शासकीय शालाओं में छात्र-छात्राओं को लगाया जा रहा डीपीटी, टीडी का टीका: बीमारी से डरें, टीके से नहीं
written and edited by : Adil Aziz अगस्त 10, 2024
कटनी (10 अगस्त) - स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए टीकाकरण का महत्व किसी से छिपा नहीं है। इसी कड़ी में, कटनी जिले की शासकीय शालाओं में कक्षा-1, कक्षा-5, और कक्षा-11 के छात्र-छात्राओं को डिप्थीरिया, परट्यूसिस, और टिटनेस (डीपीटी) के साथ-साथ टिटनेस और डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जा रहा है। यह अभियान शासन के निर्देशानुसार सम्पूर्ण प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करना है।
प्रथम चरण का अभियान: अगस्त 2024
इस वर्ष टीकाकरण अभियान का प्रथम चरण अगस्त माह में संचालित किया जा रहा है। 8, 22 और 29 अगस्त 2024 को चिन्हित शासकीय शालाओं में कक्षा-5 (10 वर्ष) और कक्षा-11 (16 वर्ष) के छात्र-छात्राओं को टीडी का टीका लगाया जा रहा है। यह टीका बच्चों को डिप्थीरिया (गलघोंटू), परट्यूसिस (काली खांसी), और टिटनेस जैसी घातक बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक है।
टीकाकरण की आवश्यकता और महत्व
टीकाकरण का उद्देश्य बच्चों को गंभीर और संभावित जानलेवा बीमारियों से बचाव करना है। डिप्थीरिया, परट्यूसिस और टिटनेस तीन ऐसी बीमारियां हैं, जो बच्चों की जान के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। इन बीमारियों के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए टीडी और डीपीटी टीके अत्यंत प्रभावी हैं।
डिप्थीरिया (गलघोंटू):
डिप्थीरिया एक गंभीर संक्रमण है जो मुख्य रूप से गले और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह रोग बैक्टीरिया द्वारा फैलता है और अगर समय पर इलाज न हो, तो यह घातक साबित हो सकता है। टीडी और डीपीटी टीके बच्चों को इस बीमारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
परट्यूसिस (काली खांसी):
काली खांसी एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है, जो खांसने और छींकने से फैलती है। यह रोग छोटे बच्चों में अधिक गंभीर हो सकता है और अगर समय पर इलाज न हो, तो यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है। डीपीटी टीका बच्चों को इस गंभीर संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है।
टिटनेस:
टिटनेस एक बैक्टीरिया संक्रमण है, जो किसी कट या घाव के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह बीमारी गंभीर मांसपेशी ऐंठन का कारण बनती है और अगर समय पर इलाज न हो, तो यह घातक हो सकती है। टीडी टीका बच्चों को टिटनेस से बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
टीकाकरण अभियान की योजना
कटनी जिले में टीकाकरण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें विशेष रूप से ध्यान दिया गया है कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। अभियान के दौरान, स्वास्थ्य कार्यकर्ता शालाओं में जाकर बच्चों को टीके लगाएंगे और उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जांच भी करेंगे।
टीकाकरण से जुड़े मिथक और वास्तविकता
टीकाकरण के महत्व के बावजूद, समाज में कुछ मिथक और भ्रांतियां फैलती रहती हैं। कुछ लोग यह मानते हैं कि टीकाकरण के बाद बच्चों में साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
लेकिन, यह समझना आवश्यक है कि टीकाकरण बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रभावी होता है। टीकाकरण के बाद हल्की बुखार या दर्द होना सामान्य है, लेकिन यह गंभीर नहीं होता और कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। इसीलिए, माता-पिता को इन मिथकों से दूर रहकर अपने बच्चों को समय पर टीकाकरण कराना चाहिए।
टीकाकरण के लाभ
टीकाकरण न केवल बच्चों को बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करता है। जब अधिकांश बच्चों को टीका लगाया जाता है, तो रोगों के फैलने की संभावना कम हो जाती है, जिससे पूरे समाज में स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ती है।
इसके अलावा, टीकाकरण से गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता है। इसलिए, टीकाकरण बच्चों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
टीकाकरण के बाद की देखभाल
टीकाकरण के बाद बच्चों की विशेष देखभाल की जानी चाहिए। टीके लगने के बाद बच्चों को आराम करने दिया जाए और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जाए। अगर किसी प्रकार की असामान्यता दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा, टीकाकरण के बाद बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी और पौष्टिक भोजन दिया जाना चाहिए, ताकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया जा सके।
समाज की भागीदारी और जागरूकता
टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए समाज की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभिभावकों को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और अपने बच्चों को समय पर टीकाकरण के लिए स्कूल भेजना चाहिए। इसके साथ ही, समुदाय में टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, ताकि कोई भी बच्चा इस सुरक्षा कवच से वंचित न रहे।
निष्कर्ष
टीकाकरण बच्चों के स्वस्थ भविष्य की आधारशिला है। शासकीय शालाओं में चलाए जा रहे डीपीटी और टीडी टीकाकरण अभियान का उद्देश्य बच्चों को गंभीर और जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करना है।
यह आवश्यक है कि माता-पिता इस अभियान का हिस्सा बनें और अपने बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करें। स्वस्थ बच्चों का मतलब है स्वस्थ समाज, और स्वस्थ समाज का निर्माण हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए, बीमारी से डरने की बजाय, टीकाकरण को अपनाएं और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
- #टीकाकरण_अभियान
- #डीपीटी_टीकाकरण
- #कटनी_समाचार
- #टीडी_टीका
- #शासकीय_शाला
- #स्वास्थ्य_सुरक्षा
- #बच्चों_की_देखभाल
- #समाज_की_जागरूकता
- #बीमारी_से_सुरक्षा
- #टीकाकरण_का_महत्व
- #VaccinationCampaign
- #DPTVaccination
- #KatniNews
- #TDVaccine
- #GovernmentSchool
- #HealthSafety
- #ChildCare
- #CommunityAwareness
- #DiseasePrevention
- #ImportanceOfVaccination
बनारसी सिल्क जैक्वार्ड साड़ी ब्लाउज पीस के साथ बनारसी सिल्क जैक्वार्ड साड़ी ब्लाउज पीस के साथ *फ़ैब्रिक*: सिल्क ब्लेंड टाइप*: ब्लाउज पीस के साथ साड़ी स्टाइल*: जैक्वार्ड डिज़ाइन टाइप*: बनारसी सिल्क साड़ी की लंबाई*: वेरिएबल ब्लाउज की लंबाई*: 0.8 (मीटर में) *रिटर्न*: डिलीवरी के 7 दिनों के भीतर। बिना कोई सवाल पूछेजल्दी करें केवल 6 यूनिट उपलब्ध हैं नमस्ते, आपके साथ यह शानदार कलेक्शन शेयर कर रहे हैं.अगर आप कोई प्रोडक्ट खरीदना चाहते हैं, तो लिंक पर क्लिक करें या https://myshopprime.com/collections/511661363 ..
Banarasi Silk Jacquard Sarees with Blouse piece Banarasi Silk Jacquard Sarees with Blouse piece *Fabric*: Silk Blend Type*: Saree with Blouse piece Style*: Jacquard Design Type*: Banarasi Silk Saree Length*: Variable Blouse Length*: 0.8 (in metres) *Returns*: Within 7 days of delivery. No questions askedHurry, 3 units available only https://myshopprime.com/collections/511661363 only Hi, sharing this amazing collection with you.
If you want to buy any product, click link
कोई टिप्पणी नहीं