुकसान से बचाया जा सके।
हालांकि अभी तक पार्टी की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस तरह के मामलों में पार्टी नेतृत्व अक्सर अपने नेताओं की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करता है ताकि संगठन में एकता बनी रहे।
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल द्वारा अपनी सुरक्षा लौटाने का कदम प्रशासन और भाजपा नेतृत्व दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है। उनके इस साहसी कदम ने न केवल राजनीतिक हलचल मचाई है बल्कि जनता के बीच भी उन्हें एक निडर नेता के रूप में प्रस्तुत किया है।
भाजपा नेतृत्व को इस मामले को जल्द सुलझाना होगा, क्योंकि अगर प्रदीप पटेल इस्तीफा देने का फैसला करते हैं, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस मुद्दे को कैसे संभालती है और प्रदीप पटेल की नाराजगी को कैसे दूर करती है।
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