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अमानक, मिथ्याछाप और मिलावटी खाद्य सामग्री के विक्रय पर जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही


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written & edited by : Adil Aziz 

कटनी (24 अगस्त) - जिले में चलाए जा रहे मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत जिला प्रशासन ने एक बार फिर से कठोर कदम उठाते हुए खाद्य सामग्री में मिलावट करने वाले तीन प्रतिष्ठानों पर भारी जुर्माना लगाया है। जिला प्रशासन द्वारा लगातार ऐसे कार्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसमें अमानक, मिथ्याछाप और मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री और संग्रहण पर रोक लगाई जा सके।

तीन प्रतिष्ठानों पर 95 हजार रुपये का जुर्माना

जिला प्रशासन द्वारा अमानक और मिलावटी खाद्य सामग्री के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत तीन प्रतिष्ठानों के संचालकों पर कुल 95 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। न्याय निर्णायक अधिकारी और अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी साधना कमलकांत परस्ते ने इस जुर्माने का आदेश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के अनुचित लाभ अर्जित करने वाले और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई जारी रहेगी।

आसू डेयरी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना

पहले मामले में, माधव नगर स्थित आसू डेयरी के संचालक राजा यादव पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि आसू डेयरी ने गाय-भैंस के मिक्स दूध का विक्रय किया, जो कि अवमानक पाया गया। इसके अलावा, यह भी पाया गया कि संचालक बिना खाद्य पंजीयन के कारोबार कर रहा था, जो खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 का उल्लंघन है।

जिनेन्द्र मिल्क सेंटर पर 30 हजार रुपये का जुर्माना

दूसरे मामले में, आजाद चौक स्थित जिनेन्द्र मिल्क सेंटर के संचालक धन्य कुमार जैन और धीरज जैन पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन पर आरोप था कि इन्होंने पेड़ा नामक खाद्य सामग्री में मिलावट की और मिथ्याछाप सामग्री का विक्रय किया। इस प्रकार के मामलों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धाराओं का उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाती है।

अंकित ट्रेडर्स पर 15 हजार रुपये का जुर्माना

तीसरे मामले में, पान उमरिया रोड स्थित अंकित ट्रेडर्स के संचालक राजकुमार चौधरी और उनके साझेदारों पर 15 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है। यह दंड इसलिए लगाया गया क्योंकि उन्होंने राज श्री बॉण्ड, विमल ब्राण्ड पान मसाला और नमकीन बिस्किट जैसे उत्पादों का व्यवसाय बिना सही बिल प्रस्तुत किए किया। इसके अलावा, राज श्री पान मसाला का नमूना अवमानक पाया गया, जो खाद्य सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन है।

अर्थदंड की राशि जमा करने के निर्देश

उपरोक्त तीनों मामलों में, संबंधित प्रतिष्ठानों को 30 दिवस के भीतर अर्थदंड की राशि ट्रेजरी चालान के माध्यम से जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस राशि को चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य विभाग के खाते में जमा किया जाना है। यदि निर्धारित समय में राशि जमा नहीं की जाती है, तो लोक धन शोध अधिनियम के तहत राशि की वसूली की जाएगी।

मिलावटखोरी के खिलाफ कठोर कदम

जिला प्रशासन का यह कदम खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मिलावटखोरी न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि यह एक गंभीर अपराध भी है। जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

उपभोक्ताओं की सुरक्षा प्राथमिकता

जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य जिले के उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। प्रशासन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की मिलावटी या मिथ्याछाप खाद्य सामग्री की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम का महत्व

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। यह अधिनियम उन सभी गतिविधियों को रोकने के लिए लागू किया गया है, जो खाद्य सामग्री में मिलावट और मिथ्याछाप के रूप में होती हैं।

मिलावट से मुक्त कटनी

जिला प्रशासन का उद्देश्य कटनी जिले को मिलावट से मुक्त बनाना है। इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जिले के लोग स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें। इस अभियान के तहत सभी प्रतिष्ठानों की नियमित रूप से जांच की जा रही है और जो भी प्रतिष्ठान अमानक, मिथ्याछाप या मिलावटी खाद्य सामग्री का विक्रय करता पाया जाता है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।

उपभोक्ताओं की जागरूकता

प्रशासन का यह भी प्रयास है कि उपभोक्ताओं को इस बारे में जागरूक किया जाए कि वे केवल प्रमाणित और सुरक्षित खाद्य सामग्री का ही उपयोग करें। इसके लिए उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री की पहचान करने और मिलावट की शिकायत करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

खाद्य सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास

खाद्य सुरक्षा एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें प्रशासन, उपभोक्ता और विक्रेता सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। यदि हम सभी मिलकर इस दिशा में प्रयास करें, तो निश्चित ही हम अपने समाज को मिलावट से मुक्त बना सकते हैं।

भविष्य की योजनाएं

जिला प्रशासन भविष्य में भी इस तरह के अभियान चलाता रहेगा ताकि जिले में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाइयां जारी रहेंगी।

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