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दस्त और डायरिया से बचाव के उपाय: बारिश के मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें




written and edited by : Adil Aziz अगस्त 18, 2024

कटनी (18 अगस्त 2024) - बरसात के मौसम में दस्त, उल्टी-दस्त, और डायरिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इन बीमारियों के कारण न केवल शरीर में कमजोरी आती है, बल्कि समय पर इलाज न होने पर ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। दस्त और डायरिया की समस्या विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखी जाती है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि कैसे इन बीमारियों से बचा जा सकता है और बरसात के मौसम में अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखा जा सकता है।

दस्त और डायरिया क्या हैं?

दस्त, जिसे आम भाषा में 'डायरिया' भी कहा जाता है, पेट की एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला और पानी जैसा मल त्याग करना पड़ता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब पेट और आंतों में संक्रमण या जलन होती है। दस्त और डायरिया के कारण शरीर में पानी, नमक, और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति कमजोरी महसूस करने लगता है। विशेषकर छोटे बच्चे और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।

दस्त और डायरिया के मुख्य कारण

बरसात के मौसम में दस्त और डायरिया फैलने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. दूषित पानी: बरसात के मौसम में पानी की स्वच्छता का ध्यान न रखना सबसे बड़ा कारण है। नदियों, झरनों, पोखरों का पानी दूषित हो सकता है, जो पीने के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

  2. अस्वच्छ भोजन: खुले में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन, बासा या सड़ा-गला भोजन, और मांस खाने से भी दस्त की समस्या हो सकती है।

  3. स्वच्छता की कमी: शौचालय का उपयोग न करना, हाथ न धोना, और खुले में शौच जैसी आदतें भी दस्त और डायरिया का कारण बनती हैं।

  4. मक्खियों का संक्रमण: मक्खियां दूषित भोजन पर बैठकर संक्रमण फैलाती हैं, जिससे दस्त की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

दस्त और डायरिया के लक्षण

दस्त और डायरिया के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय पर इलाज शुरू किया जा सके। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

  • बार-बार पतला और पानी जैसा मल त्याग
  • पेट में मरोड़ और दर्द
  • उल्टी आना या मतली महसूस होना
  • शरीर में कमजोरी और थकान
  • मुंह का सूखना और प्यास अधिक लगना
  • शरीर का तापमान बढ़ जाना (बुखार)

दस्त और डायरिया से बचाव के उपाय

दस्त और डायरिया से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. शुद्ध पानी का सेवन करें: बरसात के मौसम में केवल उबला हुआ पानी ही पीएं। पोखर, झिरिया, या नदी का पानी पीने से बचें। पानी को उबालने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं, जिससे दस्त और डायरिया का खतरा कम हो जाता है।

  2. स्वच्छ भोजन करें: ताजा और स्वच्छ भोजन ही करें। बासा, सड़ा-गला, या खुला भोजन खाने से बचें। खासकर बासा मांस खाने से बचें, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो पेट की समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

  3. हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें: खाना खाने से पहले और शौच के बाद हमेशा साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोएं। हाथों की स्वच्छता रखने से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है।

  4. फलों और सब्जियों की स्वच्छता का ध्यान रखें: सड़े-गले फल और सब्जियों का उपयोग न करें। इन्हें अच्छी तरह से धोकर ही सेवन करें। इसके अलावा, खाद्य पदार्थों को हमेशा ढककर रखें ताकि मक्खियों से बचाया जा सके।

  5. शौचालय का उपयोग करें: खुले में शौच करने से बचें और हमेशा शौचालय का ही उपयोग करें। इससे न केवल वातावरण स्वच्छ रहेगा, बल्कि बीमारियों का खतरा भी कम होगा।

  6. क्लोरीनेशन कराएं: सप्ताह में कम से कम एक बार कुएं या अन्य जल स्रोतों में क्लोरीनेशन कराएं, ताकि पानी शुद्ध हो सके और उसमें कोई हानिकारक तत्व न रहे।

  7. तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं: दस्त और डायरिया के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा दें। घर में खीरा, दही, शिकंजी, चावल का पानी (माड), और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें।

  8. ओआरएस का उपयोग करें: दस्त और डायरिया के दौरान ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट) का घोल पीते रहें। यह शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करने में सहायक होता है।

दस्त और डायरिया का इलाज

दस्त और डायरिया के शुरुआती लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। इसके इलाज में निम्नलिखित दवाओं का उपयोग किया जा सकता है:

  • फ्यूराजोलाडिन: दस्त के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक आम दवा है।
  • मेट्रोजिल: यह एक एंटीबायोटिक है, जो पेट की संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
  • डायक्लोमिन: यह पेट के दर्द और मरोड़ को कम करने में सहायक होती है।
  • मेट्रोक्लोरापामाइड: उल्टी के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  • जिंक की गोली: यह दस्त के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक होती है।

जागरूकता और सावधानी से बचें इन बीमारियों से

दस्त और डायरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जागरूकता और सावधानी। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना और शुद्ध पेयजल का सेवन करना आवश्यक है। इसके साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और वे इन बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।

समाप्ति: स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें

बरसात के मौसम में दस्त और डायरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए उपरोक्त सभी उपायों का पालन करें। अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें और स्वच्छता बनाए रखें। याद रखें, स्वस्थ शरीर ही सुखी जीवन का आधार है।


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